सिलीगुड़ी शहर यूं ही भारत और दुनिया के देशों में लोकप्रिय नहीं है बल्कि शहर की कुछ विशेषताएं हैं. इनकी वजह से यह शहर हमेशा ही कुछ नया, कुछ अनोखा और कुछ अजीबोगरीब दास्तान पेश करता आ रहा है. शासन प्रशासन से लेकर विभिन्न क्षेत्रों में शहर का डंका बजता रहा है.
अतिथि देवो भव वर्तमान में भले ही धूमिल हो गया हो परंतु किसी समय सिलीगुड़ी शहर में यह प्रकाष्ठा पर होता था. तब सिलीगुड़ी की आबादी 50000 से भी कम थी. शहर में बाहर से आए व्यक्ति अथवा पर्यटकों की विशेष खातिरदारी की जाती थी. पर्यटक सिलीगुड़ी शहर की आबोहवा के साथ-साथ यहां के लोगों की कल्चर देख मंत्रमुग्ध रह जाते थे!
एक जमाना था जब सिलीगुड़ी शहर अनेकता में एकता का संदेश देता था. यह वही सिलीगुड़ी शहर है जहां कभी भाईचारा,सद्भाव और सुकून देखा जाता था. कहते हैं कि पश्चिम बंगाल में दूसरे प्रदेशों से सबसे ज्यादा सभ्यता लोगों में देखी जाती है. हालांकि आज भी यह सभ्यता इतिहास की बात नहीं है. परंतु लोगों में हिंसा और जलन की भावना बढ़ती आबादी के हिसाब से बढ़ रही है.
वर्तमान में सिलीगुड़ी शहर में विकास के बहुत काम हुए हैं. जैसे-जैसे शहर की आबादी बढ़ती जा रही है, वैसे वैसे यहां इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास भी हो रहा है. इसके साथ ही पूर्व की सिलीगुड़ी नगर पालिका वर्तमान में सिलीगुड़ी नगर निगम में तब्दील हो चुकी है. एक दशक में यहां काफी कुछ बदला है. जैसे जैसे लोगों में चेतना और संस्कृति का विकास हो रहा है, वैसे वैसे यहां भाईचारा के साथ-साथ समाजवाद भी विकसित हो रहा है.
सिलीगुड़ी शहर धर्म और आस्था के दृष्टिकोण से भी काफी महत्वपूर्ण है. यहां अनेक मंदिर और सार्वजनिक स्थान बनाए गए हैं. अनेक सामाजिक संगठन लोगों की सेवा के लिए तत्पर रहते हैं. .इसके साथ ही यह शहर सुरक्षा और सद्भाव के दृष्टिकोण से भी काफी महत्वपूर्ण है. सिलीगुड़ी शहर की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यहां हिंदू हो या मुस्लिम, सिख या ईसाई सभी मिल जुल कर रहते हैं और त्यौहार किसी का भी हो,उसमें सभी की भागीदारी और हंसी खुशी देखी जाती है.
सिलीगुड़ी शहर में यातायात की व्यवस्था उन्नत होती जा रही है. हालांकि जाम यहां की प्रमुख समस्या है. सिलीगुड़ी मेट्रोपॉलिटन पुलिस हर दिन यहां बड़े बड़े कारनामे करती रहती है. हाल के दिनों में इस शहर ने काफी विकास किया है.यह विकास ना केवल इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में ही बल्कि न्याय, प्रशासन,पुलिस और नागरिक सेवा के मामले में भी सिलीगुड़ी अग्रणी है.
सिलीगुड़ी शहर में दूसरे शहरों के मुकाबले महंगाई ज्यादा है. इसके बावजूद लोगों के चेहरे पर शिकन तक नहीं होती.यहां आमतौर पर लोग कल के बारे में नहीं सोचते. दिन में कमाते हैं और शाम को खाने-पीने में ही उड़ा देते हैं. इस शहर में पिछले एक दशक में युवाओं में नशे की प्रवृत्ति बढ़ रही है. इसके अलावा सिलीगुड़ी शहर में तस्करी का जाल भी फैलता जा रहा है. पिछले कुछ समय से यहां अपराधिक घटनाओं में भी वृद्धि हुई है. इन सब के बावजूद भी सिलीगुड़ी शहर लोगों को आकर्षित करता है. तो है ना यह अनोखा शहर!