वर्तमान में अहमदाबाद विमान हादसे के बाद देशभर के हवाई अड्डों पर यात्री विमान की सुरक्षा बढ़ा दी गई है. टेक ऑफ से पहले एक तकनीकी टीम विमान का विशेष निरीक्षण करती है. उसके बाद ही विमान उड़ान के लिए तैयार होता है. नागरिक उड्डयन मंत्रालय के निर्देश के बाद देशभर के हवाई अड्डों पर हवाई यात्रियों की सुरक्षा के लिए सभी तरह के कदम उठाए जा रहे हैं.ऐसे में यह सवाल तो बनता ही है कि बागडोगरा एयरपोर्ट पर विमान यात्रियों और विमान की सुरक्षा कितनी बढ़ाई गई है?
दिल्ली, कोलकाता, चेन्नई, मुंबई जैसे बड़े शहरों में हवाई अड्डों पर विमान और विमान यात्रियों की सघन जांच और परीक्षण किया जा रहा है. तकनीकी टीम की जांच में खरा नहीं उतरने पर विमान को कैंसिल किया जा रहा है. एयर इंडिया ने कई विमानों को कैंसिल भी कर दिया है. दूसरी कंपनियों के द्वारा भी टेस्ट में पास नहीं किए जाने पर विमान को कैंसिल कर दिया जाता है. लेकिन बागडोगरा हवाई अड्डा सूत्रों से जो जानकारी मिल रही है, अभी तक यहां तकनीकी टीम के द्वारा किसी भी विमान को जांच के दौरान कैंसिल नहीं किया गया है.
बागडोगरा एयरपोर्ट से रोजाना 35 से 42 उड़ानों का संचालन होता है. इनमें एयर इंडिया, एयर इंडिया एक्सप्रेस, अकासा, गो इंडिगो, स्पाइसजेट आदि शामिल है. यहां से रोजाना 10000 से 12000 यात्री सफर करते हैं. बागडोगरा एयरपोर्ट से दिल्ली, मुंबई, गुवाहाटी, कोलकाता, अहमदाबाद, भुवनेश्वर, चेन्नई ,बैंकॉक, पारो जैसे गंतव्य के लिए विमान उड़ान भरते हैं. सूत्रों से जो जानकारी मिल रही है, अहमदाबाद विमान हादसे के बाद यहां अतिरिक्त सतर्कता बढ़ाई गई जरूर है, परंतु विमान टेकऑफ से पहले विमान की जांच का तरीका वही है. यानी रुटीन चेकअप के अलावा कुछ नहीं होता है.
बागडोगरा एयरपोर्ट पर अब भी ऐसी कोई हाईटेक व्यवस्था नहीं है जहां विमान की सघन जांच की जा सके. ऐसी सभी उड़ानों को कोलकाता, दिल्ली और देश के दूसरे बड़े हवाई अड्डों पर तकनीकी टीम देखती है. फिर मान लिया जाता है कि विमान दुरुस्त अवस्था में है. अगर यहां की तकनीकी टीम के द्वारा विमान को उड़ान के अयोग्य माना गया तो निश्चित है कि विमान को कैंसिल कर दिया जाता है.
यह आश्चर्य का विषय है कि एक तरफ बागडोगरा एयरपोर्ट को अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट का दर्जा दिया जा रहा है, ऐसे में यहां विमान की सघन जांच की व्यवस्था होनी चाहिए, जो अब तक नहीं है. अगर कोई हादसा होता है तो इसकी जिम्मेवारी किसकी होगी? लेकिन कोई भी अधिकारी इस प्रश्न का जवाब देने के लिए तैयार नहीं है.
इस संबंध में बागडोगरा एयरपोर्ट के निदेशक मोहम्मद आरिफ से बात करने की कोशिश की गई तो यह जानकारी सामने आई कि एयरलाइंस कंपनियों की यह जिम्मेदारी होती है कि वे यात्रियों को सुरक्षित गंतव्य तक पहुंचाएं. इसके लिए एयरपोर्ट जिम्मेदार नहीं होता है.
जिस एयरपोर्ट पर 12000 से ज्यादा यात्री दैनिक आवागमन करते हैं, वहां कुशल और स्पेशल तकनीकी टीम का ना होना आश्चर्यजनक तो है ही, यह भी इशारा करता है कि अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट का दर्जा देने से पहले बागडोगरा एयरपोर्ट को बुनियादी संसाधनों की काफी जरूरत है. हादसे पूछ कर नहीं आते. इसलिए संबंधित अधिकारियों को चाहिए कि जितनी जल्दी हो सके, यात्रियों और यात्री विमान की सुरक्षा बढ़ाई जाए तथा अतिरिक्त सतर्कता बरती जाए. यह स्थाई रूप से होनी चाहिए. ऐसा नहीं कि कुछ दिनों के लिए ऐसा किया जाए और फिर इसे भुला दिया जाए!