March 31, 2025
Sevoke Road, Siliguri
उत्तर बंगाल राजनीति सिलीगुड़ी

थूकने पर भरना होगा 5000 रुपये तक का जुर्माना !सिलीगुड़ी में भी सख्त कानून की जरूरत

अगर आपको सार्वजनिक स्थानों पर थूकने की आदत है, तो अब सतर्क हो जाइए! कोलकाता पुलिस ने सख्त कदम उठाते हुए सार्वजनिक स्थानों और परिवहन सेवाओं में थूकने पर 1000 से 5000 रुपये तक का जुर्माना लगाने का आदेश जारी किया है। यह निर्णय शहर को स्वच्छ और बीमारियों से मुक्त रखने के उद्देश्य से लिया गया है।

अक्सर देखा जाता है कि लोग गुटखा, तंबाकू या पान मसाला खाकर सड़कों, दीवारों और सार्वजनिक स्थलों पर थूक देते हैं, जिससे जगह-जगह लाल धब्बे बन जाते हैं। यह सिर्फ गंदगी ही नहीं फैलाता, बल्कि गंभीर बीमारियों का कारण भी बनता है।West Bengal Prohibition of Smoking & Spitting Act, 2001 के तहत कोलकाता में अब सार्वजनिक स्थलों और सार्वजनिक सेवा वाहनों जैसे बस, ऑटो, टैक्सी, ट्रेन में थूकना अपराध माना जाएगा। पहली बार पकड़े जाने पर 1000 रुपये तक का जुर्माना लगेगा, और अगर कोई दोबारा यही गलती करता है, तो उसे 2000 रुपये से 5000 रुपये तक का दंड भरना होगा।

सरकार के इस सख्त फैसले का उद्देश्य बीमारियों को फैलने से रोकना और शहर को साफ-सुथरा बनाए रखना है। थूक से कई संक्रामक बीमारियां फैलती हैं, जिनमें टीबी, डेंगू, स्वाइन फ्लू और कोरोना जैसी बीमारियां शामिल हैं। यही कारण है कि प्रशासन ने अब सिर्फ समझाने के बजाय कठोर दंडात्मक कार्रवाई करने का फैसला किया है।

सिलीगुड़ी उत्तर बंगाल का व्यापारिक और पर्यटन केंद्र है, लेकिन यहां सार्वजनिक स्थानों पर थूकने की समस्या गंभीर बनी हुई है। रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, बाजार और सड़कें अक्सर गुटखा और पान की पीक के लाल धब्बों से भरी रहती हैं, जो न केवल गंदगी फैलाते हैं बल्कि बीमारियों का खतरा भी बढ़ाते हैं।

अगर स्वच्छता की बात करें तो सिक्किम पूरे देश के लिए एक मिसाल है। सिक्किम में सार्वजनिक स्थानों पर थूकने पर कड़े प्रतिबंध लागू हैं, और वहां सफाई को लेकर बेहद सख्ती बरती जाती है। सिक्किम की साफ-सुथरी सड़कों, बाजारों और पर्यटन स्थलों को देखकर यह साफ हो जाता है कि अगर प्रशासन और जनता मिलकर प्रयास करें, तो किसी भी शहर को स्वच्छ बनाया जा सकता है। सिलीगुड़ी को भी सिक्किम की तरह सख्त कानून अपनाने की जरूरत है, ताकि शहर की सुंदरता और स्वच्छता बनी रहे।

यहां के कई स्थानीय निवासियों का मानना है कि “लोगों की आदतें तभी बदलेंगी, जब उन पर सख्ती बरती जाएगी।” अगर कोलकाता में इस कानून को लागू किया जा सकता है, तो सिलीगुड़ी में क्यों नहीं? सरकार को चाहिए कि वह इस कानून को जल्द से जल्द यहां भी लागू करे, ताकि शहर को स्वच्छ और स्वस्थ बनाया जा सके।

स्वच्छता सिर्फ सरकार की नहीं, बल्कि हर नागरिक की जिम्मेदारी है। सड़कों, बाजारों और सार्वजनिक परिवहन में थूकने की प्रवृत्ति को रोकने के लिए सख्त कानून के साथ-साथ जनता को भी अपनी मानसिकता बदलनी होगी। अब वक्त आ गया है कि हम बदलाव को अपनाएं – नहीं तो जेब से हजारों रुपये का जुर्माना भरने के लिए तैयार रहें!

(अस्वीकरण : सभी फ़ोटो सिर्फ खबर में दिए जा रहे तथ्यों को सांकेतिक रूप से दर्शाने के लिए दिए गए है । इन फोटोज का इस खबर से कोई संबंध नहीं है। सभी फोटोज इंटरनेट से लिये गए है।)

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