November 23, 2024
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बागडोगरा एयरपोर्ट विस्तार कार्य को किसकी लग गई है नजर!

हमारे यहां का सिस्टम बड़ा अजीबोगरीब है. किसी भी कार्य को पूरा करने के लिए औपचारिकता पूरी करनी पड़ती है. कागजी कार्रवाई के बाद ही कार्य शुरू होता है. बागडोगरा एयरपोर्ट के विस्तार का कार्य भी इसी औपचारिकता की भेंट चढ़ गया है. वह कहावत तो आपने सुनी ही होगी कि बैंड बाजे के साथ बारात निकालने की घोषणा हो गई. लेकिन तभी पता चला कि दुल्हन ही गायब हो गई! ऐसे में क्या बैंड बाजा, क्या बाराती और क्या दूल्हा?

बागडोगरा एयरपोर्ट टर्मिनल और विस्तार कार्य इसी महीने शुरू होने वाला था. इसके लिए शिलान्यास तिथि भी लगभग तैयार थी. दार्जिलिंग के सांसद राजू बिष्ट ने कुछ दिनों पहले एक संवाददाता सम्मेलन में टर्मिनल कार्य के शुरू होने की खुशी जाहिर की थी और कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों इसका शिलान्यास कार्यक्रम किया जाएगा. पर अब यह मामला अधर में लटक गया है.

कहा जा रहा है कि बागडोगरा एयरपोर्ट को किसी की बुरी नजर लग गई है. क्योंकि जिस ताम झाम के साथ एयरपोर्ट विस्तारीकरण का काम शुरू किया जाना था, उस पर ग्रहण लग चुका है. किसी भी कार्य को व्यवस्थित तरीके से शुरू करने के लिए कुछ दस्तावेजों की आवश्यकता होती है. इनमें से कई दस्तावेज महत्वपूर्ण होते हैं जो राज्य सरकार के द्वारा जारी किए जाते हैं. राज्य सरकार के कुछ विभाग एनओसी जारी करते हैं. उसके बाद ही शिलान्यास अथवा उद्घाटन की तिथि निर्धारित की जाती है. अन्यथा यह मामला अधर में लटक जाता है.

आखिर इसका विस्तारीकरण समय पर शुरू क्यों नहीं हो सका? बागडोगरा एयरपोर्ट अथॉरिटी के एक जिम्मेदार अधिकारी ने बताया है कि पर्यावरण और वन विभाग से एनओसी नहीं मिलने के कारण ही इसका काम समय पर शुरू नहीं किया जा सका है. जब तक पर्यावरण और वन विभाग एनओसी जारी नहीं कर देता है ,तब तक इसके शिलान्यास की तिथि निश्चित नहीं की जा सकती है. यह कब होगा, कोई नहीं जानता है.

इसी महीने की 10 तारीख को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के कुल 16 हवाई अड्डों के विस्तार कार्य शुरू करने के लिए शिलान्यास करने वाले हैं. लेकिन उनमें बागडोगरा एयरपोर्ट का नाम शामिल नहीं है. हवाई अड्डा सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार एनओसी के लिए वन विभाग एवं पर्यावरण को काफी पहले से ही आवेदन किया गया था जो कि अब तक उनकी तरफ से अनुमोदित नहीं किया गया है. आपको बताते चलें कि बागडोगरा एयरपोर्ट का विस्तार करने के लिए कई पेड़ पौधे काटे जाने हैं. पर्यावरण और वन विभाग इसकी अनुमति देता है, तभी पेड़ पौधे काटे जा सकते हैं.

बागडोगरा एयरपोर्ट के पास जंगल है, जहां पेड़ पौधों की संख्या अत्यधिक है. इसके कारण ही अब तक इसका विस्तार नहीं हो सका था. पर्यावरण और वन विभाग आसानी से पेड़ पौधों को काटने की अनुमति नहीं देता है. इसके लिए कई प्रक्रियाएं पूरी करनी होती है. तब जाकर NOC मिलता है. 2 महीने पहले ही एयरपोर्ट अथॉरिटी के द्वारा एनओसी के लिए आवेदन किया गया था.

आरंभ से ही इस समस्या के समाधान के लिए एयरपोर्ट अधिकारियों के साथ-साथ दार्जिलिंग जिला प्रशासन और पर्यावरण प्रेमी संगठनों के साथ बातचीत होती रही है. कई दौर की बैठक के बाद आखिरकार सर्व सम्मति से फैसला किया गया कि बागडोगरा हवाई अड्डे के विकास के लिए आडे आ रहे पेड़ पौधों को काटना जरूरी है. सवाल यह है कि सर्वसम्मति के बावजूद पर्यावरण और वन विभाग की ओर से एनओसी अब तक जारी क्यों नहीं किया गया?

ऐसा लगता है कि अब लोकसभा चुनाव के बाद ही बागडोगरा एयरपोर्ट के विस्तारीकरण के कार्य का शिलान्यास होगा. उससे पहले संभव नहीं है. क्योंकि अधिसूचना जारी होने के बाद आचार संहिता लागू हो जाएगी और कम से कम 3 महीने के लिए कार्य रुक जाता है.

(अस्वीकरण : सभी फ़ोटो सिर्फ खबर में दिए जा रहे तथ्यों को सांकेतिक रूप से दर्शाने के लिए दिए गए है । इन फोटोज का इस खबर से कोई संबंध नहीं है। सभी फोटोज इंटरनेट से लिये गए है।)

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