May 4, 2024
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निपाह वायरस की दस्तक ने बढ़ाई चिंता,आपका प्रदेश कितना सुरक्षित है!

कोरोना से भी खतरनाक एक वायरस ने दस्तक दे दी है. इस वायरस का नाम निपाह वायरस है. केरल में इस वायरस से दो व्यक्तियों की जान गई है. इनमें से एक 9 साल और दूसरा 4 साल का शिशु है. केरल में निपाह वायरस का संक्रमण कोई पहला मामला नहीं है. इससे पहले केरल में यह वायरस दस्तक दे चुका है. देश के दूसरे राज्यों में वायरस ना फैले, वैज्ञानिक और विशेषज्ञ तैयारी में जुट गए हैं.

निपाह वायरस का संक्रमण अभी केवल केरल में ही देखा जा रहा है. परंतु देश के दूसरे प्रदेशों में भी सतर्कता बरती जा रही है.यह एक ऐसा वायरस है जिससे संक्रमित होने के बाद रोगी की मृत्यु दर सर्वाधिक है. केरल में इससे पहले निपाह वायरस के कारण मृत्यु दर 45 से 70% अधिक पाई गई थी. हालांकि राहत की बात यह है कि यह कम संक्रामक, लेकिन अधिक खतरनाक है.

केरल के कोझिकोड जिले में निपाह वायरस ने एक परिवार के कई लोगों को संक्रमित कर दिया है. इनमें से दो की मौत हो चुकी है.बाकी परिजनों का भी इलाज चल रहा है. रोगियों के सैंपल पुणे स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट आफ वायरोलॉजी में जांच के लिए भेजा गया है. इस वायरस के शिकार व्यक्ति में ब्रेन इन्फेक्शन सर्वाधिक होता है.

निपाह वायरस सबसे पहले 1999 में मलेशिया के गांव निपाह में पाया गया था. इसी गांव के नाम पर इस वायरस का नाम निपाह पड़ा. यह वायरस मुख्य रूप से चमगादड़ तथा सूअर के जरिए इंसानों में फैलता है. इसके अलावा विशेषज्ञों ने बकरी, घोड़े, बिल्ली इत्यादि को भी वायरस के लिए जिम्मेदार ठहराया है. विशेषज्ञों ने कहा है कि पशुओं के मल मूत्र तथा रक्त के जरिए यह वायरस इंसानों में फैलता है.

वायरस से संक्रमित होने पर इसके लक्षण 14 दिन के भीतर आने लगते हैं. सबसे पहले बुखार, सर दर्द ,फ्लू आदि के लक्षण उत्पन्न होते हैं. धीरे-धीरे स्थिति गंभीर होती चली जाती है और रोगी को सांस लेने में भी कठिनाई होने लगती है. बाद में उसका ब्रेन इंफेक्शन होता है. ऐसे में रोगी बेहोश या मूर्छा का शिकार हो सकता है. कई रोगी भ्रम की स्थिति में रहते हैं तो कई रोगी कोमा में चले जाते हैं. हालांकि कुछ रोगियों में इसका कोई असर नहीं होता.

इस वायरस से बचाव ही उसका इलाज है अन्यथा इसका कोई विशिष्ट इलाज नहीं है. विशेषज्ञों ने लोगों को बचाव की सलाह दी है. इसके अनुसार चमगादड़ तथा सूअर के संपर्क में ना आए. पेड़ से सीधा नीचे गिरे फल को ना खाएं. बार-बार हाथ धोते रहें. चेहरे पर मास्क लगाए. घर में पालतू जानवरों के संपर्क में ना रहे. गनीमत है कि अभी तक निपाह वायरस के मामले केवल केरल में ही सीमित है.

केरल में उच्च स्तरीय बैठक चल रही है. स्वास्थ्य विशेषज्ञों की बैठक में निपाह वायरस पर तुरंत नियंत्रण पाने के लिए योजना बनाई जा रही है. अगर निपाह वायरस का मामला केरल में ही निपटा लिया जाता है तो देश के बाकी प्रदेशों को काफी राहत मिलेगी अन्यथा इसका खामियाजा देश के दूसरे प्रदेशों को भी भुगतना पड़ सकता है. अगर आप आप केरल में नौकरी करते हैं अथवा केरल की यात्रा करने की योजना बना रहे हैं तो फिलहाल अपनी यात्रा स्थगित रखें. क्योंकि यह ऐसा वायरस है कि संक्रमित व्यक्ति से दूसरे लोग भी संक्रमित हो सकते हैं.

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