एचएमपीवी वायरस चीन में लोगों की चिंता बढ़ा रहा है. चीन में लोग तेजी से इस वायरस की चपेट में आ रहे हैं. लोगों का टेंशन लगातार बढ़ता जा रहा है. चीन से सटे पड़ोसी देश भी काफी चिंतित हैं. भारत, नेपाल, भूटान, बांग्लादेश व पाकिस्तान चीन के पड़ोसी देश हैं. भूटान ने तो इस वायरस को लेकर पूरी तैयारी कर ली है और भूटान में आने वाले लोगों से गाइडलाइंस का पालन भी करवाया जा रहा है. लेकिन भारत में सरकार काफी सजग है. स्थिति पर नजर रखी जा रही है. उम्मीद की जा रही है कि एक-दो दिनों में स्वास्थ्य विभाग का गाइडलाइंस भी आ जाएगा.
आज भारत के लिए चिंता बढ़ाने वाली खबर है. विभिन्न न्यूज़ चैनल्स और लोकप्रिय समाचार पत्रों में प्रकाशित खबरों के अनुसार ह्यूमन मेटा न्यू मोवायरस यानी एचएमपीवी के तीन मामले सामने आए हैं. तीनों ही मामले मासूम बच्चों से जुड़े हुए हैं. अहमदाबाद में एक दो महीने का बच्चा वायरस से संक्रमित है. जबकि कर्नाटक में दो बच्चों में वायरस पाया गया है. एक 8 महीने का और दूसरा 3 महीने का बच्चा है. लोग उस दिन को भूले नहीं है, जब कोविड-19 महामारी ने दुनिया भर में लंबा लॉकडाउन लगाने पर मजबूर कर दिया था. लाखों लोगों की मौत हुई थी. लगभग 4 साल बाद इस महामारी से दुनिया उबरने की कोशिश कर रही है कि एक और वायरस ने दुनिया की चिंता बढ़ा दी है.
लोग सवाल कर रहे हैं कि क्या फिर से लॉकडाउन लगेगा? दरअसल इस वायरस को लेकर जिस तरह से डरावनी तस्वीर पेश की जा रही है और जिस तरह से यह बताया जा रहा है कि कोविड-19 और एचएमपीवी वायरस के लक्षण एक समान हैं, उसके बाद लोगों में आतंक और चिंता बढ़ती जा रही है. विभिन्न रिपोर्ट्स ने पुष्टि कर दी है कि चीन में एचएमपीवी वायरस एक महामारी का रूप ले चुका है. लेकिन भारत ने अभी स्थिति पर नजर रखी है. क्योंकि सरकारी लैब में अभी इसकी पुष्टि किया जाना बाकी है कि संक्रमित बच्चों में एचएमपीवी वायरस है या नहीं. निजी अस्पतालों की लैब रिपोर्ट पर ही बच्चों को भर्ती कराया गया है.
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद ने कर्नाटक में एचएमपीवी के दो मामलों का पता लगाया है. इसके अलावा आईसीएमआर और इंटीग्रेटेड डिजीज सर्विलांस प्रोग्राम नेटवर्क के वर्तमान आंकड़ों के आधार पर देश में इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी या गंभीर श्वसन बीमारी के मामलों में कोई असामान्य उछाल नहीं आया है. अस्पताल में भर्ती बच्चों में एचएमपीवी संक्रमण को लेकर सरकारी स्वास्थ्य विभाग और डॉक्टर कोई असामान्य बात नहीं बता रहे हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि सर्दियों में इस तरह का संक्रमण होता ही है. स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग कर्नाटक के प्रिंसिपल सेक्रेटरी और हेल्थ कमिश्नर हर्ष गुप्ता के अनुसार बच्चों में एचएमपीवी का पाया जाना कोई असामान्य बात नहीं है. इसलिए किसी को घबराने की जरूरत नहीं है.
अभी तक आईसीएमआर के द्वारा कोई गाइडलाइंस जारी नहीं किया गया है. हालांकि कुछ प्रदेशों में वहां की सरकार के द्वारा क्या करें और क्या ना करें की सूची जारी की गई है. तेलंगाना सरकार ने एक सूची जारी कर लोगों से आग्रह किया है कि वह नियमित रूप से साबुन और पानी से हाथ धोएं. सैनिटाइजर का उपयोग करें. भीड़ भाड़ वाली जगह से बचें. इसके अलावा अन्य सावधानियां, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन की भी बात कही गई है. केरल सरकार विभिन्न न्यूज़ रिपोर्ट्स का अध्ययन कर रही है. स्वास्थ्य मंत्री वीणा जॉर्ज ने कहा है कि अभी इस पर घबराने की जरूरत नहीं है.
आपको बता दें कि CDC के अनुसार एचएमपीवी 2001 में आया था. यह वायरस न्यू मोविरि डे फैमिली से जुड़ा है, जो RSV का सदस्य है. यह श्वसन संबंधित इकाई है. यह सामान्य सर्दी अथवा फ्लू के समान ही लक्षण पैदा करता है. सी डीसी के अनुसार यह वायरस छोटे बच्चों, बुजुर्ग और कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों को अपना शिकार बन सकता है. संक्रमित व्यक्ति की खांसी अथवा छींकने से यह वायरस फैलता है. इसके अलावा संक्रमित व्यक्ति से हाथ मिलाने, उसके द्वारा स्पर्श की गई जगह को छूने, हाथ को मुंह पर ले जाने, आंखों को छूने से व्यक्ति संक्रमित हो सकता है. यानी कॉविड-19 वायरस का जिस तरह से संक्रमण हुआ था, ठीक वैसे ही इस वायरस के संक्रमण के लक्षण विशेषज्ञ बता रहे हैं.
मैक्स हेल्थ केयर के अनुसार 5 साल से कम उम्र के बच्चे, बुज़ुर्ग इस वायरस से अधिक संक्रमित होते हैं. इसके अलावा अस्थमा रोगी, सीओपीडी, कमजोर इम्यूनिटी वाले लोग संक्रमित हो सकते हैं. गर्भवती महिलाओं को विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है. यह वायरस मां और बच्चे दोनों के स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकता है.इस वायरस को रोकने के लिए अभी कोई वैक्सीन उपलब्ध नहीं है. केवल बचाव ही इसका इलाज है. जिस तरह से आपने कोविड-19 के समय बचाव का उपाय किया था, ठीक वैसा ही उपाय इस वायरस से बचने के लिए भी किया जा सकता है. सरकार की ओर से अभी गाइडलाइंस आना बाकी है.
हालांकि नेशनल सेंट्रल फॉर डिजीज कंट्रोल के डायरेक्टर डॉक्टर अतुल गोयल ने भारत पर इस वायरस की जोखिम के बारे में इतना कहा है कि मौजूदा स्थिति को लेकर घबराने की कोई बात नहीं है. हां लोगों को सावधानी बरतने की जरूरत है. उन्होंने कहा है कि अगर सर्दियों के दौरान सांस संबंधित मामले अधिक आते हैं तो हमारे अस्पताल इसके लिए पूरी तरह तैयार हैं.
(अस्वीकरण : सभी फ़ोटो सिर्फ खबर में दिए जा रहे तथ्यों को सांकेतिक रूप से दर्शाने के लिए दिए गए है । इन फोटोज का इस खबर से कोई संबंध नहीं है। सभी फोटोज इंटरनेट से लिये गए है।)