May 3, 2024
Sevoke Road, Siliguri
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सिलीगुड़ी की हैरान कर देने वाली सनसनीखेज घटना! सिलीगुड़ी में ऑनलाइन ठगी की पहली अजीबो गरीब घटना!

सिलीगुड़ी में घटी यह घटना शायद अब तक की सबसे बड़ी और हैरान कर देने वाली घटना है. आपने ऑनलाइन ठगी की कई छोटी बड़ी घटनाएं सुनी होंगी. कई लोग तो इसके शिकार भी हुए होंगे. लेकिन यह घटना अन्य दूसरी घटनाओं से अलग है और संभवत: सिलीगुड़ी में यह पहली ऑनलाइन घटना है, जिसने बैंक खाताधारियों के दिलों दिमाग में भय और दहशत पैदा कर दी है. इस घटना के माध्यम से खबर समय के सभी दर्शकों को सचेत किया जाता है.

सिलीगुड़ी के नजदीक शालूगाडा स्थित एक कंपनी में फालाकाटा का रहने वाला अमल ज्योति नामक एक युवक नौकरी करता था. उसके परिवार में बीमार पिता रहते थे. वह बीमार पिता का बेंगलुरु स्थित किसी अच्छे डॉक्टर से इलाज कराना चाहता था. इसके लिए काफी पैसे की आवश्यकता थी. लड़का नौकरी करते हुए एक एक पैसा जोड़ रहा था, ताकि बीमार पिता का वह इलाज करा सके.

दोपहर की घटना है. अचानक एक निजी बैंक के टोल फ्री नंबर से युवक के मोबाइल पर कॉल आती है. इसमें कहा जाता है कि उसके अकाउंट से 79000 रुपये कट गए हैं. अगर उसकी जानकारी में पैसे नहीं निकाले गए हैं तो इसे रद्द करने के लिए 9 दबाए अन्यथा 1 दबाकर इसकी सहमति प्रदान करें. अमल ज्योति का चेक पोस्ट स्थित निजी बैंक में बचत खाता था. उसके खाते में लगभग 79000 रुपए पड़े थे. बैंक के टोल फ्री नंबर से आई कॉल से ही उसका माथा घूम गया. क्योंकि यह पैसे उसने नहीं निकाले थे. ताकि वक्त ज्यादा ना बीत जाए,इसलिए उसने बिना कुछ सोच विचारे अपने मोबाइल के कीपैड बटन पर 9 नंबर दबा दिया.

कुछ देर के बाद यह देखने के लिए कि उसका पैसा वापस खाते में आया कि नहीं, मोबाइल पर डाउनलोड किए गए ऐप को खोलकर अपना खाता चेक करने लगा. उसके पैसे कट चुके थे और केवल खाते में 141 रुपए शेष पड़े हुए थे. लगभग 5 मिनट इंतजार करने के बाद भी उसके खाते में पैसे वापस नहीं आए तो वह काफी परेशान हो गया. उसी समय वह वह चेक पोस्ट स्थित अपने बैंक की शाखा पहुंचा और मैनेजर को सारी बात बताई. बैंक से कहा गया कि उसके साथ यूपीआई फ्रॉड हुआ है. इसके अलावा उसकी कोई मदद नहीं की गयी.

युवक का कोई परिचित आशीघर स्थित एक बैंक में नौकरी करता था. वह तुरंत ही आशीघर पहुंचा. वहां एक शुभचिंतक की सलाह पर युवक ने अपने बैंक के टोल फ्री नंबर पर फोन किया. काफी देर इंतजार करने के बाद दूसरी ओर से कॉल रिसीव की गई. युवक ने सारी बात बता दी. इसके बाद कस्टमर अधिकारी सेवा की ओर से कहा गया कि उसका अकाउंट नंबर सुरक्षित कर दिया गया है. लेकिन गायब हुए पैसे के बारे में कस्टमर सेवा केंद्र की ओर से कोई जवाब नहीं दिया गया. अंततः युवक सिलीगुड़ी के साइबर थाने में पहुंचा और अपने लूटे जाने की सारी कहानी बयां कर दी.

सिलीगुड़ी साइबर सेल ने युवक के प्रार्थना पत्र पर जीडी नंबर दर्ज कर लिया और उसे आश्वासन दिया कि मामले की जांच की जाएगी. इसमें कुछ समय लग सकता है. साइबर सेल के द्वारा बताया गया कि उसके साथ यूपीआई धोखाधड़ी हुई है. लुटा पिटा यह युवक अब कहीं का नहीं रह गया है. उसकी मेहनत की कमाई और पेट काट काट कर जमा किया एक-एक पैसा स्वाहा हो चुका है. अब वह अपने पिता का इलाज कैसे कराएगा! ऑनलाइन ठगी की यह पहली घटना है, जिसमें युवक से ओटीपी भी नहीं मांगा गया और उसके पैसे कट गए! इसलिए आप होशियार हो जाइए और अपने बैंक खाते की सुरक्षा के लिए सभी नियमों का पालन करें.

ऐसा लगता है कि युवक की ओर से जो असावधानी हुई है, वह यह है कि जब ठग व्यक्ति ने उसे फोन करके उसके खाते से पैसे कटे जाने की बात बताई थी तो सबसे पहले उसे अपना खाता चेक करना चाहिए था. लेकिन फ्रॉड व्यक्ति ने उसे इसके लिए समय भी नहीं दिया और तुरंत कहा कि अगर उसकी जानकारी में पैसे नहीं निकाले गए हैं तो बिना समय गंवाए 9 नंबर दबाए. यही युवक से भूल हुई और उसके अकाउंट से पैसे कट गए.

अगर आपके मोबाइल नंबर पर कुछ इस तरह का फोन कॉल्स आता है तो धीरज बनाए रखें और बिना घबराए अपने खाते की सुरक्षा बनाए रखें. सर्वप्रथम अपने खाते की जांच करें. सिलीगुड़ी पुलिस कमिश्नरेट की ओर से भी ऑनलाइन ठगी से बचने के लिए व्यापक प्रचार किया जा रहा है. इसके अलावा बैंक द्वारा समय-समय पर जारी निर्देशों का पालन करें. इंटरनेट के इस युग में ऑनलाइन ठगी की घटनाएं अत्यधिक बढ़ गई है. शातिर ठग लोगों को लूटने के लिए नायाब योजनाएं बना रहे हैं. सावधानी इसी में है कि स्वयं की सुरक्षा के साथ-साथ अपनी संपत्ति और बैंक खाते की सुरक्षा के उपाय करें. किसी तरह की समस्या होने पर सीधे अपने बैंक से संपर्क करें.

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