May 5, 2024
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उत्तर बंगाल लाइफस्टाइल सिलीगुड़ी

425 साधक ने की तेयुप द्वारा आयोजित अभिनव सामायिक

समता की साधना का सफल उपक्रम है सामायिक – मुनि प्रशांत

मुनि श्री प्रशांत कुमार जी, मुनिश्री कुमुद कुमार जी के सान्निध्य में पर्युषण पर्व का तीसरा दिवस अभिनव सामायिक का आयोजन अखिल तेरापंथ युवक परिषद के निर्देशन में सिलीगुड़ी तेरापंथ युवक परिषद् द्वारा आयोजित हुआ। जनसभा को सम्बोधित करते हुए मुनि प्रशांत कुमार जी ने कहा- सामायिक का अर्थ अपने आप में समता भाव रखना। व्यक्ति कही भी रहे समता भाव में रहें, मन को शांत रखना है यह सजगता रहनी चाहिए। समता से जीवन स्वस्थ रहता है, आपसी सम्बन्ध मधुर एवं राग द्वेष कम होता है। बाहरी परिस्थिति हमें प्रभावित न करे। विपरीत परिस्थितियों में समता भाव रखना ही सामायिक है। जीवन को तेजस्वी व गरिमापूर्ण बनाने का महत्वपूर्ण साधन है सामायिक | लाभ -अलाभ , सुख – दुख , निंदा – प्रशंसा जीवन के ये शाश्वत द्वंद है । इन परिस्थितियों में कभी अपने को अत्यधिक शोक व हर्ष में नहीं जाना चाहिए | सामायिक की साधना से सभी प्रकार की स्थिति में समभाव रखने संतुलित रहने का भाव पुष्ट होता है । प्रतिदिन सामायिक की साधना करने वाला व्यक्ति क्रोध , मान , मोह एवं लोभ आदि कषायों पर विजय प्राप्त करने में सफल होता है । जीवन में सफलता के लिए आवेश और आवेग को नियंत्रण करना जरूरी है । सामायिक की साधना से उसे नियंत्रित किया जा सकता है । अध्यात्म की ओर प्रशस्त होने का यह सफल उपक्रम है । इससे परमानन्द का अनुभव किया जा सकता है । जीवन में आस्था का होना जरूरी है । आस्थाशील व्यक्ति कहां से कहां पहुँच जाता है । उसके द्वारा कितनी ही समस्याओं से मुक्ति पाई जा सकती है। इस अवसर पर मुनि श्री ने अभिनव सामायिक का प्रयोग करवाया। त्रिपदी वंदना , मंत्राराधना, एवं ध्यान के प्रयोग के द्वारा अपने आप को भीतर में जोड़ने का उपक्रम है अभिनव सामायिक। स्वाध्याय सामायिक का एक अंग है। इससे भीतर की शक्ति का जागरण होता है।

तेयुप उपाध्यक्ष अरविंद चौरडिया ने बताया- तेरापंथ युवक परिषद के गीत के संगान से कार्यक्रम का शुभारम्भ हुआ । सभा मंत्री मदन संचेती ने आगामी कार्यक्रम की जानकारी प्रदान की।

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