September 20, 2024
Sevoke Road, Siliguri
घटना

29 सितंबर को आसमान में 2-2 चांद नजर आएंगे!

दिन में ही चांद तारे नजर आना एक मुहावरा है. अब तक यही देखा गया है कि एक सूरज और एक चांद से ही यह संसार चलता है. लेकिन दो दो चांद अंतरिक्ष में नजर आए तो आप क्या कहेंगे. वह भी बहुत जल्द. एक बार फिर से खगोलीय घटना घटने जा रही है. हालांकि जो चांद नजर आएगा, वह सामान्य चांद से 350 हजार गुना छोटा है.

अंतरिक्ष की दुनिया अत्यंत रहस्यमय और जटिल है. खगोलीय विज्ञान शुरू से ही उत्सुकता और रहस्य से भरा हुआ है. खगोलीय घटनाओं के बारे में वैज्ञानिक जानने के लिए दिन-रात अनुसंधान करते रहते हैं. अब वैज्ञानिकों ने कहा है कि अंतरिक्ष में एक नहीं बल्कि दो दो चांद नजर आने वाले हैं. इस अध्ययन के बाद लोगों की उत्सुकता और दिलचस्पी बढ़ गई है कि आखिर इतनी बड़ी खगोलीय घटना कैसे हो सकती है!

मजे की बात तो यह है कि यह घटना बस कुछ ही दिनों में होने जा रही है. आसमान में एक बड़ा चांद और एक छोटा चांद नजर आएगा. जो छोटा चांद होगा, वह वास्तव में एक एस्टेरॉयड ही होगा. यह छोटे चांद की तरह दिखेगा और पृथ्वी का चक्कर लगाएगा. वैज्ञानिकों ने मिनी मून का नाम दिया है. इसे 2024 pT 5 नाम दिया गया है. दुनिया भर की उत्सुकता बढ़ती जा रही है.

यह छोटा चांद 29 सितंबर से 25 नवंबर 2024 तक पृथ्वी की कक्षा में रहेगा . इसलिए अगर एक दिन में नजर नहीं आए तो चिंता करने की जरूरत नहीं है. यह पूरे 56 दिन तक पृथ्वी की कक्षा में रहेगा. एस्टेरॉयड का व्यास लगभग 10 मीटर है. इसकी तलाश टेरेस्टेरियल इंपैक्ट लास्ट अलर्ट सिस्टम के जरिए हुई है. वैज्ञानिकों के अनुसार ऐसी घटनाएं दशकों में होती हैं. हालांकि ऐसी घटनाओं का भौतिक जगत पर क्या असर होता है, अब वैज्ञानिक इसका अध्ययन करने में जुट गए हैं.

2024 pt5 एस्टेरॉयड को आप नंगी आंखों से नहीं देख सकते हैं. क्योंकि इसका व्यास केवल 10 मीटर है. इसलिए इसे देखने के लिए विशेष यंत्रों की आवश्यकता होगी. इसे मॉडर्न ऑब्जर्वेटरी की मदद से ही देखा जा सकेगा. क्योंकि यह एस्टेरॉयड रॉक पदार्थ का बना है इसलिए यह अंतरिक्ष के प्रकाश से ही चमकेगा. यह एस्टेरॉयड 29 सितंबर से लेकर 25 नवंबर तक पृथ्वी की परिक्रमा करेगा और उसके बाद पृथ्वी के गुरूत्वाकर्षण से ही आगे बढ़ जाएगा.

वैज्ञानिकों ने मिनी मून को एक खगोलीय पिंड कहा है. यह अत्यंत छोटा है. 7 अगस्त 2024 को एटलस ने इसे ढूंढा. केवल 33 फीट ब्यास वाला है. पृथ्वी के गुरूत्वाकर्षण से बचने और सूर्य के चारों ओर अपना मार्ग फिर से शुरू करने से पहले यह पृथ्वी के चारों ओर एक परिक्रमा पूरी करेगा. इस खगोलीय घटना का हमारे जीवन और जगत पर क्या असर पड़ता है वैज्ञानिकों ने इसका अध्ययन करना शुरू कर दिया है |

(अस्वीकरण : सभी फ़ोटो सिर्फ खबर में दिए जा रहे तथ्यों को सांकेतिक रूप से दर्शाने के लिए दिए गए है । इन फोटोज का इस खबर से कोई संबंध नहीं है। सभी फोटोज इंटरनेट से लिये गए है।)

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