एक लंबे इंतजार के बाद सिलीगुड़ी कोर्ट में माटीगाड़ा के बहु चर्चित नाबालिक छात्रा हत्याकांड के आरोपी मोहम्मद अब्बास पर आज चार्ज लगाया गया. कोर्ट में अभियुक्त और अभियोजन पक्ष के वकील मौजूद थे. अदालत के आदेश से मोहम्मद अब्बास को बताया गया कि उसके खिलाफ क्या चार्ज लगाए गए हैं.
वास्तव में चार्ज फ्रेम अदालत की एक प्रक्रिया है. इसमें आरोप तय करने का प्राथमिक उद्देश्य, आरोपी व्यक्ति को सटीक और संक्षिप्त रूप से यह बताना है कि अभियोजन पक्ष उसके खिलाफ क्या साबित करना चाहता है. किसी भी आपराधिक मुकदमे में आरोप तय करना कानून का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. मामले की सुनवाई करने के लिए अभियुक्त पक्ष का वकील कोर्ट में उपस्थित थे. ऐसे में अदालत में आज चार्ज फ्रेम की प्रक्रिया पूरी कर ली गई.
आगामी 3 जनवरी को ट्रायल शुरू होगा. आरोपी को चार्जशीट की कॉपी दे दी गयी है. अगर मामले में 7 साल तक सजा का प्रावधान हो तो मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट खुद ही सुनवाई करता है. अगर ज्यादा सजा का प्रावधान है तो मामला सेशन कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया जाता है. सुनवाई के बाद सेशन कोर्ट आदेश जारी करता है. आरोपी या तो आरोप मुक्त हो जाता है या फिर आरोप तय किए जाते हैं. अगर आरोपी गुनाह कबूल कर लेता है तो जल्दी ही उसे सजा दे दी जाती है.लेकिन गुनाह कबूल ना करने पर आरोपी को ट्रायल का सामना करना पड़ता है. ट्रायल के दौरान पहले सरकारी पक्ष के गवाह के बयान होते हैं. उसके बाद आरोपी का बयान दर्ज किया जाता है. आरोपी की ओर से गवाह पेश किए जाते हैं. तमाम गवाहों के बयान और तर्क के आधार पर दोनों पक्षों के वकील अंतिम जिरह करते हैं और उसके बाद फैसला सुनाया जाता है.
शुरू शुरू में तो मुलजिम पक्ष को वकील नहीं मिल रहा था. केस लड़ने के लिए सिलीगुड़ी बार एसोसिएशन के द्वारा मना करने के बाद कोलकाता हाई कोर्ट के सरकारी पीपी को नियुक्त किया गया था. पिछली बार मुकदमे की तारीख पर मुलजिम को कोर्ट में लाया तो गया, परंतु मुलजिम का वकील ही कोर्ट में नहीं आ सका, जिसके कारण मामले की सुनवाई एक बार फिर से टल गई थी.
पुलिस हर तारीख पर नियमित रूप से आरोपी मोहम्मद अब्बास को सिलीगुड़ी कोर्ट में प्रस्तुत करती रही है. मोहम्मद अब्बास हर बार एक नए लुक में कोर्ट में हाजिर होता है. वह खुद चाहता है कि इस मामले की जल्द से जल्द सुनवाई शुरू हो सके और अदालत किसी निष्कर्ष पर पहुंच सके. परंतु तकनीकी कारणों से बात नहीं बन रही थी. आज अदालत में चार्ज फ्रेम होने के साथ ही ट्रायल की प्रक्रिया शुरू हो गई है. इतने दिनों से हत्या के आरोपी मोहम्मद अब्बास को आज जेल में नींद नहीं आएगी. क्योंकि अगली तारीख पर उसे कई व्यवहारिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है.
3 जनवरी को अगली तारीख पड़ी है. उस दिन मामले की सुनवाई शुरू होगी. यह बहुचर्चित हत्याकांड 21 अगस्त को माटीगाड़ा इलाके में घटा था. यह घटना सिलीगुड़ी ही नहीं बल्कि पूरे बंगाल और देश भर में चर्चा का विषय बन गया था. आरोपी मोहम्मद अब्बास ने एक स्कूली छात्रा के साथ दुष्कर्म करने के बाद ईट पत्थर आदि से उसका सिर कुचलकर उसकी हत्या कर दी थी. फॉरेंसिक जांच रिपोर्ट आ गई है. सुनवाई के दौरान ही उसका खुलासा किया जाएगा.
माटीगाड़ा थाना की पुलिस ने हत्या के आरोपी मोहम्मद अब्बास से पूछताछ के लिए उसे तीन-तीन बार रिमांड में लिया था. इसके बाद 2 महीने के अंदर सिलीगुड़ी कोर्ट में मामले की चार्जशीट पेश कर दिया. चार्जशीट के बाद मुकदमे की प्रक्रिया शुरू हो जाती है. लेकिन पूजा की छुट्टी और अन्य कारणो से यह मामला दिनों दिन अधर में लटकता रहा. अब इस मामले के लगभग 5 महीने पूरे हो गए हैं. हत्या के आरोपी मोहम्मद अब्बास ने इन पांच महीनो में 13 बार कोर्ट का चक्कर लगाया है.
आर॔भ में कोर्ट से मांग की गई थी कि इस मामले की त्वरित सुनवाई हो. लेकिन तकनीकी कारणो से सुनवाई में विलंब होता गया. पहले तो अभियुक्त पक्ष के लोगों ने सिलीगुड़ी के किसी अच्छे वकील को लेने की कोशिश की. लेकिन बार एसोसिएशन ने अपना वकील देने से मना कर दिया. इसके बाद अदालत ने अभियुक्त पक्ष के लिए वकील तलाश करना शुरू कर दिया.
अब अभियुक्त पक्ष के लिए अदालत में वकील मिल भी गया है. इसलिए लगता है कि अब इस मामले की सुनवाई शुरू हो जाएगी. उम्मीद की जा रही है कि 3 जनवरी को सरकारी वकील सिलीगुड़ी कोर्ट में मौजूद होंगे. क्योंकि पक्ष और विपक्ष दोनों में से किसी भी पक्ष के वकील की अनुपस्थिति में कोर्ट की कार्रवाई नहीं हो पाती है. सुनवाई शुरू होने से पहले ऐसे मामले में सर्वप्रथम चार्ज फ्रेम होता है. उसके बाद ही मामले की सुनवाई कोर्ट में शुरू होती है.