आखिरकार दिलीप घोष की शादी कोलकाता स्थित उनके न्यू टाउन आवास पर संपन्न हो ही गई. उनकी शादी में प्रदेश भाजपा के कुछ खास नेता ही उपस्थित थे. यह पूरी तरह पारिवारिक समारोह था. शादी के बाद दिलीप घोष और रिंकी मजूमदार काफी खुश नजर आ रहे थे.
एक किंवदन्ती यह है कि संघ से जुड़ने वाले अधिकतर लोग अविवाहित रहते हैं. दिलीप घोष 1984 में संघ से जुड़ गए. दूसरे संघी लोगों की तरह उन्होंने भी अकेला जीवन गुजारने का फैसला किया था. शायद वह ऐसा कर भी लेते, लेकिन मां की ममता और उनकी जिद जीत गई. दिलीप घोष का संकल्प हार गया और ना चाहते हुए भी उन्होंने विवाह का फैसला किया.
दिलीप घोष की जीवन संगिनी है रिंकी मजूमदार. दिलीप घोष की उम्र 60 साल है. जबकि रिंकी मजूमदार उनसे 10 साल छोटी है. वह एक तलाकशुदा महिला है. उनका एक बेटा भी है, जो आईटी सेक्टर में काम करता है. बेटे की उम्र 25 साल है. दिलीप घोष की तरह ही रिंकी मजूमदार भाजपा की सक्रिय सदस्य हैं और पार्टी की महिला मोर्चा से जुड़ी हुई है. दिलीप घोष और रिंकी मजूमदार दोनों ही कोलकाता के न्यू टाउन में रहते हैं.
दिलीप घोष 2014 में भाजपा से जुड़ गए. वह संघ के एक समर्पित कार्यकर्ता भी है. जब दिलीप घोष पश्चिम बंगाल भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष थे, तभी एक कार्यक्रम के दौरान उनकी मुलाकात रिंकी मजूमदार से हुई थी. रिंकी मजूमदार तब भाजपा की सदस्या नहीं थी. लेकिन दिलीप घोष के आग्रह पर वह भाजपा की सदस्य बन गई. धीरे-धीरे दिलीप घोष और रिंकी मजूमदार दोनों एक दूसरे के दोस्त बनते चले गए. 2021 में उनकी दोस्ती प्रेम में बदल गई. 2024 के लोकसभा चुनाव में दिलीप घोष अपने संसदीय क्षेत्र से चुनाव हार गए, तो वह काफी उदास थे. उसक समय रिंकी मजूमदार ने दिलीप घोष के सामने शादी का प्रस्ताव रखा था.
दिलीप घोष शादी से दूर रहना चाहते थे. लेकिन मां चाहती थी कि दिलीप घोष शादी करें और अपना पारिवारिक जीवन शुरू करें. रिंकी मजूमदार भी यही चाहती थी और वह दिलीप घोष की मां पुष्प लता घोष से मिलकर दिलीप घोष को शादी के लिए तैयार करने में जुट गई. पुष्प लता घोष की बड़ी इच्छा थी कि उनके घर में बहू आए, ताकि उनका घर आंगन बच्चों की किलकारियों से गूंजे. वह बार-बार दिलीप घोष पर अपनी ममता निछावर करते हुए अपनी इच्छा पूरी करने के लिए उन पर दबाव डालती रही.
संघ के समर्पित कार्यकर्ता होने के नाते दिलीप घोष शादी के बंधन में बंधन नहीं चाहते थे. उन्होंने कभी सोचा भी नहीं था. लेकिन धीरे-धीरे उन्हें यह लगने लगा कि इस तरह से वह अकेला पड़ जाएंगे. जीवन की दूसरी जरूरत के समान ही शादी भी एक जरूरत होती है. हाल ही में ईडन गार्डन स्टेडियम में 3 अप्रैल को एक आईपीएल मैच के दौरान दिलीप घोष, रिंकी मजूमदार और उनका बेटा एक साथ मैच का आनंद लेते देखे गए.
दिलीप घोष और रिंकी मजूमदार की शादी में कुछ खास लोगों को ही बुलाया गया था. एक निजी समारोह में दोनों ने शादी की है. हालांकि उनकी शादी से कई लोग नाखुश बताए जा रहे हैं, तो पार्टी में कुछ लोग खुश भी हैं और उन्हें बधाई दे भी रहे हैं. सूत्रों ने बताया कि संघ के कुछ नेता दिलीप घोष और रिंकी मजूमदार की शादी से नाराज हैं. उन्होंने भरसक कोशिश की थी कि विधानसभा चुनाव से पहले दिलीप घोष और रिंकी मजूमदार की शादी ना हो. परंतु दिलीप घोष ने अपने दिल और मां की ममता की पुकार सुनी. आखिरकार उन्होंने नए जीवन की शुरुआत कर दी है.
अब देखना होगा कि दिलीप घोष की शादी के बाद प्रदेश भाजपा उनका किस तरह से स्वागत करती है. सवाल यह भी महत्वपूर्ण है कि उनकी शादी उनके राजनीतिक कैरियर के लिए कितना लकी साबित होती है.