सिक्किम अपनी विभिन्न विशेषताओं के लिए जाना जाता रहा है. कम आबादी वाले सिक्किम में 6 जिले हैं. राज्य का लगभग 35% हिस्सा खंगचेंद्र जंगा राष्ट्रीय उद्यान से घिरा हुआ है. हिमालय में स्थित सिक्किम अपनी जैव विविधता के लिए काफी प्रसिद्ध है. भारत की सबसे ऊंची चोटी कंचनजंगा इसी राज्य में स्थित है.
सिक्किम राज्य की आधिकारिक भाषाएं अंग्रेज़ी, नेपाली, सिक्किमी और लेप्चा हैं. राज्य में विभिन्न जातियां निवास करती हैं. इन जातियों में गुरुंग, लिंबू, मगर, मुखिया, निवारी, राय, शेरपा और तमांग शामिल हैं. इस राज्य का प्रमुख धर्म हिंदू धर्म और बौद्ध धर्म है. यह राज्य पूरी तरह कृषि और पर्यटन पर निर्भर करता है. जिस तरह से सिक्किम में सब कुछ अनोखा और प्राकृतिक है.
यहां के लोग प्रकृति प्रेमी होते हैं. सिक्किम के मुख्यमंत्री धार्मिक होने के साथ-साथ प्रकृति प्रेमी भी हैं. और यही कारण है कि उनपर पहाड़ी माता की विशेष कृपा रहती है.
सिलीगुड़ी के निकट फांसीदेवा के लेऊसीपुखुरी में हरि मंदिर स्थित है. यहां पहाड़ी माता की पूजा होती है. इस मंदिर में सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग हर साल पूजा अर्चना करने आते हैं. इस मंदिर से उनका खास लगाव रहा है. यहां निर्माण और अन्य कार्य मुख्यमंत्री स्वयं देखते हैं. उन्होंने गत दिन भी इस मंदिर में जाकर अतिथि निवास का परिदर्शन किया और पहाड़ी माता की पूजा अर्चना की. आखिर इस मंदिर में ऐसी क्या बात है, जिसने सिक्किम के मुख्यमंत्री को जोड़ रखा है?
कई लोगों के सवाल होंगे. इसमें कोई शक नहीं है कि सिक्किम के मुख्यमंत्री धर्म और संस्कृति में भरोसा रखते हैं. उन्होंने एक रात सपने में पहाड़ी माता को देखा था. पहाड़ी माता ने उन्हें आदेश दिया था कि वह हर साल हरि मंदिर में पहाड़ी माता की पूजा करें. उसके बाद से मुख्यमंत्री पहाड़ी माता का मंदिर ढूंढने लग गए. उन्हें पता चला कि फांसीदेवा में लेऊसी पुकुड़ी में पहाड़ी माता का मंदिर है.
इसके बाद पहाड़ी माता मंदिर की तलाश करते हुए वह सिलीगुड़ी के फांसी देवा स्थित लेऊसी पुखरी के हरि मंदिर पहुंच गए. उन्होंने मंदिर में पूजा अर्चना की. उन्होंने मंदिर को नए सिरे से बनवाया भी. यहां उन्होंने एक अतिथि निवास बनाने के लिए योजना बनाई. जल्द ही अतिथि निवास बनकर तैयार हो जाएगा. मुख्यमंत्री प्रत्येक साल फांसी देवा के मंदिर में आकर पहाड़ी माता की पूजा अर्चना करते हैं.
बताया जाता है कि पहाड़ी माता की उन पर विशेष कृपा रही है. मुख्यमंत्री ने 2019 में चुनाव जीता और मुख्यमंत्री बने थे. इसके बाद से उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा. जिस समय मुख्यमंत्री हरियाणा जा रहे थे, तो उन्होंने यहां पर तीन मंजिला अतिथि निवास का परिदर्शन किया था.एक मंजिल की छत तो पूरी हो चुकी है. जबकि दूसरी मंजिल की ढलाई भी पूरी कर ली गई है. अगर यह बन जाता है तो भारत के विभिन्न क्षेत्रों से श्रद्धालु इस अतिथि निवास में रात्रि विश्राम कर सकेंगे.
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