November 23, 2024
Sevoke Road, Siliguri
उत्तर बंगाल घटना जुर्म सिलीगुड़ी

बुरे फंसे अनोखे लाल!

अनोखेलाल ने सोचा तक नहीं था कि वह किसी शातिर की साजिश का शिकार होकर अपनी सारी जमा पूंजी इस कदर गंवा देंगे. थोड़े-बहुत शर्मीले थे. एक प्रतिष्ठित व्यक्ति थे. समाज में उनकी खासी प्रतिष्ठा थी. उनसे एक भूल हो गई और यह भूल इसलिए हुई कि उसके बारे में उन्हें ज्यादा जानकारी नहीं थी.

उस दिन उनके मोबाइल पर एक वीडियो कॉल आया. दूसरी तरफ से एक खूबसूरत युवती बोल रही थी, जो बहुत कम कपड़े में नजर आ रही थी. कुछ देर तक अनोखेलाल युवती के आकर्षण में बंध गए. जब उन्हें कुछ समझ आया, तब उन्होंने फोन काट दिया. ताकि दोबारा कोई लड़की उनके मोबाइल पर इस तरह से अश्लील नुमाइश ना करे, यह सोच कर उन्होंने अपना मोबाइल स्विच ऑफ करके रख दिया. लेकिन आखिर कब तक अपना मोबाइल स्विच ऑफ करके रखते. जब मोबाइल खोला तो दूसरी तरफ से एक खूबसूरत लड़की के साथ उनकी एक आपत्तिजनक तस्वीर भेजी गई.

अनोखेलाल को ऐसा लगा, मानो काटो तो खून नहीं. अभी कुछ ही दिन बीते थे कि दूसरी तरफ से एक व्यक्ति का फोन आया. उसने अनोखेलाल को धमकी देते हुए कहा कि उनकी यह तस्वीर उसके रिश्तेदारों तक पहुंचा दी जाएगी और सोशल मीडिया में वायरल कर दी जाएगी. अगर वह इन सबसे बचना चाहते है तो 36 लाख रुपए का इंतजाम करें.अन्यथा उनका फोटो वायरल कर दिया जाएगा. इस घटना के दो दिन बाद उनके मोबाइल पर फिर से किसी व्यक्ति का फोन आया. उसने खुद को एक थाने का पुलिस अधिकारी बताया और कहा कि एक लड़की ने उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है.

अनोखेलाल समझ गए कि वह किसी की साजिश का शिकार हो गए हैं. उन्होंने थाने में जाने के बजाय इस विकल्प पर विचार किया कि धमकी देने वाले की मांग पूरी कर दी जाए तो उनकी प्रतिष्ठा बच सकती है. सब विचार कर उन्होंने ऐसा ही किया और फोन पर धमकी देने वाले की डिमांड पूरी कर दी. अनोखेलाल को लगा कि मुसीबत टल गई है. लेकिन यह तो मुसीबत की शुरुआत थी.इसके बाद दूसरी तरफ से लगातार उनसे पैसों की मांग की जाती रही. अब तक अनोखे लाल अपनी सारी जमा पूंजी उस व्यक्ति के अकाउंट में जमा कर चुके थे. उनके पास अब कुछ भी नहीं बचा था.

उन्होंने ब्लैक मेलर को अपना सारा हाल कह सुनाया. अपनी सामाजिक प्रतिष्ठा और माली हालत की दुहाई दी. लेकिन ब्लैकमेलर उनकी यह तकलीफ सुनने को कहां तैयार था. जब पानी सिर से गुजरने लगा, तब उन्होंने थाने जाने का फैसला कर लिया. लालबाग साइबर पुलिस स्टेशन में पहुंचकर अनोखेलाल ने पुलिस अधिकारी को सारी बात बता दी. उन्होंने इस संबंध में एक प्रार्थना पत्र भी दिया. लाल बाग साइबर पुलिस ने उनके आवेदन पर fir दर्ज कर मामले की छानबीन शुरू कर दी.

जल्द ही पुलिस ने पता लगा लिया कि हरियाणा का रहने वाला मोहम्मद शहजाद उर्फ जाहिर अहमद भोले भाले लोगों को लूटने के लिए इस तरह का खेल बरसों से खेल रहा है. पुलिस रिकॉर्ड में वह खुद को सीबीआई ऑफिसर, ईडी ऑफिसर के रूप में फ्रॉड कर चुका था. विभिन्न राज्यों की पुलिस का वह वांछित मुजरिम था. बंगाल पुलिस को जैसे ही अहमद के छिपे होने के ठिकाने की जानकारी मिली, पुलिस ने हरियाणा पुलिस से संपर्क किया और इस तरह से बंगाल और हरियाणा की संयुक्त पुलिस ने दबिश देकर मुजरिम को गिरफ्तार कर लिया. उसी दिन अहमद को कोर्ट में पेश करके बंगाल पुलिस बंगाल लेकर लौटी है.

मोहम्मद अहमद से पुलिस पूछताछ कर रही है. पुलिस अधिकारी ने बताया कि हमारी कोशिश होगी कि मुजरिम के कब्जे से रकम बरामद की जाए. इसके अलावा उसकी पृष्ठभूमि की तलाश की जाएगी. पुलिस अधिकारियों ने बताया कि साइबर ठग अहमद तक पहुंचना आसान नहीं था. पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी. इसके अलावा गुप्तचर सूत्रों की मदद भी लेनी पड़ी है.

सिलीगुड़ी पुलिस की तरफ से आए दिन लोगों को ऐसे साइबर फ्रॉड से बचने के उपाय व तौर तरीके बताए जाते रहते हैं. इसके बावजूद भी लोग छोटी-छोटी भूल कर देते हैं जो अंतत उनके जीवन की गंभीर भूल बन जाती है. इस भूल में उनका जीवन भी कभी-कभी दाव पर लग जाता है. प्रतिष्ठा, मान सम्मान सब कुछ खत्म हो जाता है. वक्त के साथ साइबर ठगी के तौर तरीके भी बदल रहे हैं. साइबर पुलिस के अधिकारी लोगों को उनसे बचने के तौर तरीके सिखा रहे हैं और साथ ही समाज में जागरूकता का संदेश भी फैला रहे हैं. अगर आप चाहते हैं कि आपकी मेहनत की कमाई, जीवन, प्रतिष्ठा सुरक्षित रहे तो एक जिम्मेदार नागरिक बनकर पुलिस के निर्देशों का पालन करें.

(अस्वीकरण : सभी फ़ोटो सिर्फ खबर में दिए जा रहे तथ्यों को सांकेतिक रूप से दर्शाने के लिए दिए गए है । इन फोटोज का इस खबर से कोई संबंध नहीं है। सभी फोटोज इंटरनेट से लिये गए है।)

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