एक लंबे अरसे के बाद सिलीगुड़ी में किसी ड्रग्स कारोबारी को 10 साल का सश्रम कारावास और एक लाख का जुर्माना हुआ है. एनडीपीएस स्पेशल कोर्ट के जज माननीय जितेंद्र कुमार गुप्ता ने आज सिलीगुड़ी के मादक पदार्थों के कारोबारी लिटन सरकार को यह सजा सुनाई है.
अदालत का फैसला और सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस की कार्य शैली की आज जीत हुई है. इस फैसले से सिलीगुड़ी और उत्तर बंगाल के ड्रग्स कारोबारियों में खलबली मच गई है. आज के फैसले से यह भी स्पष्ट हो जाता है कि अगर पुलिस चाहे तो ड्रग्स के कारोबार की जड़ का सफाया कर सकती है. अगर पुलिस चाहे तो मादक पदार्थों के कारोबारी की जड़ को काटकर एक स्वस्थ समाज की संरचना में योगदान दे सकती है. आज के फैसले ने एक तरफ पुलिस को मादक पदार्थो के कारोबार के खिलाफ शुरू किए गए अभियान को मजबूती प्रदान की है तो दूसरी तरफ सिलीगुड़ी और उत्तर बंगाल के ड्रग्स कारोबारियों के पैरों तले की भूमि खिसका दी है.
सिलीगुड़ी और उत्तर बंगाल ड्रग्स कारोबारियों का अड्डा बन चुका है. ऐसा कोई भी दिन नहीं बीतता जब पुलिस किसी न किसी ड्रग्स कारोबारी को गिरफ्तार न करती हो या फिर मादक पदार्थो को ड्रग्स तस्करों के कब्जे से बरामद नहीं करती हो. सिलीगुड़ी और उत्तर बंगाल ही नहीं बल्कि पूरे पूर्वोत्तर क्षेत्र में ड्रग्स का खूब कारोबार होता है. ड्रग्स तस्करों के हाथ काफी लंबे हैं. बिचौलिये के माध्यम से ड्रग्स को ग्राहकों तक पहुंचाया जाता है.
यहां ड्रग्स कारोबार के फलने फूलने के बहुत से कारण है. लेकिन उन सभी में सबसे बड़ा कारण कानून का कम प्रभावशाली होना अथवा सही तरीके से कानून का पालन नहीं करना भी प्रमुख है. बहुत से मामलों में पुलिस को सबूत नहीं मिलता, जिसके कारण पुलिस ड्रग्स तस्करों पर कठोर कानून तामील नहीं कर पाती. पुलिस के पास पर्याप्त साक्ष्य नहीं होते. अदालत में इसका फायदा ड्रग्स तस्कर उठा ले जाते हैं. तस्करों को अदालत से आसानी से जमानत मिल जाती है. जानकारों का मानना है कि अगर पुलिस ठीक तरह से कोशिश करे तो ड्रग्स तस्करों को सजा दिलवा पाना मुश्किल नहीं है.
मादक पदार्थों के कारोबार करने वाले लिटन सरकार का यह मामला पुलिस की कार्य शैली की जीत है तो दूसरी तरफ लिटन सरकार के जरिए पुलिस सिलीगुड़ी और उत्तर बंगाल के ड्रग्स कारोबारी को सावधान करना चाहती है कि अगर उन्होंने अपना धंधा बंद नहीं किया तो उन्हें भी लिटन सरकार की तरह ही कठोर कारावास के लिए तैयार हो जाना चाहिए.
यह मामला 10 नवंबर 2019 का है. सिलीगुड़ी के बाघाजतिन कॉलोनी में एक किराए के मकान में लिटन सरकार रहता था. वह चोरी छिपे मादक पदार्थों का कारोबार करता था. वह सिलीगुड़ी में विभिन्न स्थानों पर ब्राउन शुगर, हेरोइन आदि की आपूर्ति करता था. शाम होते ही नशेड़ी मादक पदार्थो का इंतजार करते रहते थे.लिटन सरकार के आदमियों के जरिए नशे की आपूर्ति की जाती थी. पुलिस लिटन सरकार को गिरफ्तार करने के लिए जहां-तहां छापे मार रही थी. मगर वह पकड़ा नहीं जा रहा था. यह भी कहा जाता है कि सरकार अपने करियर के माध्यम से माल की सप्लाई करता था. उसके इस कारोबार के कारण सिलीगुड़ी के युवाओं का भविष्य अंधकार मय हो रहा था.
जब पानी सिर से ऊपर बहने लगा तो सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस ने लिटन सरकार को रंगे हाथों गिरफ्तार करने के लिए जाल बिछाया और अपने मुखबिर को उसके पीछे लगा दिया. एक दिन प्रधान नगर पुलिस के मुखबिर ने पुलिस को विश्वसनीय जानकारी दी. इसके बाद पुलिस टीम ने देर नहीं करते हुए बाघाजतिन कॉलोनी स्थित ड्रग्स कारोबारी लिटन सरकार के घर पहुंच गई. सादी वर्दी में पहुंची पुलिस ने उसके घर पर छापा मारा. इसमें लिटन सरकार भी गिरफ्तार हुआ. इसके साथ ही उसके घर की तलाशी लेने पर 402 ग्राम हेरोइन और ब्राउन शुगर भी पुलिस ने अपने कब्जे में लिया. प्रधान नगर पुलिस थाने में यह मामला एनडीपीएस एक्ट के तहत 10 नवंबर 2019 को पंजीकृत हुआ था.
प्रधान नगर पुलिस ने ड्रग्स तस्कर लिटन सरकार के खिलाफ साक्ष्य एकत्र करने शुरू कर दिये. इसके साथ ही ऐसे गवाहों को भी ढूंढ निकाला, जो लिटन सरकार के धंधे का कच्चा चिट्ठा खोलकर रख सकते थे. इस तरह से प्रधान नगर पुलिस ने आरोपी के खिलाफ तमाम सबूत एकत्र कर लिए और अदालत के सुपुर्द कर दिया. इतना ही नहीं इस मामले में प्रधान नगर पुलिस ने कई गवाहों को भी पेश किया.
अदालत में मामले की सुनवाई चलती रही. आज 4 सालों के बाद अदालत ने लिटन सरकार को अभियुक्त साबित किया है और उसे 10 साल का सश्रम कारावास और एक लाख का जुर्माना भी लगाया है.अगर लिटन सरकार जुर्माने की राशि नहीं देता है तो उसे एक साल और जेल में रहना होगा. जो भी हो, अदालत के फैसले ने सिलीगुड़ी और आसपास के इलाकों में ड्रग्स का कारोबार करने वाले लोगों को सावधान किया है तो दूसरी तरफ सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस को भी ड्रग्स तस्करों के खिलाफ कठोर कार्य करने की प्रेरणा दी है.