अगर एक सांसद के तौर पर उत्तर बंगाल में उल्लेखनीय कार्य करने वाले व्यक्तियों की गणना की जाए तो उसमें दार्जिलिंग के सांसद राजू बिष्ट आगे हैं. सिलीगुड़ी और दार्जिलिंग पर्वतीय क्षेत्रों में विकास तथा बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए राजू बिष्ट ने हमेशा बेस्ट देने की कोशिश की है. वह चाहे बालासन ब्रिज से लेकर सेवक तक फोर लेन सिक्स लेन सड़क परियोजना हो अथवा सेवक में वैकल्पिक सेतु निर्माण की परियोजना या फिर सिलीगुड़ी समेत पूरे दार्जिलिंग इलाके में पेयजल संकट की समस्या, राजू बिष्ट के प्रयास बोलते हैं. एक बार फिर से उनके ही प्रयासों से सिलीगुड़ी के साथ पहाड़ के लोगों के लिए पेयजल संकट का समाधान होने जा रहा है.
केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्री हरदीप पुरी ने राजू बिष्ट की मेहनत के प्रतिफल के रूप में सिलीगुड़ी में पेयजल संकट, सीवरेज तथा ड्रेनेज प्रबंधन के साथ ही दार्जिलिंग लोकसभा क्षेत्र के लिए हर घर जल योजना के तहत लगभग 2450. 34 करोड़ रुपए की 714 परियोजनाओं को मंजूरी दे दी है. हरदीप पुरी के राजू बिष्ट को भेजे पत्र में कहा गया है कि सिलीगुड़ी के लिए 725.27 करोड ₹ की दो प्रमुख परियोजनाओं को केंद्र सरकार ने मंजूरी दे दी है. सिलीगुड़ी के विकास और मानवीय सुविधाओं के लिए यह एक बहुत बड़ा कदम समझा जाता है. सिलीगुड़ी नगर निगम के पास कई विकास परियोजनाएं लंबित है. क्योंकि उसके लिए आवश्यक फंड नहीं है. ऐसे में केंद्र की परियोजनाओं का सिलीगुड़ी को पूरा लाभ मिलेगा.
केंद्र सरकार की जो परियोजनाएं हैं, उसके अनुसार सिलीगुड़ी नगर निगम तथा आसपास के क्षेत्रों के लिए जलापूर्ति योजना, सीवरेज तथा सेप्टिक प्रबंधन परियोजना शामिल है. केंद्र सरकार ने इन सारी परियोजनाओं को अमृत मिशन 2 के तहत मंजूरी दी है. इसके तहत शहरी स्थानीय निकायों में घरेलू नल कनेक्शन प्रदान करने तथा 500 अमृत शहरों में सीवरेज और सेप्टेज प्रबंधन पर ध्यान केंद्रित किया गया है.
सिलीगुड़ी शहर के लिए जिन परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है उनमें सिलीगुड़ी नगर निगम के लिए जलापूर्ति योजना का विस्तार तथा 511.08 करोड रुपए की लागत से ग्रामीण क्षेत्रों में हर घर नल योजना भी शामिल है. सीवरेज और सेप्टेज प्रबंधन परियोजना प्रकल्प में मौजूदा अपशिष्ट निष्पादन, तालाब और विभिन्न कार्यों के लिए 274.19 करोड रुपए की लागत से कार्य संपादन होगा. दार्जिलिंग पर्वतीय क्षेत्र के लिए 1070.77 करोड रुपए की 284 परियोजनाएं स्वीकृत की गई है. इसके अलावा कालिमपोंग जिले के लिए 518. 64 करोड़ रूपये की 146 परियोजनाएं स्वीकृत की गई है.
अमृत दो के तहत मिरिक नगरपालिका के लिए 200 करोड़ रुपए और कालिमपोंग नगरपालिका के लिए 193 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं. इन सारी परियोजनाओं के क्षितिज पर आने के बाद यह उम्मीद की जा रही है कि दार्जिलिंग, सिलीगुड़ी और संपूर्ण पर्वतीय इलाकों में पेयजल समेत सभी तरह की समस्याओं का स्थाई रूप से अंत होगा तथा यहां के लोगों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार होगा.