सिलीगुड़ी शहर में इन दिनों आपराधिक घटनाओं में तेजी आई है.सिलीगुडी मेट्रोपॉलिटन पुलिस के अंतर्गत विभिन्न थानों की पुलिस आए दिन अपराधियों की धरपकड़ करके अदालत में प्रस्तुत करती रहती है. यहां चोरी से लेकर मादक पदार्थों की तस्करी की घटनाएं ज्यादातर देखी जाती हैं.
बीते कुछ वर्षों में सिलीगुड़ी में अनेक कॉल सेंटर खुल गए हैं. सिलीगुड़ी और सिलीगुड़ी के आसपास विभिन्न मॉल और प्रतिष्ठानों में चलने वाले अनेक कॉल सेंटर की सच्चाई पुलिस के जरिए लोगों के बीच आती रहती है. इनमें काम करने वाली महिलाओं की मजबूरी और व्यथा की अलग कहानियां होती है, जिन्हें नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. कॉल सेंटर में काम करने वाली महिलाओं तथा युवतियों को सैलरी के नाम पर बहुत कम पैसे दिए जाते हैं. इन पैसों से उनका घर चलाना मुश्किल हो जाता है. बदलती जीवन शैली को मेंटेन करने के लिए भी अधिक पैसे कमाने की आवश्यकता होती है.लिहाजा ना चाहते हुए भी उन्हें गलत मार्ग पर चलने के लिए समझौते करने पड़ जाते हैं.
सिलीगुड़ी शहर एक व्यवसायिक शहर है. यहां ज्यादातर दुकानें देखी जा सकती हैं. इन दुकानों में काम करने वाले कर्मचारियों की अलग व्यथा और दर्द है. कुकुरमुत्ता की तरफ फैले छोटे मोटे फर्म में काम करने वाले कर्मचारियों की तनख्वाह इतनी मामूली होती है कि उन पैसों से उन्हें घर का खर्च चलाना मुश्किल हो जाता है. जबकि वे सुबह 9:00 बजे से लेकर रात्रि 8:00 बजे तक दुकान में काम करते हैं. जब घर के खर्चे पूरे नहीं होते हैं तो मजबूरीवश उन्हें भी चोरी अथवा अन्य गलत तरीके से पैसे का जुगाड़ करने की जरूरत बन जाती है.
सिलीगुड़ी मेट्रोपॉलिटन पुलिस के अभियान नो ड्रग्स का युवाओं पर कितना असर पड़ा है, यह तो नहीं पता. परंतु सच्चाई यह है कि शहर में नशा और नशेडियों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है. इसका प्रमाण है आए दिन मादक पदार्थों के तस्करों की गिरफ्तारी तथा उनके पास से नशीले पदार्थो की बरामदगी.
सिलीगुड़ी शहर में युवाओं के बीच नशे का प्रचलन बढ़ता जा रहा है. नशे के शिकार हो चुके अधिकतर लड़के ऐसे परिवारों से आते हैं जहां आमदनी अठन्नी और खर्चा रुपैया होता है. जब नशे के अभ्यस्त हो चुके युवाओं को घर से पैसा नहीं मिलता है तो अपनी खुराक की आपूर्ति के लिए उन्हें गलत रास्ते पर चलना पड़ता है. इसके अलावा उनके पास अन्य कोई विकल्प नहीं रहता. शहर में बढ़ रही चोरी और तस्करी की घटनाओं का यह प्रमुख कारण हो सकता है.
विभिन्न अध्ययनों से यह पता चलता है कि सिलीगुड़ी में बढ़ती महंगाई के हिसाब से यहां काम करने वाले लोगों को पैसा नहीं मिलता. आमदनी अठन्नी और खर्चा रुपैया की स्थिति में ऐसे युवा दिग्भ्रमित हो जाते हैं और अंततः गलत रास्ते पर चल पड़ते हैं. एक अध्ययन से पता चलता है कि कोरोना काल के बाद सिलीगुड़ी में आपराधिक घटनाओं में ज्यादा वृद्धि हुई है. जिन लोगों की रोजी-रोटी छीन गई,ऐसे लोगों के गलत मार्ग चुनने की ज्यादा आशंका रहती है.
इन दिनों सिलीगुड़ी शहर में अतिक्रमण के खिलाफ सिलीगुड़ी नगर निगम का अभियान चल रहा है. इस अभियान में अनेक व्यापारियों की बरसों से बनी अवैध दुकानें टूट चुकी हैं और उनके समक्ष रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है. विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे लोगों के गलत मार्ग चुनने की ज्यादा संभावना रहती है. इस तरह से कहा जा सकता है कि विभिन्न ज्वलंत कारणों से सिलीगुड़ी शहर में आपराधिक घटनाओं में तेजी आई है.