दार्जिलिंग, कालिमपोंग और सिक्किम के लोगों का सपना जल्दी साकार होने जा रहा है. जल्द ही सिक्किम रेल कनेक्टिविटी में भारत से सीधा जुड़ने जा रहा है. दार्जिलिंग, कालिमपोंग और पहाड़ी इलाकों में लोगों को देश के किसी भी हिस्से में जाने के लिए सीधा लाभ मिलने वाला है. परियोजना का काम नियत समय पर पूरा होगा. एक-एक करके सारी बाधाएं दूर हो गई है. अब तक इस परियोजना में 7 पुलों का निर्माण पूरा हो चुका है.
लगभग 44.96 किलोमीटर लंबी इस परियोजना में कुल 13 पुलों का निर्माण होना है. इनमें से सात पुलों का निर्माण पूरा हो चुका है. जबकि 6 पुलों का कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है. इस परियोजना को इरकान के अधिकारी पूरा कर रहे हैं. पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे परियोजना की देखरेख कर रहा है. सीपीआरओ कपिंजल किशोर शर्मा ने बताया कि एक पुल के लिए दो 69 मीटर लंबे ओपन वेब गार्डर की सफल लांचिंग की गई. इन गार्डरो का कुल वजन 810 मेट्रिक टन है. उन्होंने कहा कि लॉन्चिंग करने के लिए उन्नत नोज विधि का उपयोग किया गया है. इसे 40 मीटर की ऊंचाई पर लॉन्च किया गया था.
नोज विधि काफी कठिन होती है, जो ऐसे क्षेत्र में चुनौती पूर्ण भूभाग संरचनाओं के निर्माण में सहयोग करती है. इसमें दक्षता और सटीकता भी सुनिश्चित होती है. इस क्षेत्र में रेल परियोजना का काम कितना कठिन है, यह इसी बात से समझा जा सकता है कि एक तरफ पहाड़ और पहाड़ के बीच से टनल का निर्माण, पुलों का निर्माण, स्टेशन आदि को बाधा मुक्त तैयार करना और यात्रियों की सुरक्षा के मध्येनजर ठोस निर्माण करना आसान नहीं होता. परियोजना के अनुसार इसमें 14 टनल, 13 बड़े पुल, 9 छोटे पुल और पांच स्टेशन बनाए जा रहे हैं.
सबसे लंबी सुरंग की लंबाई 5.3 किलोमीटर है. यह T 10 है. इस परियोजना की यह सबसे लंबी सुर॔ग है. जबकि सबसे लंबा पुल B 17 है. इसकी लंबाई 425 मीटर है. यह पूरी परियोजना लगभग 38.65 किलोमीटर टनलों से होकर गुजरती है. इसी बात से आप समझ सकते हैं कि यह कार्य कितना कठिन है. लेकिन इरकान के लोग दिन रात युद्ध स्तर पर काम कर रहे हैं और कठिन चुनौतियों का मुकाबला कर रहे है.
जब यह परियोजना कंप्लीट हो जाएगी, उस दिन सिक्किम, दार्जिलिंग, कालिमपोंग के साथ-साथ सिलीगुड़ी शहर एक नई छवि के साथ नजर आएंगे. इन छोटे बड़े शहरों में पर्यटन विस्तार के साथ कारोबार में भी इजाफा होगा. सिलीगुड़ी और देश में आवागमन के क्षेत्र में एक नई क्रांति आएगी. सीपीआरओ ने बताया कि न केवल यात्रा के समय में काफी कमी आएगी बल्कि आर्थिक और सामाजिक क्षेत्र में भी काफी वृद्धि होगी. उन्होंने कहा कि व्यापार एवं वाणिज्य को काफी लाभ होने वाला है.
सी पी आर ओ कपिंजल किशोर शर्मा ने बताया कि जिस तरह की हमारी योजना है, उसके अनुसार सेवक रंगपो रेल परियोजना से समतल और पहाड़ के बीच सामाजिक, आर्थिक स्थितियों को बेहतर बनाने, दोनों क्षेत्रों के बीच पहुंच और राष्ट्रीय एकीकरण को मजबूती दिलाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. उम्मीद की जानी चाहिए कि यह कार्य जल्द से जल्द पूरा होगा. उस दिन का पहाड़ और सिक्किम के लोग भी बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं.
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