November 9, 2024
Sevoke Road, Siliguri
जुर्म

बहुचर्चित आरजीकर कांड के आरोपी संजय राय को जेल में चाहिए अंडा और चाऊमीन!

पूरे बंगाल में आरजीकर कांड बच्चे बच्चे की जुबान पर है. विरोध का स्वर लगातार बुलंद हो रहा है. इंसाफ की मांग तेज होती जा रही है. इस कांड के रहस्यों पर से पर्दा हटाया जाए, इसके लिए जांच एजेंसियां भी खूब पसीना बहा रही है. इस कांड का मुख्य आरोपी संजय राय जेल की सलाखों के पीछे है और जेल में नखरे दिखा रहा है. जनता की तो एक ही आवाज है जूनियर डॉक्टर के साथ हैवानियत का खेल खेलने वाले दोषी लोग पकड़े जाएं. मृतका महिला को इंसाफ मिल सके.

यह मामला इतना भटका हुआ है कि सीबीआई को पसीने छूट रहे हैं. सबूतों से छेड़छाड़ हो चुकी है. आरोप लग रहा है कि कोलकाता पुलिस ने इस कांड के सबूत मिटा दिए हैं. हालांकि डिप्टी कमिश्नर ने इसका जवाब भी दे दिया है. अब तक सीबीआई मामले की तह तक नहीं पहुंच पा रही है. अब दावा किया जा रहा है कि सीबीआई को बड़े सबूत हाथ लगे हैं. लेकिन यह भी भटका हुआ है. यह प्रामाणिक होगा इसमें भी संदेह है

सीबीआई संदीप घोष और देवाशीष से कई बार पूछताछ कर चुकी है. सीबीआई अधिकारियों के अनुसार जिन फोरेंसिक विशेषज्ञों को घटनास्थल पर शव से नमूने एकत्र करने थे, उन्होंने ऐसा नहीं किया. हालांकि उनके अलग तर्क हैं. सीबीआई को क्राइम सीन के पास हुए रिनोवेशन से जुड़े दस्तावेज भी हाथ लगे हैं. हमलावर के पैरों और उंगलियों के निशान महत्वपूर्ण हो सकते हैं. लेकिन इस पर भी दावा नहीं किया जा सकता. अभी सब कुछ अंधेरे में है.

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इस समय कई मोर्चो पर लड़ रही है. प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखने के अलावा राज्य में विद्रोह तत्वों से निपटने की कोशिश कर रही है. इसके अलावा कानूनी मोर्चो पर भी वह लड़ाई लड़ रही है. ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुई वहशियत के खिलाफ कुछ दिनों पहले कोलकाता में आयोजित नवान्न मार्च के आयोजक साइन लाहिरी को कोलकाता हाई कोर्ट से जमानत मिल गई है. ममता बनर्जी की सरकार अब इस छात्र नेता के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा रही है.

कुल मिलाकर यही कह सकते हैं कि RGकर की प्रगति कुछ खास नहीं हो पा रही है. कब तक इस मामले के रहस्यों पर से पर्दा उठेगा, यह भी अभी अंधेरे में है. इस बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दो-दो बार चिट्ठी लिख चुकी है. उन्होंने मांग की कि दुष्कर्म और हत्या जैसे जघन्य अपराधों के लिए कठोर केंद्रीय कानून बनाया जाए. उन्होंने एक विशिष्ट समय सीमा के अंदर इसके निपटारे को अनिवार्य बनाने का प्रावधान करने की अपील की है.

ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पहला पत्र 22 अगस्त को लिखा था. उन्होंने अपनी पहली चिट्ठी में दुष्कर्मियों को सख्त और उदाहरण प्रस्तुत करने वाली सजा की जरूरत बताई थी. ममता बनर्जी ने फास्ट ट्रैक कोर्ट के जरिए 15 दिनों में दुष्कर्म के मामलों की सुनवाई पूरी कर दोषियों को सजा दिलाने की मांग की थी. इसके जवाब में महिला विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने कहा था कि राज्य में सिर्फ 11 पॉक्सो कोर्ट ही है, जो चल रहे हैं. बाकी बंद पड़े हैं. ममता बनर्जी ने इसके जवाब में कहा कि 88 फास्ट ट्रैक कोर्ट चल रहे हैं. 62 कोर्ट में भी लगातार सुनवाई हो रही है. खैर यह राजनीतिक दावे प्रति दावे हैं. असली मुद्दा भटक गया है.

सिलीगुड़ी से लेकर कोलकाता तक इन दिनों सिर्फ और सिर्फ आरजीकर हॉस्पिटल कांड की ही चर्चा है. किसी न किसी संगठन के द्वारा रोज ही रैली निकाली जा रही है. छात्र ,किसान ,सामाजिक संगठनों के लोग, राजनीतिक दलों के लोग इस मामले के अंतिम गुनहगार पकड़े जाने तक आंदोलन करने के मूड में है. सिलीगुड़ी के अलावा धूपगुड़ी ,कलियागंज ,जलपाईगुड़ी, अलीपुरद्वार, कूचबिहार, मालदा, उत्तर दिनाजपुर, रायगंज, यानी सब जगह इस कांड के विरोध में प्रदर्शन हो रहे हैं. अब तो छात्र छात्राओं ने भी इसके खिलाफ मुहिम छेड़ दी है. तृणमूल छात्र परिषद ,अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद जैसे संगठन खुलकर सामने आ चुके हैं.

पीड़िता की मां ने भी जनता से आंदोलन तेज करने का आह्वान किया है. एक तरफ जहां पूरा बंगाल इंसाफ की मांग में सड़कों पर उतर चुका है, वहीं इस मामले का मुख्य आरोपी संजय राय को जेल का खाना पसंद नहीं आ रहा है. जेल में उसे रोटी और सब्जी मिलती है. लेकिन वह एग और चाउमिन की मांग कर रहा है. जेल अधिकारी उसे वही खाना दे रहे हैं जो अन्य कैदियों को दिया जाता है. जेल में पिछली रात उसने अंडा और चाऊमीन खाने की इच्छा व्यक्त की लेकिन उसकी इच्छा पूरी नहीं की गई.

जेल में संजय राय जिस कोठरी में है, उसकी कोठरी की सुरक्षा बढ़ा दी गई है.24 घंटे जेल प्रहरी उसकी कोठरी के सामने पहरा देते हैं. ताकि किसी अप्रिय घटना को अंजाम नहीं दिया जा सके. संजय राय का बयान भी काफी उलझा हुआ है. वह मीडिया पर अपनी भड़ास निकालना चाहता है. उसका कहना है कि मीडिया ने उसे फसाया है. इस तरह से इस मामले में सीबीआई ने अब तक जितने पात्रों से पूछताछ की है, उनसे ऐसा नहीं लगता कि इस बहुचर्चित मामले का इतनी जल्दी खुलासा हो सकेगा. सीबीआई को सफलता मिलेगी भी या नहीं, कब तक मिलेगी, इस पर प्रश्न चिन्ह लगा हुआ है. हालांकि सीबीआई चुपचाप अपना काम कर रही है.

(अस्वीकरण : सभी फ़ोटो सिर्फ खबर में दिए जा रहे तथ्यों को सांकेतिक रूप से दर्शाने के लिए दिए गए है । इन फोटोज का इस खबर से कोई संबंध नहीं है। सभी फोटोज इंटरनेट से लिये गए है।)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *