November 21, 2024
Sevoke Road, Siliguri
अलीपुरद्वार उत्तर बंगाल राजनीति

जोड़ा फूल खिलेगा या कमल? बुधवार करेगा फैसला!

बुधवार टीएमसी और भाजपा के लिए महत्वपूर्ण दिन है. बुधवार साबित करेगा कि किसमे कितना है दम? टीएमसी के लिए स्थितियां अनुकूल नहीं थी. भाजपा ने इस स्थिति को भुनाने की कोशिश की है. इसके बावजूद सवाल बड़ा है कि क्या बीजेपी के लिए राह आसान है ? दूसरी तरफ इन सीटों पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सीधा चुनाव प्रचार नहीं किया है. इसके बावजूद क्या टीएमसी अपना दमखम और दावा साबित कर पाएगी ?

पश्चिम बंगाल में 6 विधानसभा सीटों के लिए कल उपचुनाव हो रहा है. 6 विधानसभा सीटों में सभी सीटें स्थानीय विधायकों के सांसद चुने जाने के कारण खाली हुई हैं. इनमें से 5 सीटों पर TMC और एक सीट पर भाजपा की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है. इन सीटों के लिए कल कडी सुरक्षा के बीच मतदान होगा. हालांकि विभिन्न दलों की ओर से इन सीटों पर उम्मीदवार उतारे गए हैं. परंतु मुख्य मुकाबला भाजपा और टीएमसी के बीच है.

दार्जिलिंग के दौरे पर आई मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दावा किया है कि उनकी पार्टी सभी 6 सीटों पर विजई होगी. उत्तर बंगाल में दो महत्वपूर्ण सीटें हैं सिताई और मदारीहाट. भाजपा का उत्तर बंगाल में अच्छा प्रभाव रहा है. उत्तर बंगाल की दोनों सीटों पर जीत के लिए भाजपा ने प्रदेश के बड़े-बड़े नेताओं को चुनाव प्रचार के लिए उतारा था. पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी और केंद्रीय राज्य मंत्री सुकांत मजूमदार ने अपनी पूरी ताकत लगा रखी है. लेकिन क्या इसके बावजूद बीजेपी ये सीटें निकाल पाएगी?

हारोआ, नैहाटी, मेदिनीपुर और तालडांगरा अन्य सीटें हैं. इन सीटों पर तृणमूल कांग्रेस का प्रभाव है. तृणमूल कांग्रेस की ओर से टीएमसी के बड़े-बड़े नेताओं ने चुनाव प्रचार किया है. आखिरी समय में टीएमसी सांसद और प्रसिद्ध क्रिकेटर युसूफ पठान ने उत्तर बंगाल की दोनों सीटों पर चुनाव प्रचार किया और संवाददाताओं से बातचीत में दावा किया कि इन दोनों ही सीटों पर तृणमूल कांग्रेस जीत रही है. कल उपचुनाव होंगे.

इन 6 विधानसभा सीटों के लिए होने वाले उपचुनाव के लिए कल शाम को ही चुनाव प्रचार थम गया. कुल 43 प्रत्याशी चुनाव मैदान में है. कोलकाता हाई कोर्ट ने सिताई विधानसभा सीट पर TMC प्रत्याशी का नामांकन रद्द करने को दायर मामले को खारिज कर दिया है. सायन बनर्जी नमक अधिवक्ता ने यह मामला दायर किया था. उन्होंने आरोप लगाया था कि TMC उम्मीदवार ने हलफनामे में अपने बारे में जानकारी छिपाई थी.

बहरहाल इन 6 विधानसभा सीटों पर टीएमसी और भाजपा के बीच सीधा मुकाबला होने वाला है. चुनाव प्रचार में आरजीकर मेडिकल कॉलेज मामला के कारण बदली हुई राजनीतिक और सामाजिक स्थिति को भुनाने की कोशिश करते हुए भाजपा ने यह साबित करने की कोशिश की कि ममता बनर्जी अपनी विश्वसनीयता खो चुकी है. इस तरह से सत्ता विरोधी लहर का लाभ उठाने की भाजपा ने चुनाव प्रचार में कोशिश की है. कुछ ही देर में इसकी परीक्षा हो जाएगी. शुभेंदु अधिकारी के रणनीतिक कौशल का भी परीक्षण होने वाला है.

6 विधानसभा सीटों में से पांच सीटों पर तो तृणमूल कांग्रेस का पहले से ही कब्जा रहा है. जबकि एक सीट मदारीहाट भाजपा के पाले में रही है. पर सवाल यह है कि क्या बीजेपी मदारीहाट सीट बचा पाएगी? यहां भाजपा की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है. इन सभी सीटों पर कांग्रेस और वाम मोर्चा ने भी अपने उम्मीदवार उतारे हैं. लेकिन वह मुख्य मुकाबले में नहीं है. ये सभी दल सिर्फ अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे हैं.

पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2021 में कांग्रेस और वाम मोर्चा गठबंधन को कोई खास फायदा नहीं मिला था. कांग्रेस और ISF के गठबंधन के बावजूद कांग्रेस पार्टी 0 सीटों पर सिमट गई थी. जबकि पिछले विधानसभा चुनाव 2016 में कांग्रेस के पास 44 सीटें थी. और वह मुख्य विपक्षी दल थी. वर्तमान विधानसभा में कांग्रेस का खाता तक नहीं खुला है. माकपा की भी स्थिति यही है. जबकि पिछले विधानसभा चुनाव में माकपा को 26 सीटें मिली थी.

(अस्वीकरण : सभी फ़ोटो सिर्फ खबर में दिए जा रहे तथ्यों को सांकेतिक रूप से दर्शाने के लिए दिए गए है । इन फोटोज का इस खबर से कोई संबंध नहीं है। सभी फोटोज इंटरनेट से लिये गए है।)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *