जैसे नेपाल भारत का मित्र देश है. उसी तरह से भूटान भी भारत का मित्र देश बन गया है. लेकिन भूटान चीन का भी मित्र देश है. चीन की सीमा भारत के साथ-साथ भूटान में भी लगती है. चीन ने भूटान सीमा के नजदीक जमीन हथियाकर उस पर निर्माण कार्य किया है. ये सभी इलाके भूटान के अंतर्गत हैं. लेकिन फिर भी भूटान इसका विरोध नहीं कर रहा है. क्योंकि बहुत से मामलों के लिए भूटान चीन पर आश्रित है. लेकिन भूटान में चीन का निर्माण भारत के लिए खतरा बन गया है. चीन ने आठ गांव डोकलाम के पास बसा लिए हैं. यह सिलीगुड़ी चिकन नेक के लिए खतरा है.
इन क्षेत्रों में चीन ने अपने सैनिकों के लिए कई चौकिया बसा ली है. यह सभी गांव भूटान के पश्चिमी क्षेत्र में बसाए गए हैं, जो सिलीगुड़ी के काफी करीब है. चीन का यह निर्माण रणनीतिक और राजनीतिक दृष्टिकोण से काफी महत्वपूर्ण है. हाल ही में सैटेलाइट तस्वीरों से इसका खुलासा हुआ है. इसके बाद भारत की चिंता बढ़ गई है. एक रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन ने भूटान की जमीन में 22 से ज्यादा गांव बसा दिए हैं. यह सभी सिलीगुड़ी चिकन नेक के काफी करीब है. पिछले 8 सालों से इनका निर्माण चल रहा है या पूरा हो चुका है. लेकिन इसका खुलासा अब हुआ है.
भारत और चीन का सीमा विवाद कोई आज का नहीं है. बरसों से दोनों देश सीमा को लेकर तनाव का सामना कर रहे हैं. खासकर भारत की परेशानी और चिंता चीन ने हमेशा बढाई है. डोकलाम इसका ज्वलंत उदाहरण है. 2017 में भारत और चीन के सैनिक 73 दिनों तक इस क्षेत्र में आमने-सामने थे. उस समय भारत का विरोध चीन के वहां सड़क बनाने को लेकर था. लंबे समय तक दोनों देशों के सैनिक सीमा पर लड़ते रहे. बाद में एक समझौते के बाद दोनों देशों की सीमाएं पीछे हटी. कुछ दिनों तक चीन शांत जरूर रहा. लेकिन इसके बाद छुप-छुप कर डोकलाम के आसपास निर्माण करता रहा. यह सैटेलाइट तस्वीरों से सामने आ रही है.
भारत चीन पर भरोसा नहीं कर सकता लेकिन अब भूटान को लेकर भी भारत के मन में संदेह उत्पन्न हो सकता है. दोनों देशों के रिश्तों पर भी इसका असर पड़ सकता है. भारत के लिए डोकलाम रणनीतिक रूप से काफी अहम माना जाता है. जबकि चीन ने वहां चोरी छुपे निर्माण करके भारत की परेशानी को बढ़ा दिया है. सिलीगुड़ी गलियारा इसके काफी करीब है. चीन जानता है कि सिलीगुड़ी गलियारा से होकर उत्तर पूर्व भारत का रास्ता जाता है. अगर सिलीगुड़ी गलियारा चीन की चाल का हिस्सा बन जाता है तो उत्तर पूर्व भारत को हथियाना चीन के लिए कोई बड़ी बात नहीं होगी. यही कारण है कि चीन की सिलीगुड़ी कॉरिडोर पर गिद्ध दृष्टि जमी हुई है.
भारत भी सिलीगुड़ी गलियारा के महत्व को समझता है और यही कारण है कि भारत सिलीगुड़ी कॉरिडोर की सुरक्षा को लेकर काफी चिंतित है. स्कूल ऑफ़ ओरिएंटल एंड अफ्रीकन स्टडीज के रिसर्च एसोसिएट रॉबर्ट बारनेट की एक रिपोर्ट के अनुसार 2016 से चीन ने भूटान की जमीन पर 22 गांव और बस्तियां बसा ली है. रिपोर्ट के अनुसार यहां लगभग 2284 घर हैं और यहां 7000 लोग रहते हैं. चीन ने 825 वर्ग किलोमीटर जमीन पर कब्जा किया है. इन गांवों में अधिकारियों, सीमा पुलिस और सेना के जवानों को भी तैनात कर दिया गया है.
जानकार मानते हैं कि भूटान के पश्चिमी इलाके में डोकलाम पठार और आसपास के इलाकों पर चीन अपनी पकड़ मजबूत करना चाहता है. यह सभी गांव उस इलाके में बने हैं जो 1913 में तिब्बत के तत्कालीन शासक ने भूटान को सौंप दिये थे. जिस पर चीन अपना अधिकार समझता है. भारत के लिए डोकलाम काफी महत्वपूर्ण है. यह सामरिक और रणनीतिक दृष्टिकोण से भी भारत के लिए महत्वपूर्ण है. लेकिन बदली हुई स्थितियों में भारत को अपनी सुरक्षा को लेकर नई रणनीति तैयार करने की जरूरत होगी अन्यथा चीन द्वारा सिलीगुड़ी चिकन नेक के लिए बड़ा खतरा उत्पन्न किया जा सकता है.
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