हुगली का बीएसएफ जवान पी के साव को पाकिस्तानी रेंजर्स के कब्जे में रहते हुए कई दिन हो गए हैं. जवान के बारे में कोई समाचार नहीं मिल रहा है. इसलिए परिवार परेशान है.परिवार का धैर्य जवाब देने लगा है. अधिकारी सिर्फ इतना ही कह रहे हैं कि पी के साव की रिहाई का प्रयास लगातार चल रहा है. जवान के परिवार का बुरा हाल है. माता-पिता दोनों की आंखें शून्य हो गई हैं. केंद्र सरकार से विनती करते रहे हैं. पर समस्या ऐसी है कि इसका शीघ्र समाधान होता नजर नहीं आ रहा है.
मां देवंती देवी की आंखों में आंसू उमड़ रहे हैं. कहती हैं, बऊ मां पठानकोट पहुंच गई हैं.अच्छे समाचार लेकर लौटेगी. मुझे उम्मीद है. जवान की गर्भवती पत्नी रजनी अपने परिवार के सदस्यों और बेटे के साथ कोलकाता से पंजाब के पठानकोट के लिए सोमवार को रवाना हुई. वे लोग पठानकोट पहुंच गए हैं. घर से विदा लेते समय रजनी ने कहा था, अगर पठानकोट से उत्तर नहीं मिला तो दिल्ली जाऊंगी. अधिकारी कहते हैं कि सब ठीक है. लेकिन कोई पक्की सूचना नहीं दे रहा है. मेरा बच्चा मुझसे पूछता है. पापा कैसे हैं? मैं क्या जवाब दे सकती हूं…
हुगली के रिसड़ा के निवासी इस परिवार को नेताओं, विधायकों और सांसदों का पूरा समर्थन और सहयोग मिल रहा है. सारे राजनीतिक दलों के नेता उनके घर आ चुके हैं. सभी यही कह रहे हैं कि जल्द ही जवान की रिहाई हो जाएगी. अपने-अपने स्तर पर सभी प्रयास कर रहे हैं. पर सिर्फ आश्वासन के अलावा परिवार को कुछ नहीं मिल रहा. पत्नी गर्भवती है. फिर भी वह पति से मिलना चाहती है. एक बार अपने पति को देखना चाहती है. इसलिए वह घर से अपने सदस्यों के साथ पठानकोट के लिए निकल गई. इस घटना के 7 दिन हो चुके हैं. लेकिन पी के साव की सलामती अथवा रिहाई के संबंध में कोई पक्की जानकारी नहीं है.
बीएसएफ जवान पी के साव सीमा पर अपनी ड्यूटी कर रहे थे. गलती से वह सीमा पार कर पाकिस्तान में चले गए, जहां पाकिस्तानी रेंजर्स ने उन्हें पकड़ लिया और अपने कैद में डाल रखा है. उन्हें फोन पर परिवार से बात करने नहीं दिया जा रहा है. बीएसएफ और पाकिस्तान रेंजर्स के बीच जवान की रिहाई को लेकर कई बार बैठकें हो चुकी है. परंतु अब तक कोई अच्छी खबर सामने नहीं आई है. दोनों और तनातनी है. हालांकि बीएसएफ अधिकारी लगातार परिवार को आश्वस्त कर रहे हैं. परंतु पाकिस्तानी रेंजर्स की ओर से कोई ठोस जवाब नहीं मिल रहा है.
रजनी अधिकारियों से मिलकर अपने पति की रिहाई के लिए ठोस प्रयास जानना चाहती है. वह जानना चाहती है कि सरकार और बीएसएफ अधिकारी उसके पति की रिहाई के लिए क्या कदम उठा रहे हैं. वह सरकार पर दबाव डालना चाहती है. बीएसएफ अधिकारियों पर भी वह दबाव बना रही है. हालांकि बीएसएफ अधिकारी अपनी तरफ से भरपूर प्रयास कर रहे हैं. परंतु पाकिस्तानी रेंजर्स उनकी बात नहीं सुन रहे हैं. रजनी के साथ उसका बेटा, दो बहने और एक बहनोई गए हैं. वह कह रहे हैं कि अगर बीएसएफ अधिकारी कोई संतोषजनक जवाब नहीं देते हैं तो वह केंद्रीय गृह मंत्रालय व अन्य सरकारी अधिकारियों से मिलेंगे और अपनी पीड़ा उनके समक्ष रखेंगे.
रजनी की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है. पूरा परिवार तनाव से गुजर रहा है. क्योंकि गेंद पाकिस्तानी रेंजर्स के पाले में है. कुछ भी हो सकता है. पीके साव पंजाब में फिरोजपुर सीमा पर बीएसएफ की 182 बटालियन में तैनात थे. खबर है कि पी के साव की रिहाई पर भारत और पाकिस्तान सीमा बलों के बीच फ्लैग मीटिंग भी हुई है. लेकिन नतीजा कुछ नहीं निकला है. ऐसा लगता है कि जवान की रिहाई की आड़ में पाकिस्तान भारत पर दबाव बनाना चाहता है. यही कारण है कि पी के साव की रिहाई में विलंब हो रहा है.