January 20, 2025
Sevoke Road, Siliguri
उत्तर बंगाल लाइफस्टाइल सिलीगुड़ी

सिलीगुड़ी से खोरीबाड़ी तक चलेगी मेट्रो या मोनोरेल?

सिलीगुड़ी के विधायक शंकर घोष ने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को प्रस्ताव क्या सौंपा, उसके बाद से सिलीगुड़ी में यही चर्चा शुरू हो गई है कि सिलीगुड़ी में मेट्रो या मोनोरेल शुरू की जानी चाहिए. बरसों पहले इस तरह की बात सिलीगुड़ी में की गई थी. लेकिन तब यह चर्चा का विषय नहीं बना था. वर्तमान में शंकर घोष के इसमें कूद पड़ने से यह सुर्खियों में है. पर सवाल यह है कि क्या सिलीगुड़ी में मेट्रो अथवा मोनो रेल की आवश्यकता है?

यह सच है कि सिलीगुड़ी में परिवहन व्यवस्था के नाम पर बस, टैक्सी के अलावा लोकल ट्रेन भी है. लेकिन जैसे-जैसे शहर की आबादी बढ़ रही है और विकास के कार्य हो रहे हैं, आने वाले समय में लोगों को एक सशक्त परिवहन व्यवस्था की आवश्यकता होगी. वह मेट्रो रेल या मोनो रेल हो सकती है. यूं तो सिलीगुड़ी शहर छोटा है, परंतु यह शहर अंतर्राष्ट्रीय सीमा, पड़ोसी राज्य और उत्तर बंगाल के विभिन्न शहरों से जुड़ा हुआ है. यहां रोजी-रोटी के लिए सिलीगुड़ी के पास और दूर दराज के इलाकों से लोग आते हैं. उचित परिवहन व्यवस्था न होने से उन्हें रोजाना सिलीगुड़ी आने और जाने में काफी समस्या आती है. इसके अलावा पैसा और और समय भी काफी लग जाता है.

यह शहर नेपाल, बांग्लादेश और भूटान की अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर स्थित है. यह उत्तर बंगाल ,पड़ोसी राज्यों तथा पड़ोसी देशों का मुख्य व्यापारिक स्थल भी है. अगर यहां मेट्रो रेल या मोनो रेल शुरू की जाती है तो नेपाल व अन्य के साथ सिलीगुड़ी के व्यापार में काफी सुविधा होगी. इसके अलावा सिलीगुड़ी महकमा के दूर दराज के क्षेत्रों जैसे बागडोगरा, खोड़ीबाड़ी, फांसी देवा, किशनगंज, ठाकुरग॔ज, सालबाड़ी, सुकना, नक्सलबाड़ी, घोषपुकुर, पानी टंकी आदि इलाकों में रहने वाले लोगों को सिलीगुड़ी आने-जाने में भी काफी सुविधा होगी. वे सिलीगुड़ी से रोजाना आना-जाना कर सकते हैं.

विधायक शंकर घोष ने भी कहा है कि सिलीगुड़ी में परिवहन व्यवस्था को तेज करने तथा संचार व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए यहां मेट्रो या मोनो रोल रेल शुरू की जाने की आवश्यकता है. उन्होंने सिलीगुड़ी से खोरोबारी तक मेट्रो या मोनो रेल शुरू करने का रेल मंत्री को प्रस्ताव दिया है. उनके अन्य प्रस्ताव में बंदे भारत स्लीपर ट्रेन शुरू करने, सिलीगुड़ी और पटना के बीच ट्रेन,कूचबिहार अथवा अलीपुरद्वार से कोलकाता के बीच ट्रेन, कूचबिहार या अलीपुरद्वार से दक्षिण भारत के लिए ट्रेन, न्यू जलपाईगुड़ी से सियालदह के लिए रात्रि कालीन ट्रेन सेवा, सिलीगुड़ी से पटना के लिए सीधी ट्रेन, न्यू जलपाईगुड़ी में डीआरएम कार्यालय की स्थापना, फुटओवर ब्रिज का निर्माण, सिलीगुड़ी टाउन स्टेशन को हेरिटेज घोषित करना, रेलवे रेल पुल का निर्माण इत्यादि शामिल है.

पिछले दिनों विधायक शंकर घोष रेल मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव से मिले और उनसे इस संदर्भ में बातचीत की थी. हालांकि कुछ लोगों को लगता होगा कि यहां मेट्रो रेल नहीं हो सकती पर भविष्य में कुछ भी हो सकता है. अब तो छोटे-छोटे शहरों में भी मेट्रो रेल सेवा ने दस्तक दे दी है. सिलीगुड़ी कोलकाता के बाद दूसरा प्रमुख शहर है. कोलकाता में बरसों से मेट्रो ट्रेन सेवा शुरू हो चुकी है. इस लिहाज से भी देखा जाए तो अगला नंबर सिलीगुड़ी का हो सकता है. अगर पश्चिम बंगाल के छोटे शहरों में मेट्रो रेल सेवा अथवा मोनो रेल सेवा शुरू करने की बात होगी तो निश्चित रूप से इसमें सिलीगुड़ी का स्थान आ सकता है.

अगर सिलीगुड़ी से खोड़ीबाड़ी तक मेट्रो रेल सेवा या मोनो रेल सेवा शुरू की जाती है तो सिलीगुड़ी के निकट बसे कई शहर और यहां तक कि पड़ोसी देश नेपाल भी सिलीगुड़ी से नियमित रूप से जुड़ जाएगा. इससे शहर का द्रुत गति से विकास होगा. यहां पर्यटन के अवसर बढ़ेंगे. ज्यादा से ज्यादा लोग सिलीगुड़ी आएंगे. इससे सिलीगुड़ी भारत के प्रमुख शहरों में जाना पहचाना जाएगा. हालांकि बरसों पहले यह चर्चा यहां हो चुकी है. लेकिन तब हालात कुछ और थे. एक बार फिर से इस चर्चा को हवा विधायक शंकर घोष दे चुके हैं. अब देखना होगा कि क्या रेल मंत्री इस प्रस्ताव पर विचार करेंगे?

(अस्वीकरण : सभी फ़ोटो सिर्फ खबर में दिए जा रहे तथ्यों को सांकेतिक रूप से दर्शाने के लिए दिए गए है । इन फोटोज का इस खबर से कोई संबंध नहीं है। सभी फोटोज इंटरनेट से लिये गए है।)

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