पश्चिम बंगाल में चुनाव छोटा हो या बड़ा, विभिन्न दलों के कार्यकर्ताओं के बीच छिटपुट हिंसा, मारपीट और खून खराबे की घटनाएं होती ही हैं. पहले चरण के चुनाव से ही यह सिलसिला शुरू हुआ है.खासकर टीएमसी और भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच मारपीट, हिंसा और झड़पों की खबरें आती रही हैं. लेकिन दो चरणों के चुनाव के बाद यह पहला मामला है जब भाजपा ने टीएमसी कार्यकर्ताओं पर मारपीट का आरोप लगाते हुए 12 घंटे का विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया है. रविवार से ही भाजपा कार्यकर्ता तृणमूल कांग्रेस के आरोपी कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी के लिए माटीगाड़ा पुलिस के सामने प्रदर्शन और पुलिस पर दबाव बना रहे थे.
आखिरकार भाजपा कार्यकर्ताओ के लगातार विरोध प्रदर्शन के बाद माटीगाड़ा पुलिस हरकत में आई है. पुलिस ने भाजपा और टीएमसी कार्यकर्ताओं की झड़प में अब तक दो लोगों को गिरफ्तार कर सिलीगुड़ी कोर्ट में पेश कर दिया है. उनके नाम नितेश सिंह और अब्दुल अली है. पुलिस बाकी आरोपियों की भी तलाश कर रही है. यह पूरा विवाद जय श्री राम नारे को लेकर हुआ था. भाजपा कार्यकर्ताओं और तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के बीच रणक्षेत्र बना था माटीगाड़ा का दो नंबर इलाका.
आज रविवार की घटना को लेकर भाजपा कार्यकर्ताओं ने माटीगाड़ा पुलिस स्टेशन के बाहर विरोध प्रदर्शन किया. कल ही भाजपा कार्यकर्ताओं ने इस घटना के विरोध में 12 घंटे के विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया था. भाजपा कार्यकर्ताओं के जबरदस्त विरोध प्रदर्शन तथा एन एच 31 को घंटो तक अवरूद्ध रखने के बाद प्रशासन ने इसे संज्ञान में लिया है. भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 31 को अवरूद्ध करने के कारण सड़क पर वाहनों के आवागमन में काफी कठिनाई का सामना करना पड़ा. इसके कारण सड़क पर वाहनों का लंबा जाम लग गया. यात्रियों को काफी कष्ट हुआ है.
घटना के पीछे बताया जाता है कि कुछ भाजपा कार्यकर्ता जय श्री राम का नारा लगाते हुए जा रहे थे. तभी तृणमूल कांग्रेस के कुछ कार्यकर्ताओं के साथ उनका विवाद बढ़ गया. देखते देखते उनका विवाद मारपीट में तब्दील हो गया. इस घटना में कई लोग घायल बताए जा रहे हैं. इस घटना के बाद भाजपा की ओर से माटीगाड़ा थाने में शिकायत दर्ज कराई गई और आरोपियों को गिरफ्तार करने की मांग की गई. बाद में भाजपा कार्यकर्ताओं के विरोध प्रदर्शन और दबाव के बाद पुलिस हरकत में आई और इस मामले से जुड़े दो लोगों को गिरफ्तार किया है.
एक भाजपा कार्यकर्ता नंदकिशोर ठाकुर के अनुसार 26 अप्रैल को दार्जिलिंग जिले के साथ-साथ रायगंज और बालू घाट में भी मतदान था. मतदान के बाद कुछ भाजपा कार्यकर्ता जय श्री राम के नारे के साथ घर लौट रहे थे. इस पर तृणमूल कांग्रेस के कुछ कार्यकर्ताओं ने उन्हें रोकने की कोशिश की. भाजपा कार्यकर्ता नंद किशोर ठाकुर के अनुसार तृणमूल कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने उन्हें गाली गलौज किया और रविवार को उन पर हमला भी किया गया. भारतीय जनता पार्टी के कैडरों ने इस मुद्दे को राज्य स्तर पर उठाया है और अपनी ताकत का प्रदर्शन किया है.
अब तक पश्चिम बंगाल में दो चरण के चुनाव संपन्न हो चुके हैं. तीसरे चरण में मालदा उत्तर और मालदा दक्षिण की दो सीटों पर 7 मई को मतदान होगा. पहले दो चरण के चुनाव में छिटपुट हिंसा की घटनाएं घटी थी. उम्मीद की जानी चाहिए कि तीसरे चरण में मालदा उत्तर और मालदा दक्षिण सीटों के मतदान में हिंसा की घटनाओं पर लगाम लगेगी. हालांकि जानकार मानते हैं कि मालदा क्षेत्र अपराधियों का क्षेत्र माना जाता है. हालांकि चुनाव आयोग यहां कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच मतदान कराने की पूरी तैयारी कर चुका है. फिर भी जानकारों का मानना है कि यहां हिंसा की पुनरावृत्ति को रोकना आसान नहीं होगा. इन दोनों सीटों पर त्रिकोणीय मुकाबला होने का अनुमान लगाया जा रहा है.
आपको बताते चलें कि कूचबिहार, जलपाईगुड़ी और दार्जिलिंग जिले में तृणमूल कांग्रेस कार्यकर्ता और भाजपा के कार्यकर्ता कई मतदान केन्द्र के नजदीक आपस में भिड़ गए थे. चोपड़ा में भी कुछ स्थानों में हिंसा की घटनाएं घटी थी. बाद में दार्जिलिंग के भाजपा उम्मीदवार ने लगभग तीन दर्जन मतदान केंद्रों में पुनः चुनाव कराने की मांग की थी. चुनाव आयोग ने भाजपा की शिकायत की जांच करते हुए कुछ मतदान केंद्रो में दोबारा चुनाव कराने की अनुमति दी है.
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