November 18, 2024
Sevoke Road, Siliguri
उत्तर बंगाल दार्जिलिंग मौसम सिलीगुड़ी

दार्जिलिंग में बारिश और भूस्खलन से 300 घर हुए तबाह!

मौसम विभाग एलर्ट मोड पर है. सिक्किम और दार्जिलिंग जैसे क्षेत्रों के लिए कोई अच्छी खबर तो नहीं है. इस बीच केंद्र सरकार ने बंगाल में बाढ़ से निपटने के लिए 468 करोड रुपए का फंड जारी कर दिया है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी काफी समय से आपदा और बाढ़ के मुद्दे पर केंद्र से फरियाद करती आ रही थी और बंगाल के लिए सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगा रही थी. केंद्र ने तो फंड रिलीज कर दिया है. अब मुख्यमंत्री को बंगाल के बाढ़ पीड़ितों के जख्मों पर मरहम लगाने तथा बाढ़ से निपटने की चुनौती और जिम्मेदारी बढ़ गई है.

बंगाल में बाढ़ का दायरा लगातार बढ़ता जा रहा है. दक्षिण बंगाल और उत्तर बंगाल दोनों जगह त्रासदी देखी जा रही है. मुख्यमंत्री ने स्वयं बाढ़ग्रस्त इलाकों में जाकर उसका मुआयना भी किया है. दार्जिलिंग में आई लगातार बारिश और भूस्खलन के चलते पिछले दिनों 300 घर तबाह हो गए थे. मंगलवार से शुक्रवार शाम तक पहाड़ी क्षेत्रों में लगातार बारिश होती रही. इसके कारण पहाड़ के अंदरुनी रास्ते जल में डूब गए और तबाह हो गए. एक आंकड़े के अनुसार बारिश व भूस्खलन के चलते कम से कम 60 रास्ते तबाह हुए हैं.

जिनका घर तबाह हुआ है, वे सरकार से मुआवजे की मांग कर रहे हैं. यह स्वाभाविक भी है.सिक्किम और कालिमपोंग की जीवन रेखा कहे जाने वाले NH-10 का भी बुरा हाल हुआ है. तीस्ता के निकटवर्ती गांव में बाढ़ व वर्षा से क्षतिग्रस्त घर के मालिकों ने भी मुआवजे की मांग शुरू कर दी है. कल तीस्ता बाजार में तीस्ता संरक्षण मंच ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर धरना दिया और सरकार से मुआवजा तथा पुनर्वास की मांग की. दार्जिलिंग के भाजपा सांसद राजू बिष्ट ने अब कहना शुरू कर दिया है कि केंद्र ने बंगाल सरकार को 468 करोड रुपए दिए हैं. अब मुख्यमंत्री को चाहिए कि इन लोगों की स्थिति को समझते हुए उनके लिए राहत, मुआवजा और पुनर्वास की व्यवस्था की जाए.

अलीपुर मौसम विभाग सूत्रों से जो जानकारी मिल रही है, विपदा यही तक सीमित नहीं है. आगे भी खतरा मंडरा रहा है. आज सिलीगुड़ी के निकट चमक डांगी में तीस्ता ने प्रचंड रूप धारण कर लिया. खबर समय पर यह दिखाया भी जा चुका है. पहले भी हमने खबर समय पर तीस्ता के प्रचंड स्वरूप और चमक डांगी गांव के लोगों की पीड़ा को भी दिखाया था. लेकिन उस समय फुटबॉल मैदान सुरक्षित नजर आ रहा था. पर अब इस मैदान में भी पानी भर गया है और पानी लगातार सड़क को पार करते हुए गांव में प्रवेश कर रहा है.

चमक डांगी गांव के लोगों ने प्रशासन से मिली चेतावनी और दिशा निर्देश के बाद पूरे गांव को खाली कर दिया है और सुरक्षित स्थानों पर रहने चले गए हैं. आज रात चमक डांगी के लिए कयामत की रात साबित हो सकती है. क्योंकि डैम से पानी छोड़ा जा रहा है जो चमक डांगी को निगल सकता है. प्रशासन ने कुछ दिन पहले ही यहां के लोगों को सचेत कर दिया था तथा उनके रहने, खाने पीने का भी बंदोबस्त कर दिया गया है. कुछ लोग कम्युनिटी हॉल में चले गए हैं तो कुछ लोग सिलीगुड़ी में अपने रिश्तेदारों के पास लौट गए हैं.

ऐसे बेघर हो चुके लोगों के पुनर्वास का भी सरकार को ध्यान देना होगा. केंद्र सरकार ने बाढ़ से हुए नुकसान से निपटने के लिए बिहार और बंगाल समेत 14 राज्यों को राष्ट्रीय आपदा राहत कोष से 5858 करोड रुपए की अग्रिम सहायता जारी की है. इसमें बंगाल को 468 करोड रुपए दिए गए हैं. बंगाल में नुकसान कितना हुआ है, इसका आकलन बहुत जल्द अंतर मंत्रालय टीम करेगी. इसकी रिपोर्ट पर केंद्र की ओर से अतिरिक्त सहायता जारी की जा सकती है. फिलहाल बंगाल को जितनी रकम मिली है, उससे प्रभावित लोगों की उम्मीद मुख्यमंत्री से बढ़ गई है और मुख्यमंत्री को उनकी मदद के लिए विभाग को तैयार रखना चाहिए. खुशी की बात है कि मुख्यमंत्री ऐसा कर भी रही हैं.

बहरहाल यह देखना होगा कि उत्तर बंगाल खासकर दार्जिलिंग, कालिमपोंग समेत तीस्ता बाजार में प्रदर्शन करने वाले तीस्ता संरक्षण मंच के लोगों की मांगों को मुख्यमंत्री किस तरह से पूरा करती हैं और इन चुनौतियों से किस तरह से निपटती है.

(अस्वीकरण : सभी फ़ोटो सिर्फ खबर में दिए जा रहे तथ्यों को सांकेतिक रूप से दर्शाने के लिए दिए गए है । इन फोटोज का इस खबर से कोई संबंध नहीं है। सभी फोटोज इंटरनेट से लिये गए है।)

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