April 28, 2024
Sevoke Road, Siliguri
Uncategorized

सिलीगुड़ी समेत पूर्वोत्तर क्षेत्रों में सोना तस्करी के गोरखधंधे पर नहीं लग रहा ब्रेक!

सिलीगुड़ी, उत्तर बंगाल और पूर्वोत्तर प्रदेश जैसे असम, अरुणाचल, मणिपुर आदि क्षेत्रों में सोना की तस्करी का धंधा थम नहीं रहा है. आए दिन गुप्तचर एजेंसियों की मदद से पुलिस सोना तस्करों को गिरफ्तार कर जेल भेज देती है. कभी बागडोगरा में, तो कभी माटी गाड़ा और कभी एनजेपी इलाके में सोना की हेराफेरी में लगे लोग पकड़े जा रहे हैं. इन सब में खास बात यह है कि गुप्तचर एजेंसियां अलर्ट मोड पर हैं और पुलिस की कार्रवाई समय पर हो रही है. इसलिए इस गोरखधंधे में लगे कैरियर पकड़े जा रहे हैं.

एक बार फिर से गुप्त सूचना के आधार पर डीआरआई की टीम ने तस्करी से पहले ही सोना तस्करों को रंगे हाथों दबोच लिया है. जब असम से आ रही एक मारुति कार को राजगंज ब्लॉक के अंतर्गत पानीकोरी टोल प्लाजा पर अधिकारियों ने रोका. कार में 2 लोग सवार थे. अधिकारियों ने उनसे कार की तलाशी में सहयोग मांगा. पहले तो दोनों व्यक्तियों ने अधिकारियों को अपनी कार की तलाशी देने से मना कर दिया. लेकिन जब डीआरआई की टीम ने सख्ती दिखाई तो उसके बाद दोनों युवक बेबस हो गए.

डीआरआई की निगरानी में मारुति कार को सिलीगुड़ी स्थित डीआरआई कार्यालय लाया गया, जहां तलाशी के दौरान कार से सोने के 8 बिस्किट बरामद किए गए. जांच के बाद यह सभी 24 कैरेट के खरा सोना निकले .बरामद सोने का कुल वजन 1 किलो 165 ग्राम है. जिन लोगों को डीआरआई की टीम ने धर दबोचा है उनमें से एक का नाम नारायण शर्मा है, जो असम के उडलाबारी का रहने वाला है जबकि दूसरे युवक का नाम कुबेर प्रसाद है और वह मणिपुर का रहने वाला है. विस्तृत पूछताछ के लिए दोनों आरोपियों को सिलीगुड़ी, सीजेएम की अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें रिमांड पर लिया गया है.

देखा जाए तो पिछले 1 महीने में सोना तस्करी के धंधे में 6 से 10 लोग पकड़े जा चुके हैं. जानकार मानते हैं कि सिलीगुड़ी अंतर्राष्ट्रीय देशों की सीमा पर स्थित है. नेपाल, भूटान, बांग्लादेश के बॉर्डर पर स्थित रहने के कारण यहां धातु से लेकर ड्रग्स, नशा, इंसान और जानवरों की तस्करी आए दिन की बात हो गई है. तस्कर बॉर्डर एरिया होने का लाभ उठाते रहे हैं.लेकिन जब पुलिस और खुफिया विभाग को अपने सूत्रों से पक्की जानकारी मिलती है, उसके बाद पुलिस भी एक्टिव हो जाती है. खुफिया तंत्रों की मजबूती के कारण ही वर्तमान में पुलिस की चुस्ती बढ़ गई है.

लेकिन सवाल यह है कि खुफिया तंत्र को इस गोरखधंधे में लगे लोगों तक पहुंच क्यों नहीं हो रही है.क्योंकि जब तक तस्करी के खेल में लगे असली सरगना पकड़े नहीं जाते तब तक यह धंधा रुकने वाला नहीं है. वैसे भी इस धंधे का ज्यादा राज कैरियर बताने में असमर्थ रहते हैं. क्योंकि उन्हें पता भी नहीं होता. लिहाजा कोर्ट से भी उन्हें जमानत मिल जाती है. जब तक राजस्व खुफिया विभाग और पुलिस इस धंधे के असली गुनहगारों तक नहीं पहुंचती तब तक सिलीगुड़ी और आसपास के इलाकों में तस्करी का धंधा कम होने वाला नहीं है. वह चाहे सोना हो अथवा नशे की वस्तुएं!

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

DMCA.com Protection Status