May 4, 2024
Sevoke Road, Siliguri
उत्तर बंगाल जुर्म लाइफस्टाइल सिलीगुड़ी

अपराधमुक्त सिलीगुड़ी शहर के लिए चप्पे-चप्पे पर लगाने होंगे सीसीटीवी कैमरे!

सिलीगुड़ी शहर 3 अंतरराष्ट्रीय देशों की सीमा पर स्थित है. एक तरफ बांग्लादेश तो दूसरी ओर भूटान और नेपाल का खुला द्वार है. सिलीगुड़ी शहर से बिहार की सीमा भी लगती है. इस तरह से चारों तरफ से सिलीगुड़ी शहर अपराधियों के लिए खुला चारागाह है. बड़ी वारदातों में अपराधी अपराध करने के बाद बड़ी आसानी से सीमा पार कर पुलिस से बच निकलते हैं.

शायद यही कारण है कि सिलीगुड़ी और आसपास के इलाकों में अपराध और अपराधियों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. दिन में अपराधी अपने अपराध को अंजाम देते हैं और फिर सीमा पार कर दूसरे देशों में निकल जाते हैं. सिलीगुड़ी मेट्रोपॉलिटन पुलिस अपराधियों की धरपकड़ तो करती है, साथ ही उनके कब्जे से अवैध माल भी बरामद करती है. परंतु ऐसा उन्हीं मामलों में होता है जब पुलिस को अपने सूत्रों से सूचना मिलती है. शेष मामलों में अपराधी बखूबी अपना काम कर जाते हैं.

यहां तस्करी की घटनाएं सर्वाधिक होती हैं. ऐसा कोई भी दिन नहीं जब पुलिस नशे से लेकर अन्य मामलों का पटाक्षेप नही करती और अपराधी को गिरफ्तार कर जेल की सलाखों के पीछे नहीं पहुंचाती. जानकार बताते हैं कि यह तो छोटे प्यादे होते हैं. मास्टरमाइंड तो कभी पकड़ा ही नहीं जाता.यहां रोजाना ड्रग्स तस्करी से लेकर मानव और जानवरों के अंग की तस्करी की घटनाओं को अंजाम दिया जाता है. जब पुलिस का दबाव पड़ता है तब अपराधी सीमा पार करके दूसरे देश में चले जाते हैं.

दिन में विभिन्न स्थानों से लोग यहां आते हैं और अपना काम करने के बाद शाम को वापस चले जाते हैं. यहां अपराधियों को अपराध करने और पुलिस से बच कर निकल भागने के पर्याप्त अवसर हैं. जब-जब सिलीगुड़ी में कोई बड़ी आपराधिक घटना घटती है तो शहर की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठने लगता है. लोगों का कहना है कि सिलीगुड़ी शहर की सुरक्षा केवल पुलिस के भरोसे नहीं हो सकती. प्रशासन को संसाधन भी विकसित करने होंगे.साथ ही पुलिस को निष्पक्ष होकर काम करने देना होगा.

कई अनुभवी लोगों का मानना है कि बदलते समय में अपराधी काफी शातिर हो गए हैं. अपराध करने के बाद मौके पर वह कोई सुराग नहीं छोड़ते. ऐसे में पुलिस को अपराधी तक पहुंचने में केवल सीसीटीवी कैमरे ही मदद कर सकते हैं. यह सच भी है. क्योंकि हाल ही में चंपासारी से एक व्यवसाई का अपहरण किया गया था. जांच में लगी पुलिस टीम के वरिष्ठ अधिकारियों ने सीसीटीवी कैमरे की सहायता से ही ना केवल अपहृत व्यापारी का पता लगाया बल्कि उसे सकुशल बरामद करने में सफलता पाई. सीसीटीवी कैमरे का ही कमाल है कि पुलिस उसके आधार पर इस मामले में अपहरण के मास्टरमाइंड तक पहुंच गई है और जल्द ही व्यवसाई का अपहरण करने वाला मुख्य सरगना पुलिस के शिकंजे में होगा.

सिलीगुड़ी शहर की भौगोलिक स्थिति को देखते हुए वर्तमान में शहर को अपराध और अपराधियों से बचाने के लिए यह जरूरी हो गया है कि यहां चप्पे-चप्पे पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं. इससे अपराधियों में खौफ पैदा होगा और अपराध के मामलों में कमी आएगी. पूर्व पुलिस कमिश्नर गौरव शर्मा ने शहर को अपराध मुक्त करने की पहल के क्रम में सीसीटीवी कैमरे को प्राथमिकता दी थी और उनके प्रयास से काफी संख्या में सीसीटीवी कैमरे लगाए भी गए. लेकिन बाद में प्रशासन की धीरे-धीरे इसमें दिलचस्पी कम होती चली गई.

अब एक बार फिर से यहां जगह-जगह सीसीटीवी कैमरे लगाने की मांग तथा चर्चा शुरू हो गई है. सिलीगुड़ी मेट्रोपॉलिटन पुलिस भी शायद यही सोचती है. तभी तो सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस के अंतर्गत सभी थानों के अधिकारियों के द्वारा सीसीटीवी कैमरे लगाने पर जोर दिया जा रहा है. पिछले 2 सालों में सिलीगुड़ी शहर के विभिन्न स्थानों पर दर्जनों सीसीटीवी कैमरे लगाए जा चुके हैं. परंतु यह पर्याप्त नहीं है. आवश्यकता इस बात की है कि प्रशासन सिलीगुड़ी शहर को अपराध और अपराधियों से बचाने के लिए जगह जगह सीसीटीवी कैमरे लगाने का प्रबंध करे. तभी यहां अपराध की दर में कमी आएगी. वैसे भी जानकारों का मानना है कि अंतरराष्ट्रीय सीमा पर स्थित शहर की सुरक्षा सीसीटीवी कैमरे ही करते हैं. पुलिस को अपना काम करने के लिए सीसीटीवी कैमरे से ही ऊर्जा मिलती है.

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