सिक्किम में लोकसभा के साथ-साथ विधानसभा के भी चुनाव हो रहे हैं. वर्तमान में सिक्किम का राजनीतिक तापमान उफान पर है. राजनीतिक दलों के नेता और उम्मीदवार रात दिन पसीना बहा रहे हैं. यहां बारिश और तूफान उम्मीदवारों और राजनीतिक दलों के नेताओं के मार्ग में बाधक नहीं है. सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों ओर से तीर दागे जा रहे हैं. वार प्रतिवार हो रहा है.
इस बीच सिक्किम में घर से वोट देने की प्रक्रिया शुरू हो गई है. 5 अप्रैल से शुरू हुई यह प्रक्रिया 16 अप्रैल तक जारी रहेगी. चुनाव आयोग के दिशा निर्देश के अनुसार वरिष्ठ नागरिकों तथा शारीरिक रूप से विकलांग व्यक्तियों के लिए ही यह सुविधा उपलब्ध कराई गई है. इससे कुछ-कुछ संकेत मिलने लगा है. इसलिए एक दल के नेता ओवर कॉन्फिडेंस में चल रहे हैं, तो दूसरे दल के नेता भी कुछ ऐसा ही संकेत दे रहे हैं.
सिक्किम में वादे भी बहुत किए जा रहे हैं. भारतीय जनता पार्टी भी इसमें पीछे नहीं है. राजनीतिक जानकार मानते हैं कि नई सरकार बनाने में भाजपा की महत्वपूर्ण भूमिका रहने वाली है. पवन चामलिंग का यह आखिरी चुनाव है. इसलिए चामलिंग सिक्किम की जनता से भावनात्मक अपील कर रहे हैं. वे अपने शासन की उपलब्धियां भी गिना रहे हैं और कह रहे हैं कि आज सिक्किम जो है वह उनकी ही बदौलत है. दूसरी तरफ गोले यह साबित करना चाहते हैं कि चामलिंग ने सिक्किम को बर्बाद कर दिया. इसलिए वे सिक्किम को नए तरीके से संवार रहे हैं. पर किसमें कितना है दम, यह फैसला तो जनता ही करेगी.
सिक्किम में घर से मतदान की प्रक्रिया काफी सुरक्षित है. मतदान के दौरान सेक्टर अधिकारी, पुलिस बल, सहायक रिटर्निग अधिकारी, पोस्ट बैलेट बॉक्स लेकर उनके घर पहुंच रहे हैं और मतदान करा रहे हैं. मतदान के बाद बॉक्स को स्ट्रांग रूम में सुरक्षित रखा जाएगा. सिक्किम के चुनाव में एसडीएफ और एसकेएम के बीच जुबानी जंग खूब देखी जा रही है. पवन चामलिंग अपनी सभाओं में मौजूदा सरकार को खत्म होते लोगों को बता रहे हैं, तो दूसरी तरफ मुख्यमंत्री गोले सभाओं में कहते हैं कि जनता एसकेएम को दोबारा सत्ता सौंपने का मन बना चुकी है. यहां 19 अप्रैल को मतदान होगा.
हालांकि चुनाव प्रचार शांतिपूर्ण चल रहा है. पर बीच-बीच में समर्थकों पर हमले भी हो रहे हैं. पश्चिम सिक्किम के सोरेंग जिला में सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा समर्थकों पर हमले किए जाने की जानकारी है. दूसरी तरफ एसकेएम पार्टी ने एसडीएफ कैडरों पर अपने एक कैडर पर घातक हमला का भी आरोप लगाया है. सिक्किम के अलग-अलग भागों में भी यह नजारा देखा जा सकता है. उम्मीदवारों पर आरोप भी खूब लग रहे हैं. लेकिन सिक्किम की जनता खामोश है.
सिक्किम में निष्पक्ष और शांतिपूर्ण मतदान कराने के लिए चुनाव आयोग ने भी कमर कस रखी है. गेजिंग जिले के जनरल आब्जर्वर के रूप में आए पंकज यादव ने गेजिंग जिला अंतर्गत विभिन्न मतदान केदो का निरीक्षण भी किया है. उन्होंने व्यवस्था पर संतोष व्यक्त किया है. विभिन्न दलों के उम्मीदवार भी सीधे जनता से संपर्क स्थापित कर रहे हैं. स्थानीय छोटे-छोटे मुद्दे को लेकर दोनों ही प्रमुख दलों की ओर से जोरदार प्रहार चल रहा है. जहां तक आत्मविश्वास की बात है, दोनों ही प्रमुख दल अपनी अपनी जीत के दावे कर रहे हैं. दूसरी तरफ जनता है कि अभी अपना पत्ता खोलना नहीं चाहती है.जनता की पसंद कौन सी पार्टी होगी, सिक्किम पर कौन राज करेगा, यह अभी भविष्य के गर्भ में है और इसका फैसला 19 अप्रैल को सिक्किम की जनता करने जा रही है.
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