सिलीगुड़ी में तो पहले से ही लोग जल संकट का सामना कर रहे हैं. इंटक वेल का निर्माण होने के बावजूद भी सिलीगुड़ी के लोगों को नल से पूरा जल नहीं मिल रहा है. यह संकट और बढ़ने जा रहा है. 26 दिसंबर से लेकर 30 दिसंबर तक शहर के लोगों को भारी जल संकट का सामना करना पड़ सकता है. हालांकि सिलीगुड़ी नगर निगम के पक्ष से कहा गया है कि मेंटेनेंस कार्य होगा, इस वजह से जल समस्या उत्पन्न हो सकती है. दूसरी तरफ शहरी इलाकों के साथ-साथ ग्रामीण इलाकों में भी जल संकट बढ़ने वाला है. वास्तव में जल जीवन मिशन योजना में भ्रष्टाचार और धांधली की शिकायत मिलने के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी राज्य के 150 ठेकेदारों तथा 19 अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने जा रही है.
सिलीगुड़ी समेत पूरे बंगाल में लोगों को घर-घर स्वच्छ जल पीने को मिले, इस पर काम चल रहा है. हालांकि धांधलियों की शिकायत के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कई ठेकेदारों के खिलाफ कार्रवाई करनी शुरू कर दी है. समतल के साथ-साथ जीटीए भी इससे अछूता नहीं है. राज्य सरकार ने जीटीए क्षेत्र में जल जीवन मिशन के संदर्भ में धांधलियों की शिकायत मिलने के बाद जांच बैठाने का फैसला किया है. इससे पहाड़ में भी जीटीए में अफरा तफरी देखी जा रही है.
GTA के सभासद अजय एडवर्ड ने इस मुद्दे को उठाया है. उन्होंने पहाड़ में जल जीवन मिशन को लेकर धांधली की शिकायत की थी और राज्य सिंचाई विभाग के मुख्य इंजीनियर को पत्र लिखा था. राज्य सिंचाई विभाग ने उनके पत्र के संदर्भ में PHE डायरेक्टोरेट के मुख्य इंजीनियर को खत लिखा है और इस मामले को तुरंत देखने के लिए कहा है. आपको बताते चलें कि जल जीवन मिशन केंद्र सरकार की ग्रामीण क्षेत्रों में जल उपलब्ध कराने की एक मेगा योजना है. इस योजना के तहत फंड की आपूर्ति राज्य और केंद्र दोनों मिलकर करते हैं. पश्चिम बंगाल में बंगाल सरकार और केंद्र सरकार की बराबर बराबर भूमिका है.
अपने पत्र में एडवर्ड ने दार्जिलिंग और कालिमपोंग के जिला मजिस्ट्रेट तथा GTA के प्रिंसिपल सेक्रेटरी को पत्र लिखा है. उन्होंने पत्र में आरोप लगाया है कि जल जीवन मिशन के नियम और शर्तों तथा गाइडलाइंस की उपेक्षा की जा रही है. उन्होंने पत्र में इस बात का उल्लेख किया है कि जो लोग जल जीवन मिशन के संदर्भ में गाइडलाइंस का उल्लंघन कर रहे हैं, उनके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए तथा उन्हें दंडित किया जाए.
आपको बता दें कि पिछले दिनों 2 दिसंबर को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जल जीवन मिशन को लेकर जिलों के डीएम और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक बैठक की थी और उन्हें निर्देश दिया था कि जो ठेकेदार सही तरीके से काम नहीं कर रहे हैं और जिन इलाकों में पाइप आदि बिछाने के कार्य में धांधली की शिकायत मिल रही है उन ठेकेदारों की काली सूची तैयार करें
राज्य में अब तक 18230 स्थानों से पाइपलाइन बिछाने के संदर्भ में धांधली की शिकायत सामने आई है. मुख्यमंत्री ने कहा था कि बहुत लोग जल का दुरुपयोग कर रहे हैं. कुछ लोग पीने के जल का उपयोग खेती के कार्यों में कर रहे हैं. मुख्यमंत्री ने यह भी कहा था कि बहुत से लोग पाइप काट रहे हैं. इन शिकायतों के बाद राज्य ने 150 ठेकेदारों तथा 19 अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की तैयारी शुरू कर दी है. उन्हें शो काज नोटिस भी दिया गया है. जल की बर्बादी जिन जिलों में ज्यादा हुई है, उनमें पूर्वी मिदनापुर, दक्षिण 24 परगना और उत्तर 24 परगना शामिल हैं.
सबसे बड़ा सवाल यह है कि जो लोग अब तक जल की उम्मीद में दिन काट रहे हैं, उनका क्या होगा. क्योंकि जांच का कार्य 1 दिन में तो होता नहीं है. जो ठेकेदार इसमें दोषी हैं, उनके खिलाफ एक दिन में कार्रवाई नहीं होती है. जबकि जल के बगैर एक दिन भी नागरिक गुजारा नहीं कर सकते हैं. ऐसे लोगों का भविष्य अधर में है.
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