April 20, 2024
Sevoke Road, Siliguri
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नौकाघाट से फुलबारी तक उद्योग धंधों के विकसित होने के आसार बढ़े!

अगर आप नौकाघाट से जलपाईगुड़ी की ओर जाते हैं तो एशियन हाईवे के दोनों तरफ सड़क के किनारे अनेक खाली पड़ी जमीन देखते होंगे. यह फुलबारी- राजगंज के अंतर्गत आता है. खाली पड़ी जमीनों पर चहारदीवारी खड़ा करके छोड़ दी गई है. यह सभी जमीने उद्योग धंधे लगाने के लिए है. उद्योगपतियों ने सरकार से सस्ती दर पर जमीन लेकर छोड़ रखी है. बरसों से इस जमीन पर ना कोई निर्माण हुआ और ना ही कोई उद्योग धंधा लगा. परंतु अब यहां उद्योग धंधे लगने के आसार बढ़ गए हैं.

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सरकार ने ऐसी खाली पड़ी जमीनों के खिलाफ एक्शन लेना शुरू कर दिया है. सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि अब उद्योगों के लिए दी गई जमीनों को खाली छोड़ा नहीं जा सकता. अगर कोई व्यक्ति ऐसा करता है तो उसकी जमीन को सरकार वापस ले लेगी. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सरकार के इस फैसले ने उद्योगपतियों के पांव के नीचे की जमीन खिसका दी है. सूत्र बता रहे हैं कि उद्योगपति शीघ्र ही यहां खाली पड़ी जमीनों पर निर्माण कार्य और उद्योग लगाने का क्रम शुरू करने वाले हैं.

सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी उत्तर बंगाल समेत पूरे बंगाल में उद्योग धंधों के विस्तार और बेरोजगारों को काम देने की दिशा में कदम उठा रही है. उन्होंने पिछले दिनों राज्य के उद्योगपतियों से भी बात की थे और उन्हें इसका संकेत दे दिया था. अब ममता बनर्जी के मंत्रिमंडल ने राज्य में उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए कठोर फैसला ले लिया है.

इसके अनुसार अगर किसी औद्योगिक समूह को उद्योग स्थापित करने के लिए राज्य सरकार ने जमीन दी है और अगर उस जमीन को लंबे समय तक खाली रखा गया तो राज्य सरकार उसे वापस ले लेगी. सिलीगुड़ी जलपाईगुड़ी समेत राज्य में कई औद्योगिक समूहों को बहुत कम कीमत पर जमीन उपलब्ध कराई गई है. कई औद्योगिक घरानों को लीज नियमों के तहत जमीन दी गई है. लेकिन काफी समय बीत गया. वहां उद्योग की स्थापना नहीं की जा सकी. ऐसे उद्योगपतियों को सावधान करते हुए सरकार ने सख्त रुख अपनाया है.

सिलीगुड़ी समेत पूरे राज्य में बेरोजगारी और काम धंधा ना मिलने से लोगों की परेशानी बढ़ी है. अनेक युवा काम धधा नहीं मिलने से कुंठित हो चले हैं. ममता बनर्जी की सरकार ने फैसला किया है कि अगर कोई उद्योग घराना या उद्योगपति रोजगार सृजन तथा अन्य क्षेत्रों में बेहतर कार्य करेंगे तो उन्हें सम्मानित किया जाएगा. केवल इतना ही नहीं अगर कोई औद्योगिक समूह बेहतर कार्य कर रहा है तो उनकी लीज की जमीन को बिना शर्त दलील में तब्दील कर दिया जाएगा.

जानकार मानते हैं कि राज्य सरकार के इस फैसले के बाद सिलीगुड़ी जलपाईगुड़ी एशियन हाईवे पर स्थित खाली पड़ी जमीनों पर बनाई गई चारदीवारी जल्द ही कल कारखानों का आकार ले लेगी. इससे सिलीगुड़ी और जलपाईगुड़ी के लोगों को काम मिलेगा तथा उनके जीवन में आर्थिक समृद्धि आएगी. अब देखना है कि सरकार के इस फैसले के बाद एशियन हाईवे पर स्थित उद्योगपतियों की जमीन पर इंफ्रास्ट्रक्चर समेत उद्योग धंधे लगाने की प्रक्रिया पर कितना असर पड़ता है और यह कितना सफल होता है!

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