May 3, 2024
Sevoke Road, Siliguri
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जल्दापाड़ा, बक्सा, गोरुमारा… में पर्यटकों की आज से नो एंट्री!

आज से 3 महीने के लिए सिलीगुड़ी के आसपास पिकनिक स्पॉट, Dooars के वनांचल क्षेत्र तथा पहाड़ के चर्चित उद्यानों तथा पर्यटन केंद्रों में पर्यटक घूमने नहीं जा सकेंगे. यह कोई आकस्मिक फैसला नहीं है बल्कि हर साल मानसून के दौरान वनांचल इलाकों में स्थित पर्यटन केंद्रों को पर्यटकों के लिए बंद कर दिया जाता है. यह उसी प्रक्रिया का हिस्सा है.

वन विभाग की घोषणा के अनुसार 16 जून से लेकर 15 सितंबर तक दार्जिलिंग का सिंगलिला राष्ट्रीय उद्यान, शिनचेल अभयारण्य, कालिमपोंग का नेउरा वैली राष्ट्रीय उद्यान, जलपाईगुड़ी में गोरूमारा राष्ट्रीय उद्यान, चपरामारी अभयारण्य, सिलीगुड़ी में महानंदा अभयारण्य और अलीपुरद्वार में जल्दापाड़ा राष्ट्रीय उद्यान को 15 सितंबर तक के लिए बंद कर दिया गया है.

इसी तरह से अलीपुरद्वार में बक्सा राष्ट्रीय उद्यान तथा बक्सा अभयारण्य भी पर्यटकों के लिए आज से बंद हो गए. यह सभी वे राष्ट्रीय उद्यान हैं जिनकी भारत और विश्व में चर्चा होती है.इन राष्ट्रीय उद्यानों में जीव-जंतुओं का संरक्षण और पोषण के लिए उपयुक्त परिवेश है. इस मौसम में जीव जंतु आराम और प्रजनन करते हैं.इसलिए पर्यटकों को अंदर जाने से रोक दिया जाता है.

हालांकि पर्यटन और रोजगार पर कोई असर नहीं पड़े, वन विभाग ने कुछ पर्यटन क्षेत्रों को पर्यटकों के लिए खुला रखने का फैसला किया है. इनमें टाइगर हिल, मूर्ति फॉरेस्ट कैंप, राजभातखावा स्थित नेचर अवेयरनेस सेंटर, बक्सा फोर्ट ,जयंती और सिकिया झोरा इको टूरिज्म सेंटर आदि शामिल है. यह सभी पर्यटन केंद्र पर्यटकों के लिए खुले रहेंगे. समझा जाता है कि ऐसे स्थानों में वन्य जीव जंतु नहीं होते. इसलिए ऐसे पर्यटन केंद्रों को बंद कर देने से पर्यटन और रोजगार पर भारी असर पड़ेगा. यह देखते हुए ही इन केंद्रों को खुला ही रखने का फैसला किया गया है.

राज्य पर्यटन विभाग और वन क्षेत्रों से मिली जानकारी के अनुसार उपरोक्त बंद पर्यटन केंद्रों में पर्यटक नहीं जा सकेंगे .उन्हें जीप तथा हाथी सफारी का मौका नहीं मिलेगा. इसके अलावा वन क्षेत्रों में हरियाली और प्रकृति का भी उन्हें दर्शन नहीं होगा. राज्य वन विभाग के अनुसार मानसून के दिनों में वनों के विकास तथा जंगली जानवरों के प्रजनन को देखते हुए ही यह दिशानिर्देश जारी किया जाता है. बरसात के दिनों में जंगली जीव जंतु आराम और प्रजनन क्रिया में व्यस्त हो जाते हैं. इस समय उन्हें गहन एकांत की आवश्यकता होती है.

इस साल सिलीगुड़ी और आसपास के वनांचल क्षेत्रों में भीषण गर्मी के कारण पर्यटन के क्षेत्रों में काफी विकास हुआ है.इस बार रिकॉर्ड संख्या में पर्यटक वनांचल क्षेत्रों में घूमने के लिए आए. इससे पर्यटन क्षेत्र को काफी लाभ हुआ है. 16 सितंबर के बाद एक बार फिर से यह सभी वनांचल क्षेत्र और पर्यटन केंद्र पर्यटकों के लिए खोल दिए जाएंगे.

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