जब मैंने कोई अपराध ही नहीं किया है तो अदालत की सजा को क्यों स्वीकार करूंगा? पिछली पेशी के दौरान तो आरोपी कातिल ने मीडिया के किसी भी सवाल का जवाब नहीं दिया था. लेकिन आज उसने कोर्ट से बाहर आकर मीडिया के सवाल का जवाब दिया. इससे आरोपी कातिल की भविष्य की रणनीति तथा उसके मंसूबे का भी पता चल जाता है. ठंड और धूप के बीच हत्या के आरोपी मोहम्मद अब्बास के चेहरे पर मिश्रित भाव थे. वह पुलिस सुरक्षा में जाते हुए जैसे कह रहा था कि सोमवार को फिर आऊंगा…
सिलीगुड़ी कोर्ट में माटीगाड़ा के बहुचर्चित नाबालिग हत्याकांड की सुनवाई चल रही है. कोर्ट का ट्रायल लगातार चलता रहेगा. आज इस मुकदमे के हत्यारोपी मोहम्मद अब्बास कोर्ट में पेश हुआ. उसे नियमित रूप से पुलिस की कड़ी सुरक्षा में जेल से कोर्ट लाया जा रहा है. 6 घंटे तक मुकदमे की सुनवाई चलती रही. कल कोर्ट बंद है. सोमवार को एक बार फिर से केस की सुनवाई जारी रहेगी.
एक लंबे अरसे के बाद तकनीकी कमियां दूर कर दिए जाने के बाद कोर्ट में मुकदमे की सुनवाई शुरू हुई. पहली पेशी में डॉक्टर का पैनल अदालत में उपस्थित हुआ था और वीडियो रिकॉर्डिंग के जरिए उनके बयान दर्ज कराए गए थे. पहली पेशी में भी अदालत में देर तक सुनवाई हुई थी. यहां तक कि वकीलों को पानी पीने तक की फुर्सत नहीं थी. आज भी देर तक सुनवाई चलती रही
. मुकदमे का एक चरण जिसमें साक्ष्य या सबूत वगैरह होते हैं, उसे तो लगभग पार कर लिया गया है. इसके बाद गवाहों के बयान दर्ज होंगे. फिर पक्ष और विपक्ष के वकील बहस करेंगे. उसके बाद अदालत का फैसला सामने आएगा. जिस तरह से अदालत की कार्यवाही चल रही है, उसे देखते हुए ऐसा लग रहा है कि जल्द ही मुकदमे का फैसला आ जाएगा. कई लोग तो यह भी कहने लगे हैं कि इसी महीने कोर्ट का फैसला आ जाएगा. हालांकि यह इतना आसान भी नहीं है. जब तक कि आरोपी अपना गुनाह कबूल नहीं कर लेता है, या फिर अदालत में उसका गुनाह साबित नहीं हो जाता है, तब तक मुकदमे की कार्यवाही चलती रहेगी.
मोहम्मद अब्बास पर आरोप है कि उसने मल्लागुड़ी में एक विद्यालय में पढ़ने वाली बालिका को बहला फुसलाकर उसके साथ पहले दुष्कर्म करने की कोशिश की और जब इसमें कामयाबी नहीं मिली तो उसे मौत के घाट उतार दिया. जब यह मामला प्रकाश में आया था तो पूरा सिलीगुड़ी शहर और आसपास के इलाकों में मोहम्मद अब्बास के खिलाफ लोगों में इस कदर आक्रोश और गुस्सा था कि कई बार अदालत परिसर में भी उस पर हमला करने की भी कोशिश की गई थी. कई संगठनों के लोग मोहम्मद अब्बास को फांसी देने की मांग कर रहे थे.
आज उसी मोहम्मद अब्बास ने, जिसने पुलिस कस्टडी में अपने गुनाह को कबूल किया था, अब यह कहने लगा है कि उसने कोई गुनाह नहीं किया है. उसने किसी की हत्या नहीं की है. जब मोहम्मद अब्बास को पुलिस अपनी निगरानी में कोर्ट से बाहर ला रही थी, तब मीडिया के एक सवाल के जवाब में मोहम्मद अब्बास ने कहा कि वह निर्दोष है. इसलिए अगर अदालत उसके खिलाफ सजा सुनाती है तो उसे यह मंजूर नहीं होगा. इसका सीधा मतलब यह है कि मोहम्मद अब्बास निचली अदालत के फैसले के खिलाफ ऊपरी अदालत में भी अपील कर सकता है.
मोहम्मद अब्बास आज यह संकेत दे चुका है. जो लोग यह मान रहे थे कि अदालत बहुत जल्द फैसला सुना सकती है और बालिका के कातिल मोहम्मद अब्बास को आजीवन कारावास या फांसी होगी, उन्हें जरूर धक्का लगा होगा. क्योंकि मोहम्मद अब्बास के तेवर और बॉडी लैंग्वेज साफ बता रहे हैं कि अगर उसके पक्ष में फैसला नहीं आता है तो वह ऊपरी अदालत में अपील करेगा.
किसी भी मुकदमे में न्यायिक प्रक्रिया कई चरणों से गुजरती है. हमारे देश में सुप्रीम कोर्ट का फैसला अंतिम होता है. उससे पहले निचली अदालत, सेशन कोर्ट, हाई कोर्ट आदि होते हैं. कभी-कभी किन्हीं कारणो से निचली अदालत मुकदमे को सेशन कोर्ट में भी ट्रांसफर कर देती है या फिर तकनीकी कारण से भी ऐसा होता है. ऐसा लगता है कि इस मुकदमे में भी अंतिम समय में कोई नया मोड़ आ सकता है. वैसे उम्मीद की जानी चाहिए कि नाबालिग हत्याकांड मुकदमे का जल्द फैसला आए ताकि पीडिता पक्ष को न्याय मिल सके.