May 4, 2024
Sevoke Road, Siliguri
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सिलीगुड़ी के लोग नए पुलिस कमिश्नर सी सुधाकर में गौरव शर्मा की झलक देखना चाहते हैं!

एक शायर की नज्म है, कोई हवा का झोंका आता है लेकिन चिराग भी नहीं बुझा पाता. खामोशी से आता है और खामोशी से ही चला जाता है… ना कोई आहट थी. ना कोई शोर था. चुपके से आया और चुपके से ही चला गया.

सिलीगुड़ी के पुलिस कमिश्नर अखिलेश कुमार चतुर्वेदी की विदाई हो गई है. उनके यहां पदभार ग्रहण करने के समय भी कोई हलचल या शोर नहीं था. तो उनके यहां से विदाई पर भी कोई शोर नहीं हुआ. बस चुपके से आए और चुपके से ही चले गए. बतौर सिलीगुड़ी के पुलिस कमिश्नर अखिलेश कुमार चतुर्वेदी ने ऐसा कोई काम नहीं किया, जो उन्हें पूर्व पुलिस कमिश्नर आईपीएस गौरव शर्मा की तरह याद किया जा सके. उन्होंने क्या खोया और क्या पाया. यह बात ना करके यह बात की जाए कि उन्होंने सिलीगुड़ी को अपने छोटे से काल में क्या दिया!

गौरव शर्मा अपराधियों के लिए सिंघम थे. उनका व्यक्तित्व इतना विराट था कि अपराधी अपराध करने से पहले सौ बार विचार करता था. जिस समय गौरव शर्मा ने सिलीगुड़ी का पदभार संभाला, उस समय सिलीगुड़ी और आसपास के क्षेत्र में आपराधिक गतिविधियां अत्यधिक बढ़ गई थी. गौरव शर्मा को सिलीगुड़ी को अपराध मुक्त करने के लिए ही यहां भेजा गया था और उन्होंने ऐसा करके दिखाया भी. अन्याय और अत्याचार के आगे घुटने ना टेकने वाले गौरव शर्मा ने हमेशा अपने कर्तव्य को ऊपर रखा. उन्होंने सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस के सभी थानों के पुलिस विभाग की ऐसी नकेल कसी कि हर पुलिस अधिकारी अपनी ड्यूटी के प्रति हमेशा सजग रहता था. इसका परिणाम यह निकला कि बहुत कम समय में ही सिलीगुड़ी और आसपास के क्षेत्र में अपराध की दर में कमी आती गई.

लेकिन एक ईमानदार पुलिस ऑफिसर किसी एक जगह ज्यादा समय तक नहीं टिकता. ऐसे ईमानदार पुलिस अधिकारियों को अक्सर राजनीति का शिकार होना पड़ता है. उनका स्थानांतरण कर दिया गया. उनकी जगह अखिलेश कुमार चतुर्वेदी को सिलीगुड़ी का नया पुलिस कमिश्नर बनाकर भेजा गया. जिस समय अखिलेश कुमार चतुर्वेदी सिलीगुड़ी के पुलिस कमिश्नर बनाकर भेजे गए, उस समय तक सिलीगुड़ी में अपराध पर नियंत्रण था. लेकिन अखिलेश कुमार चतुर्वेदी को गौरव शर्मा की परंपरा को आगे बढ़ाना चाहिए था, उसमें वह असफल रहे.

अखिलेश कुमार चतुर्वेदी का व्यक्तित्व कुछ ऐसा नहीं था कि पुलिस अधिकारी उनका अनुसरण कर पाते. जानकार बताते हैं कि अखिलेश कुमार चतुर्वेदी ने अपने कर्तव्यों तथा अधिकारों का उस तरह से इस्तेमाल नहीं किया, जो उन्हें करना चाहिए था. इसका परिणाम यह निकला कि पुलिस अधिकारियों से लेकर अपराधियों तक में एक दबंग आईपीएस पुलिस कमिश्नर का जो खौफ होना चाहिए था, वह खत्म हो गया. कहा जाता है कि अखिलेश कुमार चतुर्वेदी पुलिस अधिकारी से ज्यादा राजनीति में ही उलझे रहे. दूसरी ओर सिलीगुड़ी में अपराध और अपराधियों का बोलबाला शुरू हो गया.

गौरव शर्मा ने जिस say no टू ड्रग्स अभियान को आगे बढ़ाया था, अखिलेश कुमार चतुर्वेदी ने उसका हाशिया भी नहीं ढूंढा. इसका परिणाम यह हुआ कि सिलीगुड़ी और आसपास के क्षेत्र में मादक पदार्थों और ड्रग्स का धंधा तेजी से फलने फूलने लगा. इसके अलावा शहर में चोरी, डकैती,गुंडागर्दी भी लगातार बढ़ती गई. केवल एक हफ्ते में ही सिलीगुड़ी में चार-चार ऐसी आपराधिक वारदातें हुई कि विभिन्न संगठनों और नागरिक संगठनों की ओर से पुलिस प्रशासन के खिलाफ लोगों का आक्रोश बढ़ता चला गया. सिलीगुड़ी के पुलिस कमिश्नर अखिलेश कुमार चतुर्वेदी को समाज व राजनीति का इसका कोप भाजन बनना पड़ा.

सूत्र बताते हैं कि मीडिया में पुलिस विभाग और पुलिस कमिश्नर आईपीएस अखिलेश कुमार चतुर्वेदी की लगातार फजीहत होते देखकर राज्य सरकार ने सिलीगुड़ी में अपराध पर नियंत्रण के लिए कड़ा कदम उठाया. बताया जाता है कि इसी के परिणाम स्वरूप अखिलेश कुमार चतुर्वेदी की सिलीगुड़ी से विदाई कर दी गई. उन्हें जलपाईगुड़ी रेंज में भेजा गया है जबकि जलपाईगुड़ी के डीआईजी रेंज पर आसीन सी सुधाकर आईपीएस पुलिस अधिकारी को सिलीगुड़ी का नया पुलिस कमिश्नर बनाया गया है.

आपको बताते चलें कि सरकार ने एक अधिसूचना जारी करके अधिकांश आईपीएस अधिकारियों का तबादला या पदोन्नति की है. उनमें उत्तर बंगाल से सिलीगुड़ी के पुलिस कमिश्नर अखिलेश कुमार चतुर्वेदी तथा कूचबिहार के आईपीएस अधिकारी सुमित कुमार शामिल है. सुमित कुमार को डीआईजी बनाकर बारासात भेजा गया है. अधिकांश आईपीएस अधिकारियों का तबादला या पदोन्नति दक्षिण बंगाल में ही हुई है. अधिसूचना के अनुसार राज्य सरकार ने दार्जिलिंग के डीएम एस पन्नबलम का भी स्थानांतरण कर दिया है. उनकी जगह दार्जिलिंग के नए डीएम प्रीति गोयल द्वारा पदभार ग्रहण करने की बात कही जा रही है

बहरहाल यह देखना होगा कि सिलीगुड़ी के नए पुलिस कमिश्नर सी सुधाकर आईपीएस अधिकारी सिलीगुड़ी में बढ़ते अपराधों पर लगाम लगाने के लिए कौन सा फार्मूला लेकर आते हैं. क्योंकि इसी के लिए उन्हें यहां भेजा भी गया है. वैसे सिलीगुड़ी के लोग तो यही चाहते हैं कि सी सुधाकर आईपीएस अधिकारी पूर्व पुलिस कमिश्नर गौरव शर्मा के अंदाज में एंट्री लेकर सिलीगुड़ी में बढ़ते अपराधों पर लगाम लगाए.

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