November 22, 2024
Sevoke Road, Siliguri
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सिलीगुड़ी के यात्री वाहनों का पीछा करेगी ‘तीसरी आंख’!

सिलीगुड़ी की अर्चना ने किसी काम से कूचबिहार जाने के लिए एक प्राइवेट टैक्सी की. 22 तारीख की सुबह अर्चना को लेने के लिए टैक्सी चालक उसके घर पहुंचा. अर्चना तैयार खड़ी थी. चालक ने अर्चना को अपनी गाड़ी में बैठाया और कूचबिहार के लिए चल पड़ा. अर्चना सिलीगुड़ी की एक निजी कंपनी में जॉब करती हैं. खूबसूरत भी हैं.

अर्चना ने बताया कि रास्ते में टैक्सी चालक की उस पर कुदृष्टि रहती थी. वह बात बात पर उसे घूरता रहता था और उससे बात करने के लिए मौका तलाशता रहता था. इस कारण से वह असहज हो गई थी. कई बार उसका मन हुआ कि वह गाड़ी से उतर जाए, परंतु कूचबिहार जाना उसके लिए जरूरी था. कुल मिलाकर अर्चना की सिलीगुड़ी से कूचबिहार की यात्रा सुखद और संतोषजनक नहीं रही.

छोटी-बड़ी दूरी जाने के लिए लोगों को कार अथवा यात्री वाहनों का सहारा लेना पड़ता है. अगर कार में कोई अकेली और खूबसूरत महिला बैठी हो और चालक गाड़ी चला रहा हो तो महिला जब तक गंतव्य तक नहीं पहुंच जाती, तब तक वह असुरक्षित महसूस करती है. यह इसलिए कि महिला के दिमाग में कई तरह की होनी अनहोनी की घटनाएं घूम रही होती है.

कई बार गाड़ी चालकों की मनमानी यात्रियों पर भारी पड़ने लगती है. कुछ वाहन चालक ऐसे होते हैं जो रास्ते में कार में सवार अकेली खूबसूरत महिलाओं को घूरते रहते हैं. कुछ वाहन चालक अनजान यात्रियों को गुमराह करते रहते हैं तो कई वाहन चालक ऐसे भी होते हैं जो यात्री को लूटने का मौका तलाशते रहते हैं. इन सभी कारणों से यात्रियों खासकर अकेली महिलाओं की यात्रा कठिन हो जाती है. सिलीगुड़ी और उत्तर बंगाल में इस तरह की घटनाएं पहले भी घट चुकी हैं. पश्चिम बंगाल और पूरे देश में यात्री वाहनों में ऐसी नामुराद घटनाओं की सुर्खियां बनती रहती हैं.

2023 में कम से कम पश्चिम बंगाल पहला प्रदेश हो सकता है, जहां यात्री वाहनों में यात्रियों की सुरक्षा के साथ-साथ चालकों की मनमानी से लोगों को निजात मिल सकती है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने खासकर महिला यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए वाहन मालिकों से अपने यात्री वाहनों में VLTD नामक मशीन लगाने को कहा है. यह एक ऐसी मशीन होगी, जो हर वाहन में लगी होगी. किसी भी तरह के खतरे अथवा असुरक्षा की स्थिति में महिलाएं मशीन के अलार्म बटन दबा सकती हैं. इससे तुरंत ट्रैफिक पुलिस और आरटीओ हरकत में आ जाएगी और उक्त गाड़ी का पीछा करके यात्री की सुरक्षा सुनिश्चित करेगी.

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बताया कि यह मशीन ना केवल यात्रियों की सुरक्षा के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है बल्कि इससे वाहन की स्पीड, दूरी, समय, गंतव्य स्थल, रास्ते का डिटेल्स आदि सब कुछ प्राप्त हो सकेगा. वाहन चालक यात्री को गुमराह नहीं कर सकता और ना ही उसे रास्ते में drop कर सकता है. यात्री खुद को सुरक्षित महसूस करेंगे. इस मशीन के माध्यम से किसी भी वाहन के 3 महीने तक का डाटा प्राप्त किया जा सकता है.

वर्तमान में सिलीगुड़ी ट्रांसपोर्ट और आरटीओ इस मशीन को वाहनों में लगाने पर विचार कर रहे हैं. हालांकि यह सब इतनी जल्दी संभव नहीं है.क्योंकि उससे पहले यूनियन संगठनों की बैठक होगी. ड्राफ्ट तैयार होगा तथा वाहन मालिकों की रजामंदी के साथ-साथ अन्य प्रक्रियाओं का भी पालन करना होगा. इसमें कई तरह की तकनीकी समस्याएं भी खड़ी हो सकती है. परंतु मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के निर्देश और इच्छा का पालन करवाने के लिए प्रशासनिक अमला इस दिशा में अवश्य ही गंभीर होगा.

सूत्रों ने बताया कि हर यात्री वाहन में इस मशीन को लगाने की अंतिम तिथि 31 मार्च तय की गई है. अब देखना होगा कि सिलीगुड़ी समेत उत्तर बंगाल ट्रांसपोर्ट यूनियन और वाहन मालिक प्रशासनिक निर्देशों का कितना पालन कर पाते हैं!

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