पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी बी आनंद बोस के संबंध एक तरफ ममता बनर्जी की सरकार से खराब चल रहे हैं, तो दूसरी तरफ राज्य शिक्षा विभाग में उनकी दखलंदाजी के बाद कई चेहरे उनके खिलाफ आक्रामक हो रहे हैं दिखाने के लिए योजना बना रहे हैं. उन्हीं में से एक चेहरा है उत्तर बंगाल यूनिवर्सिटी के पूर्व कुलपति ओम प्रकाश मिश्रा. ओम प्रकाश मिश्रा ने राज्यपाल के खिलाफ कड़ा तेवर दिखाते हुए उनसे लिखित में माफी मांगने को कहा है.
दरअसल कुछ दिनों पहले राज्यपाल ने ओमप्रकाश मिश्रा के खिलाफ भूमि हस्तांतरण, शिक्षकों और कर्मचारियों की वेतन वृद्धि में भ्रष्टाचार सहित कई आरोपों की जांच का आदेश दिया है. ऐसे में ओम प्रकाश मिश्रा ने राज्यपाल को चैलेंज करते हुए उन्हें गलत साबित करने के प्रयास के क्रम में उनके खिलाफ नोटिस भेजा है.
राज्यपाल को भेजी गई नोटिस के अनुसार 1 जुलाई 2023 को ओमप्रकाश मिश्रा को एक व्यक्ति का मैसेज मिला था. जिसमें राज्यपाल ने उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच के आदेश दिए थे. यह सूचना किसी तरह सोशल मीडिया पर वायरल हो गई. ऐसे में ओमप्रकाश के वकील ने संवैधानिकता का हवाला देते हुए कहा है कि झूठे प्रचार के परिणाम स्वरूप उनके वकील की प्रतिष्ठा खराब हुई. ऐसे में राज्यपाल नोटिस मिलने के 7 दिनों के भीतर ओमप्रकाश से लिखित में माफी मांगे.
. इन दिनों राज्यपाल तृणमूल कांग्रेस तथा उनके नेताओं और मंत्रियों के हेट लिस्ट में शामिल हो गए हैं. हेट यानी घृणा. तृणमूल कांग्रेस के कई मंत्री और नेता कह चुके हैं कि पंचायत चुनाव के बाद राज्यपाल को बंगाल छोड़ देना चाहिए. राज्यपाल बनाम राज्य सरकार का टकराव दिनोंदिन बढ़ता जा रहा है.
गौरतलब है कि शिक्षक भर्ती मामले में कुलपति सुवीरेश भट्टाचार्य की गिरफ्तारी के बाद जादवपुर विश्वविद्यालय के प्रोफ़ेसर ओमप्रकाश मिश्रा को उत्तर बंगाल यूनिवर्सिटी के अंतरिम कुलपति का प्रभार सौंपा गया था. राज्यपाल ने उन्हें 3 महीने के लिए अंतरिम कुलपति के रूप में नियुक्ति प्रदान की थी. वर्तमान में राज्यपाल ने उत्तर बंग यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर के रूप में रथीन बनर्जी की नियुक्ति की है.
ओम प्रकाश मिश्रा के खिलाफ लगाए गए सभी आरोपों की जांच कुलपति करेंगे. पिछले महीने 28 जून को इस संबंध में कार्य समिति की एक बैठक हुई थी, जिसमें यह फैसला किया गया. ओम प्रकाश मिश्रा कह रहे हैं कि शिक्षा प्रणाली को नष्ट करने की आचार्य की साजिश को उजागर करने में उनकी भूमिका होने से ही बदले के रूप में यह कदम उठाया गया है. उन्होंने कहा कि मैंने पूरी पारदर्शिता के साथ काम किया है. मैंने अपने पद का कभी गलत इस्तेमाल नहीं किया.
बहरहाल अब यह देखना होगा कि राज्यपाल ओम प्रकाश मिश्रा की नोटिस का क्या जवाब देते हैं. सवाल यह भी है कि अगर राज्यपाल ने ओम प्रकाश मिश्रा की नोटिस का जवाब नहीं दिया तो ओम प्रकाश मिश्रा राज्यपाल के खिलाफ क्या कार्रवाई करेंगे. जो भी हो बंगाल की राजनीति में उठा यह तूफान धीरे-धीरे गंभीर होता जा रहा है.