राज्य चुनाव आयोग की इजाजत के बाद सिलीगुड़ी से लेकर कोलकाता तक पोयला वैशाख और रामनवमी मनाने की जोरदार तैयारियां चल रही है. अगले हफ्ते 15 अप्रैल को पोयला बैसाख है. यानि सोमवार को पोयला वैशाख. बुधवार को रामनवमी मनाई जाएगी. इसकी भी सिलीगुड़ी में जोरदार तैयारी चल रही है. 2 दिन बाद यानी 19 अप्रैल को लोकसभा चुनाव के पहले चरण के पर्व का आगाज हो जाएगा. शहर में पोयला बैशाख और रामनवमी की धूम अभी से ही देखी जा रही है.
पोयला बैशाख से ही बंगाल में नववर्ष का शुभारंभ होता है. यह त्यौहार 14 अप्रैल को बांग्लादेश में तथा 15 अप्रैल को भारत में मनाया जाता है. पोयला वैशाख के दिन लोग पारंपरिक पोशाक पहनते हैं. परिवार और दोस्तों से मिलते हैं.यह त्यौहार मित्रों और परिवार को एकजुट करने के लिए भी जाना जाता है. सिलीगुड़ी में पोयला बैसाख के दिन सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ-साथ बंगाल दिवस मनाने की भी धूम रहेगी. त्रिपुरा में भी यह उत्सव धूमधाम से मनाया जाता है.
पहले केंद्र सरकार ने बंगाल की स्थापना के दिन 20 जून को पश्चिम बंगाल दिवस के रूप में मनाने की पहल की थी. लेकिन राज्य सरकार ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई थी. 29 अगस्त 2023 को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपने मंत्रिमंडल सहयोगियों से बातचीत करने के बाद पोयला बैसाख के दिन राज्य दिवस के रूप में पालन करने का फैसला किया था. राज्य में लोकसभा चुनाव के चलते आचार संहिता लागू है. चुनाव आयोग ने निर्देश दिया है कि कार्यक्रम में कोई भी राजनीतिक हस्ती शामिल नहीं होगी.
राज्य सूचना एवं संस्कृति विभाग नए साल में कैथ्रेडल रोड पर रवींद्र सदन के सामने एक कार्यक्रम का आयोजन कर रहा है. मुख्य अतिथि राज्य के मुख्य सचिव भगवती प्रसाद गोपालिका रहेंगे. चुनाव आयोग ने यह शर्त रखी है कि कोई भी राजनीतिक व्यक्ति कार्यक्रम में मौजूद नहीं रह सकता है और ना ही आचार संहिता को तोड़ा जा सकता है. कार्यक्रम की शुरुआत राज्य गीत बांग्लार माटी बांग्लार जल से होगी. इस दिवस का आयोजन राज्य के प्रत्येक जिले , अनुमंडल और प्रखंड स्तर पर नए साल के जश्न के रूप में मनाया जाएगा. सिलीगुड़ी में भी इसकी तैयारियां जोर से हो रही है.
इसी तरह से 17 अप्रैल को रामनवमी का उत्सव मनाया जाएगा. इस बार की रामनवमी खास रहने वाली है. क्योंकि अयोध्या में भगवान श्री राम की प्राण प्रतिष्ठा के बाद सिलीगुड़ी के राम भक्तों तथा सनातनी संगठनों में भारी जोश है. शहर में रामनवमी के झंडे काफी पहले से ही बिक रहे हैं. हिंदू संगठनों ने रामनवमी का जुलूस निकालने की पुरजोर तैयारी कर रखी है. केंद्रीय निर्वाचन आयोग ने पश्चिम बंगाल में पिछले साल कई जगहों पर रामनवमी के जुलूसों पर हमले के बाद भड़की सांप्रदायिक हिंसा को देखते हुए राज्य प्रशासन को पिछले साल हुई अशांति की पुनरावृत्ति से बचने के लिए रामनवमी के दिन आवश्यक सुरक्षा व्यवस्था करने का निर्देश दिया है. चुनाव आयोग ने राज्य के पुलिस महानिदेशक और एडीजी कानून व्यवस्था को निर्देश दिया है.
बता दे कि पिछले साल हावड़ा के शिवपुर इलाके में रामनवमी जुलूस पर भारी पथराव हुआ था. इसके बाद भड़की हिंसा में जान माल की भारी क्षति हुई थी. हुगली जिले में भी रामनवमी के जुलूस पर हिंसा हुई थी.
इसके दो दिन बाद शुक्रवार को लोकसभा चुनाव के पहले चरण का मतदान होगा. पहले चरण में जलपाईगुड़ी, कूचबिहार और अलीपुरद्वार संसदीय क्षेत्र में चुनाव होने जा रहा है. 19 अप्रैल को लोकसभा चुनाव के पहले पर्व का आगाज हो जाएगा.
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