सिलीगुड़ी: खोला चंद फाफरी में खबर का असर देखने को मिला । बता दे कुछ दिनों पहले ही खबर समय के प्रतिनिधि ने खोला चांद फाफरी से एक खबर को दिखाया था जिसमें खोला चंद फाफरी के सड़क के किनारे देवी देवताओं की मूर्तियों का विसर्जन किया गया था । जब इस विषय में स्थानीय वासियों से पूछा गया, तो स्थानीय वासियों ने बताया था कि, यह तो देवी देवताओं की मूर्तियों का अपमान है । पूजा के बाद मूर्ति का नदी में विसर्जन कर देना चाहिए, लेकिन लोग अक्सर सड़क किनारे मूर्तियों को छोड़कर चले जाते हैं । वन क्षेत्र होने के कारण यहां मूर्ति की काफी अवहेलना भी होती है ,उन्होंने यह भी बताया था कि, यह एक सुनसान इलाका है यहां पर नशेड़ियों और असामाजिक तत्वों का बसेरा रहता है, कुछ सामाजिक तत्व इस मूर्तियों के साथ छेड़छाड़ करते हैं, मूर्तियों पर गंदगी फैला देते हैं, जो की गलत है और इससे लोगों की भावनाओं को भी ठेस पहुंचता है। जैसे ही यह खबर प्रकाशित हुई स्थानीय लोग इस खबर को लेकर सतर्क हो गए। उन्होंने आज खोला चांद फाफरी में सफाई अभियान चलाया और इस सफाई अभियान में उन्होंने सड़क किनारे रखे लावारिस मूर्तियों का विसर्जन भी किया । इस दौरान स्थानीय वासी राजू और रोशन राय ने बताया कि, यह वन क्षेत्र होने के कारण यहां पर लोग आते हैं और काफी कचरा फैलाकर चले जाते हैं। देखा जाए तो यहां से कुछ दूरी पर ही डंपिंग ग्राउंड भी है लेकिन कुछ लोग इस स्थान को ही डंपिंग ग्राउंड बनाने में तुले हुए हैं । आज उन्होंने अनुरोध करते हुए लोगों से कहा कि, इस स्थान पर गंदगी ना फैलाएं यह वन क्षेत्र है और वन विभाग द्वारा उन्हें अनुमति भी मिली है कि, वे किसी संदिग्ध व्यक्ति को पकड़ कर वन विभाग या प्रशासन को सौंप सकते हैं । देखा जाए देवी देवताओं की मूर्ति पूजनीय है लोग श्रद्धा भाव से मूर्तियों की पूजा अर्चना करते हैं, उसके बाद उसे जाकर इस वन क्षेत्र में छोड़ जाते हैं अब सवाल यह उठता है कि, क्या पूजा अर्चना तक ही लोगों की श्रद्धा उस मूर्ति से जुड़ी रहती है, क्या लोगों के पास इतना समय भी नहीं होता की पूजा करने के बाद इन मूर्तियों का विसर्जन नदी में किया जाए । फिलहाल तो खोला चंद फाफरी के स्थानीय वासियों ने इस मामले को लेकर लोगों को सतर्क कर दिया है ।
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