November 14, 2024
Sevoke Road, Siliguri
उत्तर बंगाल लाइफस्टाइल सिलीगुड़ी

कैपिटल एक्सप्रेस से सिलीगुड़ी To पटना… ना बाबा ना!

सिलीगुड़ी से पटना आने जाने के लिए एक रेलगाड़ी है, कैपिटल एक्सप्रेस, जो नियमित रूप से दोपहर बाद लगभग 3:45 पर सिलीगुड़ी जंक्शन से रवाना होती है. यह गाड़ी लगभग सभी स्टेशनों पर रुकती हुई पटना जाती है. कैपिटल एक्सप्रेस के बारे में यह कहा जाता है कि सिलीगुड़ी और पटना में कारोबार करने वाले लोगों के लिए यह सबसे अच्छी और सस्ती ट्रेन है.

सिलीगुड़ी और पटना का व्यापारिक संबंध रहा है. सिलीगुड़ी के अनेक छोटे मोटे व्यवसायी पटना से माल लाते हैं और व्यापारिक कार्यों के लिए भी सिलीगुड़ी टू पटना का क्रम लगा रहता है.एक अनुमान के अनुसार कैपिटल एक्सप्रेस से सिलीगुड़ी से रोजाना लगभग 700 से 1000 लोग पटना की यात्रा करते हैं. यूं तो मौसमी साग सब्जी अथवा अन्य वस्तुओं के लिए सिलीगुड़ी से पटना के लिए रोजाना अनेक डीलक्स और वोल्वो बसें भी हैं. पर इन बसों का किराया इतना ज्यादा है कि यह व्यवसायियों के लिए एक सस्ता विकल्प नहीं हो सकता है. यही कारण है कि छोटे-मोटे व्यवसायी पटना आने-जाने के लिए कैपिटल एक्सप्रेस पर ही भरोसा करते हैं.

इसके अलावा मेडिकल कार्यों से भी सिलीगुड़ी के लोगों को या तो कोलकाता जाना पड़ता है या फिर पटना. सिलीगुड़ी और पटना का संबंध बेटी और रोटी की तरह है. पटना में बनने वाले कई सामान सिलीगुड़ी में काफी महंगे बेचे जाते हैं. पटना और आसपास के बाजारों से काफी मात्रा में कच्ची सब्जियां लाकर सिलीगुड़ी के बाजारों में बेची जाती है. यातायात के लिए कैपिटल एक्सप्रेस भी एक मजबूत विकल्प है.

आम और लीचियों का मौसम शुरू होने वाला है. सिलीगुड़ी के व्यवसाईयों की भाग दौड़ बढ़ने वाली है. इसके अलावा इस महीने शादी-ब्याह भी बहुत ज्यादा है. जिन लोगों को अन्य गाड़ियों में टिकट नहीं मिलता, उन्हें कैपिटल एक्सप्रेस में जरूर टिकट मिल जाएगा. 2-4 दिन पहले का भी टिकट कंफर्म हो जाता है. अगर आप इस समय इस रेलगाड़ी से पटना का सफर करना चाहते हैं, तो सावधान रहें. सिलीगुड़ी से खुलने के बाद कैपिटल एक्सप्रेस लगभग सभी स्टेशनों पर रुकती हुई कटिहार जाती है, तब तक रेलगाड़ी में ज्यादा भीड़ नहीं होती. टी टी भी नजर आएंगे. ट्रेन के डिब्बों में साफ सफाई, पानी,शौचालय सब कुछ आपको बढ़िया नजर आएगा.

लेकिन जैसे ही कटिहार से यह ट्रेन आगे की ओर बढ़ती है, भीड बढती जाती है और भीड़ ऐसी कि जनरल टिकट लेकर यात्रा करने वाले स्लीपर बोगी कौन कहे, ए सी में भी प्रवेश कर भीड़ कर देते हैं. मजे की बात तो यह है कि उस समय न टी टी नजर आएंगे और ना ही रेलवे का कोई कर्मचारी आपकी शिकायत सुनने के लिए मौजूद रहेगा. इन दिनों कैपिटल एक्सप्रेस में सिलीगुड़ी और दार्जिलिंग के यात्रियों को ऐसा ही अनुभव हो रहा है.

हालांकि कैपिटल एक्सप्रेस एकदम सही समय पर पटना राजेंद्र नगर पहुंचती है. पर अगर आप आराम के लिए इस ट्रेन से पटना तक की यात्रा कर रहे हैं, तो शायद इन दिनों यह मुमकिन नहीं होगा. भारतीय रेलवे रेल गाड़ियों में बढती भीड़भाड़ को नियंत्रित करने के लिए समर स्पेशल रेल गाड़ियां भी चला रहा है. पर सच्चाई तो यह है कि यात्रियों की तादाद के अनुपात में गाड़ियां नहीं चलाई जा रही है. यही कारण है कि स्थानीय पैसेंजर को ट्रेन में जहां भी जगह मिलती है, वहीं घुस जाते हैं और आरक्षित यात्रियों में परेशानी का सबब पैदा करते हैं.

इन दिनों इस ट्रेन से यात्रा करने वाले लोगों के मुंह से यही सुनने को मिलेगा कि कैपिटल एक्सप्रेस से पटना आना जाना, ना बाबा ना… एक यात्री ने कटिहार के बाद के स्टेशन से पटना राजेंद्र नगर तक का टिकट बुक कराया था. जब वह अपनी बर्थ पर पहुंचा तो उसने देखा कि उसकी बर्थ पर तीन लोग पहले से ही बैठे हुए थे. उस व्यक्ति ने उन्हें अपनी बर्थ से उतर जाने की बात कही तो उल्टे वे लोग उस पर भड़क उठे. इसके बाद यात्री ने टीटी को तलाशने की कोशिश की. लेकिन टीटी महाशय पूरी बोगी में नजर ही नहीं आए. बाद में उस व्यक्ति को अन्य यात्रीगण के साथ ही अपनी बर्थ पर पटना तक की यात्रा करनी पड़ी. ब

बहरहाल अगर आप इस गाड़ी से सिलीगुड़ी टू पटना की यात्रा करना चाहते हैं तो सावधान रहें. कम से कम इस समय तो आराम की गुंजाइश नहीं है.

(अस्वीकरण : सभी फ़ोटो सिर्फ खबर में दिए जा रहे तथ्यों को सांकेतिक रूप से दर्शाने के लिए दिए गए है । इन फोटोज का इस खबर से कोई संबंध नहीं है। सभी फोटोज इंटरनेट से लिये गए है।)

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