April 27, 2024
Sevoke Road, Siliguri
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कुदरत के कहर से टूटे सिक्किम को उबारने की कोशिश, बचाव एवं राहत कार्य युद्ध स्तर पर!

सिक्किम में कुदरत ने ऐसा कहर ढाया कि सब कुछ अस्त-व्यस्त हो गया है. घाटी, शहर, कस्बा, गांव, बस्ती ऐसा कोई भी स्थान नहीं है, जिसे सुरक्षित कहा जा सके. सब जगह आपाधापी, त्रासदी. त्रिशक्ति कोर की टीम कभी यहां तो कभी वहां मदद के लिए पहुंच रही है. सिक्किम सरकार के सारे विभाग अपनी अपनी जिम्मेवारियों का बखूबी पालन कर रहे हैं. एसडीआरएफ,NDRF, आरडीडी, Phe, सामाजिक संगठन, नागरिक संगठन सभी राहत एवं बचाव कार्य में जुटे हुए हैं.

आज सिक्किम की यही तस्वीर है. सिक्किम का सिलीगुड़ी और अन्य स्थानों से संपर्क लगभग खत्म हो चुका है. बड़ी गाड़ियां तो कब की बंद हो गई है. एकाध छोटे वाहन जा तो रहे हैं लेकिन वहां नहीं जहां कुदरत का कहर टूटा है. अब तक 10 लोगों के शव बरामद हो चुके हैं. 82 लोग अभी भी लापता हैं. हालांकि जानमाल का कितना नुकसान हुआ है, सिक्किम सरकार अभी आकलन करने की स्थिति में नहीं है. क्योंकि सर्वप्रथम सरकार के समक्ष सबसे बड़ी चुनौती कुदरत के कहर में बिखरे सिक्किम को पुनर्जीवन देना है और आपदा के मारे लोगों में विश्वास, सहायता और सुविधाओं को उपलब्ध कराना है. सिक्किम सरकार अन्य संस्थाओं की मदद से यही कर रही है.

सिक्किम में नदी,झोड़े ,नाले बहुत हैं. सड़क पर पुल बना है. सिक्किम सरकार की आधिकारिक रिपोर्ट में 14 पुल के ढहे जाने की जानकारी है. इसका यह भी मतलब होता है कि अलग-अलग गांव, बस्तियों का बाहरी संपर्क खत्म हो चुका है. कल तक की खबर थी कि 23 जवान लापता हो गए हैं. उनमें से कल शाम तक एक जवान को ढूंढ निकाला गया. लेकिन अभी भी 22 जवान लापता हैं. जिन्हें अलग-अलग स्थानो पर ढूंढा जा रहा है. त्रिशक्ति कोर की टीम अन्य सहयोगी संगठनों के साथ युद्ध स्तर पर काम कर रही है. जो 82 लोग लापता हुए हैं, उनमें डॉक्टर भी हैं, मजदूर और सामान्य लोग भी हैं.

सिक्किम सरकार ने एक विशेष हेल्पलाइन जारी किया है. पुलिस कंट्रोल रूम, सूचना विभाग ,सहायता शिविर, पर्यटकों के लिए राहत उपलब्ध कराना, कम्युनिकेशन विस्तार इत्यादि व्यवस्थाएं की गई है. जरूरतमंदों को जो खासकर विभिन्न राहत शिविरों में रह रहे हैं, उन्हें मेडिकल, फोन कनेक्टिविटी आदि सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं.इसके अलावा उनके भोजन और वस्त्र की भी व्यवस्था है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सिक्किम सरकार को हर संभव सहायता का आश्वासन दिया है. उन्होंने आपदा पीड़ितों के लिए दुख जाहिर किया है. उत्तरी सिक्किम के चुंगथांग ,लाछुंग और लाछेन मे सर्च अभियान चलाया जा रहा है. जो लोग आपदा में फंसे हुए हैं, उन्हें आपदा से निकलकर राहत शिविरों में पहुंचाया जा रहा है.

सिक्किम में विभिन्न स्थानों पर राहत शिविर बनाए गए हैं. सिंगताम में बिहारी भवन और नेपाली भवन के अलावा सिंगताम सीनियर सेकेंडरी स्कूल, शिरवानी सीनियर सेकेंडरी स्कूल, आर्मी कैंप, दिकचु कैंप इत्यादि राहत शिविर हैं.यहां आपदा पीड़ितों को रखा जा रहा है. उनकी जरूरत के सारे सामान राहत शिविरों में उपलब्ध हैं. सिक्किम और उत्तर बंगाल में विभिन्न स्थानों पर तैनात सैनिकों को उनके घर वालों से संपर्क करने के लिए सिक्किम सरकार की ओर से अस्थाई व्यवस्था की जा रही है. पर्यटकों को उनके घरों से संपर्क करने के लिए छातेन में सैटलाइट कम्युनिकेशन स्थापित किया गया है. दरअसल जो सूचना मिल रही है, उसके अनुसार अभी तक सिक्किम में मोबाइल कनेक्टिविटी अस्त व्यस्त है, जिसे ठीक करने का प्रयास युद्ध स्तर पर जारी है. सिक्किम के कई इलाकों में पानी का पाइप लाइन, सीवरेज आदि बह चुका है. उसे दुरुस्त करने के लिए पीडब्ल्यूडी और सिंचाई विभाग की ओर से प्रयास किया जा रहा है.

सिक्किम सरकार ने पुलिस हेल्पलाइन कंट्रोल रूम के कुछ नंबर जारी किए हैं. यहां हर तरह की मदद और पूछताछ की सुविधा उपलब्ध होगी. यह नंबर हैं 0359 220 2892, 0359 2 221152 के अलावा मोबाइल नंबर 8001 763 383 है. कोई भी व्यक्ति इन नंबरों पर संपर्क करके अपने परिजनों के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकता है. चुंगथांग में तीस्ता नदी घाटी क्षेत्र में अभी भी बारिश हो रही है. ऐसे में सिक्किम सरकार ने लोगों से नदी घाटी क्षेत्र में नहीं जाने की अपील की है. सिक्किम राज्य डिजास्टर मैनेजमेंट के द्वारा लोगों से अपील की जा रही है कि वह घाटी क्षेत्र में कोई भी लावारिस वस्तु को न छुए क्योंकि यह विस्फोटक भी हो सकती है.

DDMA कंट्रोल रूम गंगतोक से जो जानकारी मिल रही है, उसके अनुसार सिरवानी के आसपास आपदा में फंसे 200 परिवारों को सेकेंडरी स्कूल सहायता शिविर में भेजा गया है. जबकि सिंगताम के आसपास के 300 लोगों को आपदा से सुरक्षित बचाकर सिंगताम के सीनियर सेकेंडरी स्कूल कैंप में लाया गया है. सिंगताम के लैंको लेबर कैंप से सात लोग लापता बताए जा रहे हैं. चार लोग गोलीतार से लापता है, जबकि दो व्यक्ति डिकचु से लापता है. इस तरह से सिंगताम से कुल 13 व्यक्ति लापता बताए जा रहे हैं. सिंगताम क्षेत्र से अब तक 6 शवों को बरामद किया जा चुका है. दिकचु में 150 परिवार शरणार्थी शिविर में शरणागत हो चुके हैं. इस तरह से स्वर्ग से सुंदर सिक्किम आज बदहाल है लेकिन जल्द सिक्किम पटरी पर लौटेगा, ऐसा सभी को भरोसा है.

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