September 19, 2024
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जुर्म

बंगाल में दुष्कर्म के दोषियों को 10 दिनों में मृत्युदंड का कानून!

आरजीकर कांड ने बंगाल में राजनीतिक और सामाजिक तूफान खड़ा कर दिया है. इस मामले को लेकर बंगाल सरकार बैक फुट पर है. डैमेज कंट्रोल के लिए बंगाल सरकार ने आज विधानसभा में अपराजिता महिला बाल विधेयक 2024 पेश कर दिया. भाजपा ने विधेयक का समर्थन किया है. अगर यह बिल पारित हो जाता है तो बंगाल में दुष्कर्म की सजा मौत होगी.

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कोलकाता आरजीकर मामले के बाद ऐलान किया था कि वह दुष्कर्म को लेकर जल्द ही एक कानून लाएगी. इसे लेकर उन्होंने विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने का भी ऐलान किया था. पहले यह जानते हैं कि अपराजिता महिला एवं बाल विधेयक की खास बात क्या है.

आज विधानसभा में पेश किए गए इस विधेयक की तीन प्रमुख बातें हैं जो दुष्कर्म के दोषियों को कडी सजा देने का प्रावधान करती है. नंबर वन, अगर किसी महिला का दुष्कर्म करने के बाद उसकी हत्या कर दी जाती है तो ऐसा करने वाले दोषी व्यक्ति को मृत्युदंड दिया जाएगा. विधेयक की दूसरी खास बात है, अगर किसी महिला के साथ दुष्कर्म किया गया तो इस अपराध को अंजाम देने वाले दोषी को आजीवन कारावास की सजा दी जाएगी. जबकि तीसरी विशेषता किसी नाबालिग के साथ दुष्कर्म होने पर उसके दोषी को 20 साल की कैद और मौत की सजा दोनों का प्रावधान रखा गया है.

इस विधेयक को केंद्र सरकार के कानून में संशोधन के बाद पेश किया गया. भारत सरकार का दुष्कर्म को लेकर जो कानून है उसमें पूरी तरह से बदलाव नहीं किया जाएगा. मगर इस नए कानून के जरिए 21 दिनों मे न्याय सुनिश्चित होगा. अगर 21 दिनों में फैसला नहीं आ पाता है तो पुलिस अधीक्षक की इजाजत से 15 दिन और मिल जाएंगे. अब सरकार इस बिल को राज्यपाल की मंजूरी के लिए भेजेगी और राज्यपाल के हस्ताक्षर के बाद विधेयक कानून बन जाएगा.

परंतु समस्या यह है कि जब तक पुलिस दोषियों का पता नहीं लगा लेती, दोषी के खिलाफ अदालत में चार्जशीट पेश नहीं कर देती, तब तक इस विधेयक के प्रावधान को कैसे लागू किया जा सकता है और इस कानून का क्या लाभ हो सकता है. RGकर के कई दिन हो गए. अभी तक इस मामले के दोषियों का पता नहीं चल पाया है. इस मामले में अब तक सीबीआई ने संदेह व प्राथमिक सबूतों के आधार पर सिर्फ एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है, जिसका नाम संजय राय है. जबकि आरजीकर के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष की गिरफ्तारी इस मामले में नहीं हुई है. संदीप घोष की गिरफ्तारी आरजीकर मेडिकल कॉलेज में हुए भ्रष्टाचार के मामले में हुई है.

पिछले 15 दिनों से सीबीआई संदीप घोष से महिला ट्रेनी डॉक्टर मामले में पूछताछ कर रही थी. सीबीआई की एंटी करप्शन यूनिट संदीप घोष के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप की जांच कर रही है. उन्हें सीजीओ कंपलेक्स से कोलकाता के निजाम पैलेस स्थित सीबीआई कार्यालय ले जाया गया और पूछताछ के क्रम में उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. कोलकाता हाई कोर्ट के आदेश पर सीबीआई की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा ने डॉक्टर संदीप घोष के खिलाफ 24 अगस्त को FIR दर्ज कर अनियमितता मामले की जांच शुरू कर दी थी.

सीबीआई की टीम ने डॉक्टर संदीप घोष के अलावा बिपलब सिंघ वेंडर, सुमन हाजरा वेंडर और संदीप घोष के अतिरिक्त सचिव अफसर अली को भी गिरफ्तार किया है. आरजीकर अस्पताल के पूर्व उपाधीक्षक डॉक्टर अख्तर अली ने डॉ संदीप घोष के खिलाफ वित्तीय अनियमितताओं के आरोप लगाए थे. डॉ अली ने अपनी शिकायत में संदीप घोष के अलावा कॉलेज के फोरेंसिक मेडिसीन विभाग के प्रमुख देवाशीष सोम, अस्पताल के पूर्व अधीक्षक संजय वशिष्ट और अस्पताल के आपूर्ति कर्ता बिपलब सिंह का नाम भी लिया था.

संदीप घोष तथा अन्य की गिरफ्तारी कल देर रात की गई थी. सीबीआई की टीम ने उनके घर से कई महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद किए हैं. इस बात की पूरी संभावना है कि जल्द ही बाकी लोग गिरफ्तार किए जा सकते हैं. जूनियर डॉक्टर पुलिस आयुक्त विनीत गोयल के इस्तीफे की मांग पर अड़े हुए हैं. उन्होंने लाल बाजार के प्रस्ताव को ठुकरा दिया है. आंदोलनकारी डॉक्टर विनीत गोयल से मिलना चाहते हैं. लेकिन लाल बाजार पुलिस उन्हें इसकी इजाजत नहीं दे रही है. डॉक्टर लाल बाजार हेड क्वार्टर के बाहर धरने पर बैठे हुए हैं और विनीत गोयल के इस्तीफे पर अड़े हुए हैं. डीसी सेंट्रल इंदिरा मुखोपाध्याय के अनुसार डॉक्टरों के प्रतिनिधि मंडल से कहा गया है कि केवल 20 डॉक्टर ही अंदर जा सकते हैं. लेकिन प्रदर्शनकारी डॉक्टर इस प्रस्ताव को मानने के लिए तैयार नहीं है.

(अस्वीकरण : सभी फ़ोटो सिर्फ खबर में दिए जा रहे तथ्यों को सांकेतिक रूप से दर्शाने के लिए दिए गए है । इन फोटोज का इस खबर से कोई संबंध नहीं है। सभी फोटोज इंटरनेट से लिये गए है।)

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