सिलीगुड़ी की सड़कों पर सैकड़ों सिटी ऑटो चलते हैं. लेकिन इन दिनों सिटी ऑटो को सवारी नहीं मिल रही है. खासकर दोपहर के समय सिटी ऑटो खाली ही गंतव्य स्थल को जाते हैं. वेनस मोड़ के पास विधान रोड सिटी ऑटो ओनर्स एसोसिएशन के अंतर्गत अधिकांश सिटी ऑटो रास्ते के किनारे खड़े रहते हैं. यहां से खुलने वाले सिटी ऑटो सालूगाड़ा तक जाते हैं. यहां विधान रोड में एक के पीछे एक कम से कम 15 से 20 सिटी ऑटो होते हैं, जो सवारी के इंतजार में खड़े रहते हैं.
यहां सिटी ऑटो क्रम से चलते हैं. यानी जिसकी बारी रहती है, पहले वही सवारी उठाएगा. उसके बाद दूसरे, तीसरे और इसी तरह से बारी-बारी सभी सिटी ऑटो चालकों को चांस मिलता है. लेकिन स्थिति यह है कि इन दिनों उन्हें सवारियां नहीं मिल रही है.सवारियां नहीं मिलने से सिटी ऑटो चालकों को खाली ही ऑटो को ले जाना पड़ता है. कई बार तो तेल का भी पैसा नहीं निकल पाता है. सिटी ऑटो चालक और मालिक इसके लिए टोटो को जिम्मेदार मानते हैं. जो सिलीगुड़ी में कुकुरमुते की तरह छा गए हैं.
इनमें से अधिकतर बिना नंबर वाले टोटो सड़कों पर चलते हैं. बिधान रोड सिटी ऑटो ओनर्स एसोसिएशन का कहना है कि सिलीगुड़ी की सड़कों पर काफी संख्या में गैर कानूनी रूप से टोटो चल रहे हैं. लेकिन प्रशासन ऐसे टोटो पर लगाम लगाने की कोई कोशिश नहीं कर रहा है. उनका कहना है कि सिटी ऑटो में बैठने आए पैसेंजर को भी लपक लेते हैं. उन्हें ऐसा करने से मना करने का उनके पास कोई अधिकार नहीं है. लेकिन सिलीगुड़ी नगर निगम और प्रशासन उनकी समस्या का समाधान जरूर कर सकता है.
वेनस मोड विधान रोड सिटी ऑटो ओनर्स एसोसिएशन के चालक और मालिक लगातार घाटे का सामना करते हुए अब प्रशासन से इसकी गुहार लगा रहे हैं. विधान रोड होकर जाने वाले एनजेपी और फूलबारी से भी सिटी ऑटो आते हैं. यह भी सालूगाड़ा जाते हैं. हर 5 मिनट पर फुलबारी और एनजेपी से आने वाले सिटी ऑटो को यहां से गुजरते हुए देखा जा सकता है.
इनके कारण भी विधान रोड सिटी ऑटो की कमाई पर फर्क पड़ता है. लेकिन उनकी शिकायत शहर में चल रहे भारी संख्या में अवैध टोटो को लेकर है, जिनके कारण ही उनकी कमाई काफी कम हो गई है. स्थिति यह है कि कई ऑटो चालकों को दिन भर की कमाई से उनका रोज का खर्चा, बच्चों की स्कूल फीस और किस्त का खर्चा भी नहीं निकल पाता है. इसे लेकर पारिवारिक कलह भी बन जाता है.
देखा जाए तो सिटी ऑटो ओनर्स एसोसिएशन की बात में दम भी है. कोलकाता हाई कोर्ट के आदेश के अनुसार टोटो मुख्य सड़कों पर नहीं चल सकते. यह भी लगभग प्रमाणित हो चुका है कि सिलीगुड़ी में ट्रैफिक की बिगड़ती अवस्था के लिए भी टोटो जिम्मेदार हैं. इन सभी वजह से भी यह आवश्यक हो गया है कि सिलीगुड़ी नगर निगम शहर में चल रहे अवैध टोटो पर रोक लगाये. सूत्र बता रहे हैं कि 4 जून के बाद सिलीगुड़ी नगर निगम इस संबंध में कोई महत्वपूर्ण निर्णय ले सकता है.
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