May 3, 2024
Sevoke Road, Siliguri
Uncategorized

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का फुटबॉल प्रेम ‘खेला होबे’ का बजेगा डंका!

बंगाल फुटबॉल के लिए जाना जाता है. पश्चिम बंगाल में फुटबॉल का गौरवशाली इतिहास रहा है. ईस्ट बंगाल और मोहन बागान को भला कौन भुला सकता है! यहां एक से बढ़कर एक फुटबॉल खिलाड़ी हुए हैं. जिन्होंने देश और दुनिया में बंगाल का नाम ऊपर रखा. बंगाल के फुटबॉल खिलाड़ियों में गोस्टो पाल,राजा बर्मन, शुभम राय, अमित टुडू, आकाश मुखर्जी ,अमित चक्रवर्ती ,संदीप पात्रा इत्यादि को आज भी बंगाल के फुटबॉल प्रेमी याद करते हैं.

गोस्टो पाल की बंगाल के फुटबाल प्रेमियों में भारी लोकप्रियता थी. इस महान फुटबाल खिलाड़ी की एक प्रतिमा सिलीगुड़ी कंचनजंगा स्टेडियम के पास लगी है. सिलीगुड़ी में फुटबॉल के इतिहास के अनेक संकेतक विभिन्न स्थानों पर देखे जा सकते हैं. यह दर्शाता है कि किसी समय सिलीगुड़ी के नौजवान फुटबॉल के दीवाने होते थे.

पश्चिम बंगाल ने उस समय से फुटबॉल के क्षेत्र में अपनी पकड़ मजबूत कर ली थी, जब देश आजाद भी नहीं हुआ था.1941 42 में पश्चिम बंगाल ने संतोष ट्रॉफी में राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में अपनी शुरुआत कर दी थी. बंगाल ने 45 बार संतोष ट्रॉफी के फाइनल में भाग लिया है और 32 खिताब जीते हैं. बलाई दास चटर्जी के नेतृत्व में 1949 और 1959 के बीच 6 संतोष ट्रॉफी खिताब जीते गए.

प्रदेश के फुटबॉल खिलाड़ियों ने विभिन्न प्रतियोगिताओं में बंगाल का नाम रोशन किया है. संतोष ट्रॉफी से लेकर बीसी राय ट्रॉफी, मीर इकबाल हुसैन ट्रॉफी और एक लंबी सूची है. फुटबॉल खिलाड़ियों के बंगाल के विकास में योगदान को देखते हुए यहां कई स्टेडियम और मैदान बनाए गए. इनमें से कोलकाता में सर्वाधिक फुटबॉल मैदान है. जैसे साल्ट लेक कोलकाता का सबसे चर्चित फुटबॉल मैदान है. यहां अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल मैच भी हुए हैं.

सिलीगुड़ी में कंचनजंगा स्टेडियम का निर्माण 1980 के दशक में हुआ था. इस स्टेडियम की क्षमता 40000 है. इस स्टेडियम का निर्माण मुख्य रूप से फुटबॉल मैचो के लिए किया गया था. लेकिन बाद में क्रिकेट टूर्नामेंट भी आयोजित किए जाने लगे. इस स्टेडियम में अब तक 11 रणजी ट्रॉफी मैच का आयोजन किया जा चुका है. पहली बार रणजी ट्रॉफी 2010 में बंगाल और पंजाब के बीच खेली गई थी. कंचनजंगा स्टेडियम में फेडरेशन कप 2012 का आयोजन किया जा चुका है. पहला फेडरेशन कप मोहन बागान और चर्चिल ब्रदर्स के बीच खेला गया था. यहां संतोष ट्रॉफी का भी आयोजन किया जा चुका है.

कालक्रम में बंगाल की सरकार ने बंगाल के गौरवशाली इतिहास को बढ़ाने की दिशा में कोई काम नहीं किया. 1980 के दशक के बाद से फुटबॉल के क्षेत्र में बंगाल सरकार की उदासीनता दिखने लगी. उस काल में प्रदेश में फुटबॉल स्टेडियम अथवा अन्य संबंधित क्षेत्र के विकास के लिए कुछ काम तो जरूर किए गए, लेकिन बाद में राजनीतिकरण के बाद फुटबॉल पिछड़ता चला गया. जो स्टेडियम पूर्व में यहां स्थापित हुए, उनका विकास और कायाकल्प भी नहीं किया गया. धीरे-धीरे फुटबॉल बंगाल का अतीत बनकर रह गया.

लोकसभा अथवा विधानसभा के चुनाव में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अकसर अपने भाषणों में खेला होबे तकिया कलाम का इस्तेमाल करती रही हैं. फुटबॉल के प्रति मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का यह प्रेम दर्शाता है. यह भी इस बात का प्रमाण है कि कभी बंगाल में फुटबॉल का जादू चलता था. सिलीगुड़ी कंचनजंगा स्टेडियम हो अथवा प्रदेश के अन्य स्टेडियम के विकास की बात हो, सरकार और प्रशासन ने हमेशा आश्वासन और इनके विकास और कायाकल्प की बात कही है.परंतु योजना के बाद कोई काम आगे नहीं बढ़ सका. परंतु अब शायद फुटबॉल के क्षेत्र में बंगाल का गौरवशाली इतिहास एक बार फिर से लौट सकता है.

सिलीगुड़ी समेत प्रदेश भर में खेल प्रेमी अक्सर शिकायत करते हैं कि यहां खिलाड़ियों के अभ्यास और उन्हें आगे बढ़ाने के अवसर सीमित हैं अथवा नहीं है. फुटबॉल खिलाड़ी शिकायत करते हैं कि यहां मैदान तथा अन्य संसाधनों का अभाव है. परंतु अब ऐसा लग रहा है कि खेल प्रेमियों और फुटबॉल खिलाड़ियों की शिकायत दूर हो जाएगी. क्योंकि विदेश दौरे पर गई मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की स्पेन यात्रा की शुरुआत फुटबॉल मीटिंग से होने जा रही है.

14 सितंबर को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी मैड्रिड में ला लीगा के अध्यक्ष जेवियर तेवेज के साथ बैठक करने वाली है. ला लीगा द्वारा एक्स हैंडल पर जारी कैलेंडर में 14 सितंबर को बंगाल की मुख्यमंत्री के साथ बैठक का जिक्र है. राज्य प्रशासन के सूत्रों के अनुसार पश्चिम बंगाल में फुटबॉल के विकास के लिए बंगाल सरकार ला लीगा के साथ एक ज्ञापन पर हस्ताक्षर कर सकती है. ऐसा माना जा रहा है कि ममता बनर्जी के साथ उस बैठक में सौरभ गांगुली भी मौजूद रहेंगे. सौरव गांगुली मीटिंग में शामिल होने के लिए लंदन से मैड्रिड आएंगे. इस महत्वपूर्ण खबर पर हमारी नजर बनी रहेगी. अब देखना है कि 14 सितंबर को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का फुटबॉल प्रेम सिलीगुड़ी समेत प्रदेश में फुटबॉल के विकास के क्षेत्र में कितना रंग लाता है!

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

DMCA.com Protection Status