सिक्किम में नहीं रहेगा कोई ऐरा गैरा. व्यक्ति से लेकर वस्तु तक सब का पंजीकरण जरूरी है. यहां तक कि सारे कागजात अपडेट कराने होंगे. चाहे वह जीविका से संबंधित हो अथवा रहने से संबंधित. सिक्किम पर्यटन के क्षेत्र में अग्रणी प्रदेश है. यहां होटलों की तादाद लगभग 2000 से 3000 के बीच है. इनमें से कई होटल बिना पंजीकरण के चल रहे हैं. अब उन्हें भी होटल का पंजीकरण कराना होगा. इसके अलावा इमीग्रेशन, वीजा और विदेशी पंजीकरण, ट्रैकिंग प्रणाली के तहत विदेशी मेहमानों के लिए सी फॉर्म पंजीकरण यह सभी जरूरी कर दिए गए हैं.
यह सभी कार्य 10 फरवरी तक निपटा लेना जरूरी है. पुलिस प्रशासन ने संबंधित विभाग को मात्र इतना ही समय दिया है. 10 फरवरी के बाद पुलिस, श्रम विभाग और जिला प्रशासन के अधिकारी यह देखेंगे कि उनके आदेश का पालन हुआ है या नहीं. अगर ऐसा नहीं होता है तो संबंधित लोगों को दंडित किया जाएगा. असत्यापित लोगों को रखने वाले किसी भी मकान मालिक, व्यवसाय, दुकानदार आदि को कानूनी समस्याओं का सामना करना होगा.
एक समय था, जब सिक्किम में कोई भी बाहरी व्यक्ति जैसे पर्यटक या कारोबारी बस जाते थे. वह किराए के मकान में रहते और कारोबार करते थे. बहुत से पर्यटक सिक्किम की खूबसूरती से आकृष्ट होकर बिना किसी सत्यापित कागजात के ही सिक्किम में रहने लगे. लेकिन अब ऐसे लोगों की शामत आने वाली है, जो बिना किसी सत्यापित कागजात के सिक्किम में निवास कर रहे हैं. जैसे किराएदार, श्रमिक, पर्यटक, ठेकेदार और उनके लोग इत्यादि. सिक्किम सरकार ने इनके सत्यापन के लिए एक महीने का समय दिया है.
ऐसे लोगों का सत्यापन सिक्किम सरकार और मकान मालिक करेंगे. मकान मालिक के सत्यापन की गारंटी के आधार पर ही पुलिस और प्रशासन मोहर लगाएंगे. सिक्किम में बहुत से श्रमिक बिना किसी सत्यापित कागजात के रह रहे हैं. सिक्किम सरकार ने उन्हें 10 फरवरी तक पंजीकरण का समय दिया है. पिछले कुछ समय से सिक्किम की राजधानी गंगटोक में अपराध और असुरक्षा के बढ़ते खतरे को देखते हुए सिक्किम सरकार और पुलिस प्रशासन ने यह आदेश जारी किया है. गंगटोक के पुलिस अधीक्षक तेनजिंग लादेन लेप्चा ने कहा है कि सिक्किम में अवैध अप्रवास को नियंत्रित करना, असत्यापित बस्तियों को रोकना और राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए यह प्रावधान लागू किया जा रहा है.
बांग्लादेश से बहुत से लोग सिक्किम घूमने जाते हैं. ऐसे पर्यटक सिक्किम में निवास करने का जुगाड़ लगा लेते हैं. इनमें से कई लोग अपराधिक गतिविधियों में लिप्त हो सकते हैं. सिक्किम सरकार उनके बारे में संपूर्ण जानकारी चाहती है. यही कारण है कि उनकी पहचान और गैर सत्यापित श्रमिकों और ठेकेदारों को राज्य से बाहर करने के लिए यह फैसला किया गया है. कुछ दिनों पहले मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग ने एक उच्च स्तरीय बैठक में पुलिस प्रशासन को इस तरह के सख्त कदम उठाने का निर्देश दिया था.
राज्य खुफिया विभाग को यह जानकारी मिली है कि कई लोग यहां श्रमिक का काम करने, जैसे मजदूरी, कारपेंटर का काम आदि करने आते हैं. लेकिन उनके पास कोई सत्यापित कागजात होता नहीं है. ऐसे में अगर कोई आपराधिक वारदात होती है तो उन तक पहुंचना आसान नहीं होता. पुलिस अधीक्षक लेप्चा ने चेतावनी दी है कि अगर इस तरह से अवैध घुसपैठ राज्य में जारी रहती है तो यहां आपराधिक गतिविधियों में काफी वृद्धि हो सकती है. इसमें कोई शक नहीं है कि सिक्किम में कानून एवं व्यवस्था का अच्छा प्रबंध है. सिक्किम की कुल आबादी लगभग 6 लाख है. अगर यहां कोई अशांति अथवा आपराधिक वारदात होती है तो इसका असर पूरे सिक्किम पर होगा.
हालांकि सिक्किम में पहले से ही सिक्किम किराएदार और घरेलू एवं पेशेवर सहायक कानून 2008 लागू है. इसके अनुसार सभी किराएदार और घरेलू श्रमिकों का सत्यापन अनिवार्य है. परंतु इस कानून को सख्ती से कभी लागू नहीं किया गया. इसी तरह से सिक्किम में सिक्किम श्रम रोजगार विनियमन और सेवा शर्त कानून 2021 भी है. इसके तहत सभी श्रमिकों का पंजीकरण जरूरी है. इस मोर्चे पर भी सिक्किम सरकार ने सख्ती से कोई काम नहीं किया. अब मौजूदा हाल को देखते हुए सरकार ने एक बार फिर से इस पर विचार किया है और सख्ती के साथ कानून का पालन करने के लिए कहा है.