गनीमत रही कि सिलीगुड़ी का प्रसिद्ध और चर्चित हांगकांग मार्केट आज अग्निकांड की भेंट नहीं चढ़ सका. समय रहते व्यापारियों ने ट्रांसफार्मर से निकलती चिंगारी को देख लिया था और आनन-फानन में फायर ब्रिगेड को बुलाकर एक बड़े हादसे को टालने में सफल रहे. अगर थोड़ी सी भी देर हो जाती तो पता नहीं क्या होता. कुछ देर के लिए हॉन्गकॉन्ग मार्केट अफरा तफरी का केंद्र बनकर रह गया. आखिर सवाल यह उठता है कि शहर में अग्निकांड की घटनाएं क्यों बढ़ रही हैं?
सिलीगुड़ी में हर दूसरे तीसरे दिन छोटी बड़ी अग्निकांड की घटनाएं घटती रहती हैं. पिछले एक हफ्ते में अग्निकांड की 6 छोटी बड़ी घटनाएं घट चुकी हैं. कुछ समय पहले विधान मार्केट में अग्निकांड की बड़ी घटना घटी थी. जिसमें व्यवसाईयों की काफी संपत्ति जलकर खाक हो गई थी. माटीगाड़ा इलाके में भी बड़ा अग्निकांड हुआ था. आए दिन समाचारों में सिलीगुड़ी के किसी न किसी भाग में अग्निकांड की घटनाएं घटती रहती हैं.
पिछले 48 घंटे में सिलीगुड़ी शहर में अग्निकांड की दो बड़ी घटनाएं घट चुकी है. एक घटना सिलीगुड़ी शहर के एस एफ रोड में हुई, जिसमें तीन दुकानें जलकर पूरी तरह भस्म हो गई. यह अग्निकांड की घटना रात 2:00 बजे घटी थी. हालांकि घटना के पीछे बताया गया कि एक बिरयानी की दुकान में गैस सिलेंडर ब्लास्ट हुआ था. उसके बाद यह बड़ी घटना घटी थी. इसी तरह से सिलीगुड़ी नगर निगम के 46 नंबर वार्ड चंपासारी ढकनी काटा इलाके में भी एक डेकोरेटर के गोदाम में अग्निकांड की दूसरी बड़ी घटना घटी.
इस घटना में डेकोरेटर का गोदाम पूरी तरह जलकर राख हो गया. आखिर यह अग्निकांड कैसे हुआ? किसी की समझ में कुछ नहीं आया. अचानक एक गोदाम के अंदर से आग की बड़ी-बड़ी लपेटे उठने लगी और इलाके में अफरा तफरी मच गई. दमकल विभाग अग्निकांड के मामलों में अपना कर्तव्य और दायित्व जरूर पूरा करता है. कुछ समय तक अग्निकांड की खूब चर्चा होती है. उसके बाद सब कुछ शांत पड़ जाता है. अधिकांश अग्निकांड के मामलों में यह कहा जाता है कि शॉर्ट सर्किट के कारण दुर्घटना हुई. हालांकि यह पूरी तरह सच नहीं होता.
इस समय सर्दियों का मौसम है. शॉर्ट सर्किट की घटनाओं से तो इंकार नहीं किया जा सकता, परंतु इसके साथ ही लापरवाही भी उतना ही जिम्मेदार है.अगर किसी इलाके में बार-बार शॉर्ट सर्किट की घटनाएं घटती हैं तो वहां के लूज हो चुके तारों और केबल को दुरुस्त क्यों नहीं किया जाता? कुछ लोग तो यह भी कहते हैं कि कुछ दुकानदार जानबूझकर ऐसी घटनाओं को अंजाम देते हैं, ताकि वह अपनी दुकान के इंश्योरेंस का दावा कर सके. हालांकि इसमें कितनी सच्चाई है, यह बताना मुश्किल है.पर जो लोग ऐसा करते हैं, वह अपने साथ-साथ उन दुकानदारों का भी सत्यानाश कर बैठते हैं, जिनकी दुकानों का कोई इंश्योरेंस नहीं होता.
पुलिस अग्निकांड की घटनाओं की जांच करते हुए बहुधा इस निष्कर्ष पर पहुंचती है कि घटना शॉर्ट सर्किट के कारण हुई. जब बार-बार अग्निकांड की घटनाएं शॉर्ट सर्किट के कारण हो रही है तो उसका स्थाई समाधान क्यों नहीं किया जाता? पुलिस को ऐसे मामलों की दूसरे एंगल से भी जांच करनी चाहिए कि क्या अग्निकांड की शिकार दुकानों का इंश्योरेंस भी किया गया था. अगर वहां ऐसी घटना घटती है तो पुलिस की जांच का एक एंगल इंश्योरेंस क्लेम को लेकर भी होना चाहिए. खैर यह चिंता का विषय है कि सिलीगुड़ी में एक बार फिर से अग्निकांड की घटनाओं की पुनरावृत्ति शुरू हो गई है.
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