April 19, 2025
Sevoke Road, Siliguri
उत्तर बंगाल लाइफस्टाइल सिलीगुड़ी

बांग्लादेश ने चल दी चाल! सिलीगुड़ी के ‘चिकन नेक’ पर चीन का बढ़ा खतरा!

जिस बांग्लादेश का जन्म भारत की मेहरबानी से हुआ था, उस बांग्लादेश को भारत का शुक्र गुजार होना चाहिए. लेकिन बांग्लादेश एहसान फरामोश निकला. बांग्लादेश ने भारत को अस्थिर करने की साजिश रची है. बांग्लादेश की यूनुस सरकार चीन को चिकन नेक के पास व्यापार करने के लिए अपनी भूमि सौंपने को तैयार है. अगर चीन बांग्लादेश के निमंत्रण को स्वीकार कर लेता है तो आप समझ सकते हैं कि इससे चिकन नेक काफी असुरक्षित हो जाएगा.

चिकन नेक को सिलीगुड़ी गलियारा भी कहते हैं. यह आठ राज्यों अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, सिक्किम और त्रिपुरा को भारत से जोड़ता है. ऐसे में भारत के लिए न केवल आर्थिक दृष्टिकोण से बल्कि क्षेत्रीय अखंडता को बनाए रखने के लिए भी महत्वपूर्ण हो जाता है. बांग्लादेश चाहता है कि भारत की क्षेत्रीय अखंडता को तार तार कर दिया जाए. इसीलिए बांग्लादेश चीन को अपने क्षेत्र में भूमि देने के लिए तैयार है, ताकि कारोबार के बहाने भारत को कमजोर किया जा सके और भारत की सरकार को अस्थिर किया जा सके.

बांग्लादेश की मोहम्मद यूनुस की सरकार भारत को आंख दिखाने लगी है. वर्तमान में दोनों देशों के बीच काफी तनातनी है. हाल ही में बांग्लादेश के अल्पसंख्यक हिंदुओं पर काफी अत्याचार के बाद भारत ने विरोध के स्वर बुलंद किया तो मोहम्मद यूनुस को कांटे चुभने लगे. हाल ही में मोहम्मद यूनुस चीन के दौरे पर गए थे. वह 26 मार्च से लेकर 29 मार्च तक चीन के दौरे पर थे. इस दौरान उन्होंने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की और चीन को बांग्लादेश में कारोबार करने के लिए न्यौता दिया.

अगर चीन बांग्लादेश के निमंत्रण को स्वीकार कर लेता है तो इसका सबसे बड़ा खतरा सिलीगुड़ी और चिकन नेक को होगा. क्योंकि बांग्लादेश की सीमा चिकन नेक से सटी हुई है. फुलबाड़ी में बांग्लादेश का बॉर्डर भी है. इसके अलावा दक्षिण दिनाजपुर, मालदा आदि जिलों में भी बांग्लादेश की भूमि बंगाल से सटी हुई है. अगर चीन चिकन नेक अथवा बंगाल की खाड़ी में कारोबार करता है तो भारत का पूर्वोत्तर भाग सबसे ज्यादा असुरक्षित होगा. न केवल अर्थव्यवस्था के दृष्टिकोण से, बल्कि सामरिक दृष्टिकोण से भी यह असुरक्षित होगा.

मोहम्मद यूनुस खुद को बंगाल की खाड़ी का बेताज बादशाह बता रहे हैं. वायरल वीडियो में वह कह रहे हैं कि भारत के सात राज्य, उत्तर पूर्व भारत के सात राज्य जिसे सेवेन सिस्टर्स कहा जाता है, वह लैंड लाक क्षेत्र है. उनके पास समुद्र तक पहुंचने का कोई रास्ता नहीं है. हम उस क्षेत्र में समुद्र के एकमात्र गार्जियन है. यहां पर चीन अपनी इकोनॉमी को विस्तार दे सकता है. सोशल मीडिया पर उनका वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है. इसमें वे चीन को बंगाल की खाड़ी और चिकन नेक के पास कारोबार के लिए आमंत्रित कर रहे हैं.

बांग्लादेश भारत के लिए आस्तीन का सांप बन चुका है. भारत ने हमेशा बांग्लादेश को सहयोग किया है. इसके बदले में बांग्लादेश भारत को ही तबाह करने की साजिश रच रहा है. बांग्लादेश चीन को चिकन नेक में बुला रहा है. चीन की हमेशा से ही चिकन नेक पर नजर रही है. पूर्वोत्तर के सात राज्यों में जाने के लिए चिकन नेक ही एकमात्र रास्ता है. चिकन नेक को सिलीगुड़ी का गलियारा भी कहा जाता है. यह भारत के पूर्वोत्तर राज्यों को जोड़ता है. इसी से आप समझ सकते हैं कि भारत के लिए सिलीगुड़ी कोरीडोर या चिकन नेक कितना महत्वपूर्ण है.

चिकन नेक 22 किलोमीटर चौड़ा है. जरा कल्पना कर सकते हैं कि बांग्लादेश से लगी इस भूमि के आसपास चीन कारोबार करता है तो इसकी आड़ में उसकी यही कोशिश होगी कि भारत के पूर्वोत्तर हिस्से को अलग कर दिया जाए. वह चिकन नेक पर हमला भी कर सकता है. यह इसी तरह से होगा, जैसे ईस्ट इंडिया कंपनी पहले भारत में व्यापार करने के लिए आई थी. बाद में उसने भारत को ही अपना गुलाम बना लिया. वैसे भी सिलीगुड़ी गलियारा हमेशा से ही संवेदनशील रहा है. जब तक बांग्लादेश में शेख हसीना की सरकार थी, तब तक भारत निश्चिंत था. लेकिन मोहम्मद यूनुस की कट्टरपंथी अंतरिम सरकार ने भारत के लिए मुसीबत बढ़ा दी है.

चिकन नेक या सिलीगुड़ी गलियारे के दक्षिण में बांग्लादेश स्थित है. जबकि उत्तर में भूटान और पश्चिम में नेपाल स्थित है. भारत और चिकन नेक की सुरक्षा के लिए यह जरूरी है कि तीनों ही देश सुरक्षित रहें और भारत के मित्र बनकर रहे. भूटान व नेपाल की ओर से फिलहाल भारत के लिए कोई खतरा नहीं है.परंतु बदले समय में बांग्लादेश ने भारत को आंख दिखाना शुरू कर दिया है. बांग्लादेश भारत को ब्लैकमेल करना चाहता है, ताकि भारत उसकी मांग को मानता रहे. अगर भारत ऐसा नहीं करता है तो बांग्लादेश चीन को अपने क्षेत्र में जगह दे सकता है. अब देखना होगा कि चीन बांग्लादेश के निमंत्रण को स्वीकार करता है या नहीं? यह भी साफ हो जाएगा कि बांग्लादेश भारत को ब्लैकमेल करना चाहता है या फिर सचमुच चीन को अपना क्षेत्र कारोबार के लिए सौंपना चाहता है?

(अस्वीकरण : सभी फ़ोटो सिर्फ खबर में दिए जा रहे तथ्यों को सांकेतिक रूप से दर्शाने के लिए दिए गए है । इन फोटोज का इस खबर से कोई संबंध नहीं है। सभी फोटोज इंटरनेट से लिये गए है।)

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