May 2, 2024
Sevoke Road, Siliguri
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पानीटंकी में बढ़ रही है अवैध घुसपैठ! पाकिस्तानी महिला के जी का जंजाल बना मेची नदी पुल का रास्ता!

भारत नेपाल सीमा पर पानीटंकी के पास मेची नदी है, जिस पर एशियन हाईवे बना हुआ है. यह सड़क नेपाल के काकरभिटटा से भारत स्थित पानी टंकी को जोड़ती है. पानी टंकी के पास स्थित चेक पोस्ट पर एस एस एस बी 41 बटालियन के जवान हर समय मुस्तैद रहते हैं और भारत नेपाल से आने वाले लोगों पर गहरी नजर रखते हैं. इस मार्ग से होकर आए दिन तस्करी, अवैध घुसपैठ और विभिन्न तरह के अवैध क्रियाकलाप होते रहते हैं. हाल के दिनों में यह घटनाएं अत्यधिक बढ़ गई हैं. इसे देखते हुए सीमा सुरक्षा बल के जवानों को सतर्क कर दिया गया है.

यह एक व्यस्त मार्ग है. भारत नेपाल के लोग अक्सर इस मार्ग से होकर एक दूसरे देश में प्रवेश करते हैं. काकर्विटा और पानी टंकी यहां के लोगों के लिए किसी हाट बाजार से कम नहीं है. सीमा सुरक्षा बल के जवान स्थानीय लोगों की वेशभूषा तथा उनकी गतिविधियों के बारे में पूर्व परिचित होते हैं. अतः उनकी चेकिंग उस तरह से नहीं होती, जैसे अवैध घुसपैठियों की चेकिंग की जाती है. कभी-कभी इसका फायदा उठाकर तस्कर अथवा अवैध घुसपैठिए भी सीमा पार कर जाते हैं. बुधवार के दिन भी ऐसा ही हुआ.

सुबह का समय था. एक महिला और उसका बेटा नेपाल के काकड़ बीटा से मेची नदी होते हुए पैदल ही पानी टंकी की ओर आ रहे थे. जैसे ही वे चेक पोस्ट पर पहुंचे, एस एस बी के जवानों ने उन्हें घूर कर देखा. नहीं लगा कि महिला तथा उसके बेटे पहले भी यहां देखे गए हैं. उन्हें लगा कि यह लोग आसपास के भी रहने वाले नहीं हैं. अतः सीमा सुरक्षा बल के जवानों ने महिला को रोक कर उनकी तलाशी लेनी शुरू कर दी. तलाशी में पाकिस्तानी पासपोर्ट तथा अन्य दस्तावेज बरामद हुए.

जब SSB के जवानों ने भारत में प्रवेश का उनसे वीजा मांगा तो उनके पास नहीं था. ऐसे में उन्हें भारत में प्रवेश करने कैसे दिया जाता. अतः SSB ने दोनों मां बेटे को अपनी हिरासत में ले लिया और खोड़ीबाड़ी पुलिस को मामले की जानकारी देकर बुलाया तथा महिला तथा उसके बेटे को सौंप दिया. अब तक पाकिस्तानी महिला के बारे में पुलिस को जो सबूत और साक्ष्य मिले हैं उसके अनुसार महिला का नाम शाइस्ता हनीफ है. जबकि उसके बच्चे का नाम आर्यन मोहम्मद हनीफ है. बेटा 11 साल का है जबकि मां 62 साल की है.

यूं तो महिला पाकिस्तान की नागरिक है. लेकिन उसका मायका उत्तर 24 परगना के किसी गांव में है. दार्जिलिंग जिला पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार महिला अपने रिश्तेदारों से मिलने मायके जा रही थी. लेकिन बिना भारतीय वीजा के महिला भारत में क्यों प्रवेश कर रही थी? नियम के अनुसार पाकिस्तान और बांग्लादेश के नागरिक बिना वीजा के भारत में प्रवेश नहीं कर सकते? क्या उसे पता नहीं था? अगर पता था तो पाकिस्तानी महिला ने भारतीय वीजा बनवाना जरूरी क्यों नहीं समझा? क्या महिला को किसी ने बताया था कि मेची नदी से होकर बिना वीजा के ही भारत में प्रवेश किया जा सकता है? इस तरह के कई सवाल उठ खड़े हुए हैं.

सबसे बड़ा सवाल तो है यह कि क्या बच्चा उसी महिला का है? क्योंकि बेटे की उम्र और मां की उम्र में जमीन आसमान का अंतर है. भला कैसे हो सकता है कि एक 66 साल की महिला के बेटे की उम्र महज 11 साल हो? पुलिस यह भी पता लगा रही है.

दार्जिलिंग जिला पुलिस अधीक्षक प्रवीण प्रकाश ने बताया है कि इस बात के प्रमाण है कि अंतरराष्ट्रीय सीमा पर पकड़े गए मां बेटे दोनों पाकिस्तानी नागरिक हैं. यह लोग पिछले कई सालों से सऊदी अरब में रह रहे थे. उत्तर 24 परगना जिले में उनकी एक बहन रहती है. उनसे मिलने के लिए ही दोनों मां बेटे बिना वीजा के ही भारत में प्रवेश कर गए. आज पुलिस ने महिला को अदालत में प्रस्तुत कर विस्तृत पूछताछ के लिए रिमांड में ले लिया है. जानकारी मिली है कि महिला का घर पाकिस्तान के करांची स्थित सराफा बाजार में है. उसके पासपोर्ट की मियाद 2032 है. जबकि बच्चे के पासपोर्ट की वैलिडिटी 2027 है.

अब तक महिला से पूछताछ के बाद जो जानकारी और साक्ष्य मिले हैं, उसके अनुसार पाकिस्तान से दोनों सऊदी अरब गए. वहां 5 नवंबर को भारत और नेपाल जाने के लिए हवाई टिकट लिया. इसके बाद 11 नवंबर को दोनों मां बेटे सऊदी अरब के जेद्दा हवाई अड्डे से उड़ान भरकर दिल्ली पहुंचे. दिल्ली से दोनों काठमांडू पहुंचे. काठमांडू से मुंबई और वहां से जेद्दा लौटने का हवाई टिकट भी बरामद किया गया है. पुलिस और सीमा सुरक्षा बल के जवानों ने उनके पास से जो सामान बरामद किए हैं, उनमें 5 नवंबर को नेपाल सरकार के द्वारा जारी किया गया टूरिस्ट वीजा, दो मोबाइल फोन, दो सिम कार्ड, एक मेमोरी कार्ड, दो पेन ड्राइव ,10000 नेपाली मुद्रा, 16350 भारतीय रुपए ,6 यूरो और 166 रियाल शामिल है.

इस महिला के बारे में बताया जाता है कि उसके मायके का टाइटल दे है. 1980 में उसने कराची में शादी की थी. उस समय से वह पाकिस्तान की नागरिक है. वर्तमान में वह अपने पति के साथ सऊदी अरब में रहती है. दार्जिलिंग जिला पुलिस ने इस संबंध में महिला का आवासीय प्रमाण पत्र भी बरामद किया है. बरामद साक्ष्य और प्रमाण पत्र के आधार पर महिला के बारे में कुछ प्रश्न उठ रहे हैं, जैसे महिला हिंदू से मुस्लिम कैसे बन गई, भारत में रहते हुए महिला पर किसी का शक क्यों नहीं हुआ, भारत में महिला ने पूर्व में किन प्रमाण पत्रों के आधार पर भ्रमण किया था, इत्यादि का जवाब फिलहाल किसी के पास भी नहीं है. उम्मीद की जा रही है कि रिमांड अवधि के दौरान पुलिस महिला के बारे में कुछ और सच्चाई का पता लगाएगी. उसके बाद ही इस कहानी का सच सामने आएगा.

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