सिलीगुड़ी कॉरिडोर पूर्वोत्तर भारत का एक मजबूत द्वार है. पूर्वोत्तर के राज्य सिलीगुड़ी कॉरिडोर से ही जुड़े हुए हैं. ऐसे में अगर सिलीगुड़ी गलियारा कमजोर होता है, तो इसका सबसे बड़ा असर पूर्वोत्तर राज्यों पर पड़ेगा. चीन और कुछ पड़ोसी देशों की नजर पहले से ही सिलीगुड़ी कॉरिडोर पर टिकी है. अब सिलीगुड़ी गलियारा को कमजोर करने की एक अंतरराष्ट्रीय साजिश का पता चला है. स्पेशल टास्क फोर्स की गिरफ्त में आए एक नाइजीरियाई तस्कर ने कोकीन तस्करी को लेकर जो खुलासा किया है, वह सिलीगुड़ी प्रशासन, राज्य सरकार और भारत सरकार के लिए चिंता का विषय है.
नाइजीरियन तस्कर का नाम इंड्रयू ल्यू है. लेकिन तस्करी की दुनिया में उसे अब्बास, चाइमेजी, जियाद, गुड लक आदि नाम से जाना जाता है. वह एक अंतरराष्ट्रीय तस्कर गिरोह से जुड़ा हुआ है. अलग-अलग गिरोह के लोग उसे अलग-अलग नाम से जानते हैं. उसकी तस्करी के तार अफ्रीका और अमेरिका से भी जुड़े हुए हैं. वह दुनिया के एक बड़े तस्कर गिरोह का आदमी है.
उसने एसटीएफ के अधिकारियों को बताया कि पूर्वोत्तर भारत में उथल-पुथल मचाने के लिए विदेशी ताकतों ने सिलीगुड़ी गलियारे को कमजोर करने की एक साजिश रची है. यह है मादक पदार्थों की तस्करी. इसे एक हथियार के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है, ताकि सिलीगुड़ी गलियारे में अव्यवस्था, अशांति और प्रशासनिक भटकाव उत्पन्न हो. इससे शत्रुओं को सिलीगुड़ी गलियारा में पांव पसारने में मदद मिलेगी.
यह तस्कर 2012 में भारत आया था. उसके पास छात्र वीजा था. लेकिन वह पढ़ाई की आड़ में कोकिंग की तस्करी करता था. 2022 में उसका वीजा समाप्त हो गया. इससे पहले ही वह अफ्रीका, आईवोरीकोस्ट और अमेरिका के पते पर तीन फर्जी पासपोर्ट और वीजा बनवा चुका था. मुंबई, दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान तक उसके नेटवर्क हैं. वह 5 साल पहले से ही पूर्वोत्तर भारत को कमजोर करने के मिशन पर काम कर रहा था. उसने सिलीगुड़ी गलियारे को अपना निशाना बनाया. यहां वह दार्जिलिंग, सिक्किम तथा पूर्वोत्तर के कई राज्यों का दौरा कर रहा था. इसके साथ ही वह ड्रग्स तस्करों का विस्तार कर रहा था.
एसटीएफ के अधिकारियों ने नाइजीरियन तस्कर से पूछताछ की तो यह पता चला कि सिलीगुड़ी और पूर्वोत्तर राज्यों में 6 से 7 अंतर्राष्ट्रीय तस्कर सक्रिय हैं, जो सिलीगुड़ी गलियारा को कमजोर करने की साजिश को साकार करने में जुटे हुए हैं. पुलिस उनके ठिकानों पर दबिश देने की तैयारी में जुट गई है. इस तस्कर से एसटीएफ के अधिकारियों को और भी कई महत्वपूर्ण जानकारी मिली है.
जैसे उसे पाकिस्तान के रास्ते कोकीन की सप्लाई की जाती थी. वह पंजाब, हरियाणा ,राजस्थान आदि राज्यों में बार-बार ठिकाने बदलकर रह रहा था. एसटीएफ के अधिकारियों ने बताया कि सिलीगुड़ी और पूर्वोत्तर भारत में वह युवा पीढ़ी और छात्रों को अपना शिकार बना रहा था. सिलीगुड़ी से होकर ही कोकीन की खेप पूर्वोत्तर के राज्यों में पहुंचाई जा रही थी.
आपको बताते चलें कि विगत 11 जनवरी को एसटीएफ के अधिकारियों ने सिलीगुड़ी शहर के 6 नंबर वार्ड से सरताज आलम नामक एक व्यक्ति को 93 ग्राम कोकीन के साथ गिरफ्तार किया था. उसे 11 दिनों की रिमांड में लेकर पूछताछ की गई तो पता चला कि उसका साथी पासंग मोक्तान भी उसके इस खेल में बराबर का हिस्सेदार है. पासंग मोक्तान को एसटीएफ ने दार्जिलिंग से गिरफ्तार किया. उसे भी 15 दिनों के रिमांड पर लिया गया. उससे पूछताछ में पुलिस ने हरियाणा के गुरुग्राम से नाइजीरियन तस्कर को गिरफ्तार किया है.
उसे गुरुग्राम अदालत से ट्रांजिट रिमांड पर लेकर एसटीएफ के अधिकारी सिलीगुड़ी पहुंचे. यहां उसे एनडीपीएस अदालत में पेश किया गया. अदालत ने उसे 10 दिनों के रिमांड पर एसटीएफ के अधिकारियों को सौंप दिया है. पुलिस और स्पेशल टास्क फोर्स को लगता है कि नाइजीरियन तस्कर से कुछ और महत्वपूर्ण जानकारी मिल सकती है. इसके आधार पर सिलीगुड़ी गलियारा को और सुरक्षित बनाने को लेकर भारत सरकार, राज्य सरकार और सुरक्षा एजेंसियों को उचित तकनीकी मदद मिलेगी!
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