एक पुराना चर्चित मुहावरा है. का वर्षा जब कृषि सुखाने. अर्थात ऐसी वर्षा होने का क्या मतलब जब खेत की फसल ही सूख जाए! सिलीगुड़ी नगर निगम की स्थिति कुछ ऐसी ही प्रतीत हो रही है. बरसात का महीना चल रहा है. गनीमत है कि फिलहाल उस तरह की लगातार बरसात नहीं हो रही है जिससे कि चारों तरफ लबालब पानी भर जाए. जैसा कि पिछले दिनों हुआ था. बारिश और धूप का मंजर फिलहाल सिलीगुड़ी में दिख रहा है.
लेकिन तूफानी बारिश भी सर पर है. मौसम विभाग के कुछ संकेत भी बता रहे हैं. आसमान में बादल मंडरा रहे हैं.कभी भी बरसात हो सकती है. लेकिन इस बार जरा हटकर बरसात होगी. पिछले दिनों सिलीगुड़ी और आसपास के क्षेत्रों में हुई भारी बरसात के बाद नदी, नाले, सड़क, जमीन सब जगह पानी भर गया था और सिलीगुड़ी नगर निगम की बेबसी देखी जा रही थी.
पिछली बार की घटनाओं से सबक लेते हुए सिलीगुड़ी नगर निगम की ओर से नालों की कचरा सफाई के लिए चार और वेन उतारा गया है, जिसका उद्घाटन बड़े ही भव्य रुप से सिलीगुड़ी नगर निगम के मेयर गौतम देव और कचरा निष्कासन विभाग के मानिक दे ने किया. ऐसे आयोजन को लेकर कुछ आलोचक सिलीगुड़ी नगर निगम की पहल को बेकार मानते हैं.क्योंकि यह समय नालियों से कचरा उठाने का नहीं है. बरसात कभी भी हो सकती है.नाले भरे होने पर मशीन से कचरा उठाना आसान नहीं होगा.
आलोचकों का कहना है कि जो काम बरसात शुरू होने से पहले होना चाहिए था, सिलीगुड़ी नगर निगम उसे बरसात में पूरा करना चाहती है. या तो रणनीति नियोजित तरीके से नहीं बनाई गई है या फिर कचरा उठाने वाली गाड़ियां देर से मंगाई गई है. हालांकि शनिवार से ही कचरा उठाने वाली गाड़ियों और मजदूरों को काम पर लगा दिया गया है. लेकिन जब तक सिलीगुड़ी शहर की नालियों की सफाई होगी, तब तक तो कयामत आ जाएगी. क्योंकि बरसात उस समय तक का इंतजार नहीं करेगी. ऐसे में एक बार फिर से नालियों में कचरा भरेगा और नालियां उफनकर सड़क को लबालब करेंगी.
सिलीगुड़ी नगर निगम के मेयर प्रत्येक शनिवार को टाक टू मेयर कार्यक्रम का आयोजन करते हैं,जहां शहर के नागरिकों की समस्याओं के समाधान के लिए तरीका बताया जाता है और उनकी समस्याओं का समाधान भी बताया जाता है. हर बार बरसात के बीच शहर के नागरिक जलभराव की समस्या से ग्रसित हो जाते हैं. जब सिलीगुड़ी में मूसलाधार बारिश होती है तो छोटी से लेकर बड़ी कालोनियों तक रहने वाले लोगों की मुसीबत सामने आती है. बच्चे पानी में तैर कर स्कूल जाते हैं. ऐसे में कभी भी कोई हादसा हो सकता है. शहर के नागरिकों की जल प्लावन समस्याओं को देखते हुए निगम के द्वारा चार और कचरा उठाने वाले वैनों को शामिल करने का फैसला लिया गया है.
आलोचकों को सिलीगुड़ी नगर निगम के नए कचरा वैन को लेकर शिकायत नहीं है. बल्कि टाइमिंग को लेकर दिक्कत है. हालांकि सिलीगुड़ी नगर निगम की ओर से स्पष्ट कर दिया गया है कि उनके पास पर्याप्त संख्या में मजदूर और कर्मचारी हैं.इसके अलावा सिलीगुड़ी नगर निगम के विभिन्न भागों में वार्डों में घर-घर सर्वे किया जा रहा है. इसके साथ ही निगम फॉगिंग और ब्लीचिंग की भी योजना बना रही है. निगम को विश्वास है कि बरसात से पहले ही सिलीगुड़ी शहर के नालों की साफ-सफाई हो जाएगी. दुआ की जानी चाहिए कि सिलीगुड़ी नगर निगम अपने इरादे में सफल हो.