सिलीगुड़ी जलपाईगुड़ी विकास प्राधिकरण के चेयरमैन पद से सौरभ चक्रवर्ती को हटाए जाने के बाद उत्तर बंगाल की राजनीति में खलबली सी मच गई है. तृणमूल कांग्रेस के कई कद्दावर नेता हडकंप में आ चुके हैं. उनकी रातों की नींद उड़ चुकी है. किसी को विश्वास नहीं हो रहा है कि सौरभ चक्रवर्ती जैसे नेता को SJDA के अध्यक्ष पद से हटा दिया गया. स्वयं सौरभ चक्रवर्ती को भी यकीन नहीं हो रहा है. पर सच तो यही है कि सौरभ चक्रवर्ती अब एसजेडीए के अध्यक्ष नहीं है. एसजेडीए का दायित्व अब डीएम प्रीति गोयल को दे दिया गया है. जब तक स्थाई तौर पर एसजेडीए का नया अध्यक्ष चुन नहीं लिया जाता, तब तक डीएम प्रीति गोयल इसका अतिरिक्त दायित्व संभालेंगी.
समतल से लेकर पहाड़ तक सुगबुगाहट शुरू हो गई है कि एसजेडीए का अगला चेयरमैन कौन होगा. कई नाम चर्चा में है. उनमें से एक गोपाल लामा भी है जो दार्जिलिंग संसदीय क्षेत्र से टीएमसी के उम्मीदवार थे. सूत्रों ने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री गोपाल लामा की योग्यता को देखते हुए यह फैसला कर सकती हैं. हालांकि पार्टी स्तर पर अभी कोई भी नेता कुछ बोलने को तैयार नहीं है. गोपाल लामा पूर्व प्रशासनिक व्यक्ति हैं. उनकी छवि साफ सुथरी है. कयास लगाया जा रहा है कि जल्द ही गोपाल लामा के नाम की घोषणा मुख्यमंत्री एसजेडीए के नए चेयरमैन के रूप में कर सकती है.
लोकसभा चुनाव में उत्तर बंगाल की आठ लोकसभा सीटों में से तृणमूल कांग्रेस को एकमात्र कूचबिहार की सीट पर ही सफलता मिली है. शेष सात सीटों पर पार्टी की करारी हार हुई है.आपको याद होगा कि टीएमसी के महासचिव अभिषेक बैनर्जी ने पहले ही कहा था कि जिन क्षेत्रों में पार्टी की हार होगी, वहां के स्थानीय तृणमूल नेताओं को इसकी जिम्मेदारी लेनी होगी. सौरभ चक्रवर्ती को हटाए जाने के बाद ऐसा लगता है कि टीएमसी सुप्रीमो ने इसी दिशा में कदम बढ़ा दिया है.
सौरभ चक्रवर्ती अलीपुरद्वार के दिग्गज तृणमूल नेता है. वह पूर्व में विधायक भी रह चुके हैं. आपको बता दें कि सौरभ चक्रवर्ती को 2023 में भी SJDA के अध्यक्ष पद से हटाया गया था. तब सिलीगुड़ी नगर निगम के मेयर गौतम देव को इस पद की जिम्मेदारी दी गई थी. इससे पहले कि मेयर गौतम देव बाकायदा SJDA का पदभार संभाल पाते, अचानक राज्य सरकार ने इस फैसले को पलट दिया. एक बार फिर से सौरभ चक्रवर्ती को इस पद की जिम्मेदारी दी गई. कुछ ही घंटे में गौतम देव को प्रेस कांफ्रेंस करके मीडिया को बताना पड़ा था.
आज सौरव चक्रवर्ती ने मीडिया के सामने कहा कि वह पार्टी की सच्ची निष्ठा से सेवा करते रहेंगे. उन्होंने कहा कि उन्हें मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और अभिषेक बनर्जी पर पूरा भरोसा है. सौरव चक्रवर्ती ने कहा कि वह पार्टी का एक साधारण कार्यकर्ता है. पार्टी का जैसा आदेश होता है, उस आदेश का पालन करते हैं. उन्होंने कहा कि वह हमेशा पार्टी और जनता की सेवा करते रहेंगे. उन्हें इसका कोई भी मलाल नहीं है. अलीपुरद्वार में भाजपा जीती है. तृणमूल कांग्रेस के बड़े-बड़े नेता भी पार्टी उम्मीदवार को जीता नहीं सके. समझा जाता है कि मुख्यमंत्री और पार्टी के द्वारा हार की समीक्षा के बाद यह कदम उठाया गया है.
हालांकि कुछ लोगों का कहना है कि तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी उत्तर बंगाल में पार्टी के संगठनात्मक स्तर में व्यापक बदलाव लाने की तैयारी में है. हाल ही में लोकसभा चुनाव के बाद प्रशासनिक अधिकारियों का तबादला समेत मुख्यमंत्री ने उन इलाकों में जहां-जहां पार्टी की हार हुई है, पार्टी को सांगठनिक रूप से मजबूत करने के लिए कुछ नए विचार और योजनाओं पर काम करना शुरू कर दिया है.
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और पार्टी के स्तर पर अभी सौरभ चक्रवर्ती को एसजेडीए के चेयरमैन पद से हटाए जाने का कोई कारण नहीं बताया गया है. परंतु अफवाहों का बाजार गर्म हो चुका है. कुछ जानकार लोगों का मानना है कि तृणमूल कांग्रेस आने वाले दिनों में कुछ और कड़े कदम उठा सकती है. तृणमूल कांग्रेस के कुछ नेताओं की उनके पदों से छुट्टी कर सकती है.
(अस्वीकरण : सभी फ़ोटो सिर्फ खबर में दिए जा रहे तथ्यों को सांकेतिक रूप से दर्शाने के लिए दिए गए है । इन फोटोज का इस खबर से कोई संबंध नहीं है। सभी फोटोज इंटरनेट से लिये गए है।)