May 12, 2024
Sevoke Road, Siliguri
घटना मौसम सिलीगुड़ी

सिलीगुड़ी-सिक्किम का राष्ट्रीय राजमार्ग ध्वस्त होने से सिक्किम गामी वाहन रास्ते में फंसे!

पहाड़ में जारी मूसलाधार बारिश के बीच भूस्खलन के साथ- साथ घटना दुर्घटनाओं का भी सिलसिला शुरू हो गया है. इस मौसम में पर्यटकों को सबसे ज्यादा सिक्किम जाने में डर लगने लगा है. क्योंकि सिक्किम जाने का जो मुख्य राष्ट्रीय मार्ग है, बरसात के समय उसकी स्थिति अत्यंत खतरनाक बन जाती है. इसके अलावा कई स्थानों पर सड़क की स्थिति ऐसी है कि अगर संभल कर वाहन नहीं चलाया जाए तो कभी भी दुर्घटना हो सकती है.

अगर पिछले कुछ दिनों का लेखा-जोखा लिया जाए तो सिक्किम में बाढ़ और भूस्खलन के बीच व्यापक क्षति हुई है. सिक्किम के विभिन्न स्थानों पर हजारों पर्यटकों को सीमा सड़क संगठन के लोगों ने पिछले दिनों बचाया है तो कई पर्यटकों की हादसे में जान भी गई है. सिक्किम के गेजिंग जिले में रिंबी झरने के पास हुई एक दुर्घटना में एक पर्यटक की मौत हो गई जबकि दूसरा पर्यटक भी बुरी तरह घायल हुआ है. महाराष्ट्र के किसी शहर से पति-पत्नी सिक्किम घूमने आए थे. उनका वाहन रिंबी झरना के पास एक अन्य वाहन से टकरा गया, जिसके कारण यह दुर्घटना घटी.

पिछली रात सिक्किम के विभिन्न इलाकों में जारी भारी बरसात के बीच आज एक बार फिर से सिलीगुड़ी और सिक्किम का प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्ग 10 बिरिक डांड़ा के पास क्षतिग्रस्त हो गया. मिली जानकारी के अनुसार भूस्खलन के कारण पहाड़ से चट्टान का एक बड़ा हिस्सा सड़क पर गिरा. इससे सड़क का एक हिस्सा ढह गया है. इसके कारण काफी देर तक गाड़ियों का एक बड़ा काफिला रास्ते में ही फंसा रह गया.

काफी देर के बाद लोक निर्माण विभाग को इसकी जानकारी हुई तो लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों ने रास्ते को साफ करना शुरू कर दिया. ताकि गाड़ियों का आवागमन बाधित ना हो, पहाड़ का एक हिस्सा काटकर सड़क को चौड़ा करके एकल यातायात के लिए चालू किया गया है. दोपहर के बाद वन वे ट्रैफिक शुरू हो चुका है. यह मार्ग सिक्किम और कालिमपोंग का लाइफलाइन माना जाता है. इसके चलते सिक्किम जाने वाली गाड़ियां काफी देर तक रास्ते में ही फसी रह गई .

एक तरफ तो सिक्किम में पर्यटन का लुफ्त उठाना इस मौसम में काफी जोखिम भरा है. यही कारण है कि पर्यटक यहां जाने से बचना चाह रहे हैं तो दूसरी तरफ सिक्किम में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए स्थानीय गंगटोक जिला प्रशासन के साथ-साथ सिक्किम की सरकार भी काफी दिलचस्पी ले रही है. पिछले दिनों सिक्किम में पर्यटन को बढ़ावा देने तथा सिक्किम की संस्कृति, परंपरा तथा पर्यटन केंद्रों के इतिहास के बारे में पर्यटकों को बताने के लिए सिक्किम में हेरीटेज वॉक कार्यक्रम आरंभ किया गया था. इस तरह के कई और कार्यक्रम भी विभिन्न संगठनों के द्वारा पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए चलाए जा रहे हैं.

लेकिन पर्यटकों के सामने सबसे बड़ी समस्या सिक्किम सुरक्षित पहुंचने की है. पिछली घटनाओं से पर्यटक काफी डरे हुए हैं. दूसरे में बरसात के मौसम में यहां कभी भी भूस्खलन हो सकता है. पर्यटक यह सोचता है कि राजमार्ग से गुजरते हुए कहीं उसका वाहन भूस्खलन की चपेट में ना आ जाए. यह कल्पना भी पर्यटकों के रोंगटे खड़े कर रही है. विशेषज्ञ बताते हैं कि भारी बरसात के बाद जब धूप निकलती है तो भूस्खलन की घटनाएं पहाड़ों में अत्यधिक बढ़ जाती हैं. पर्यटकों के लिए जरूरी है कि अभी थोड़ा इंतजार करें और फिर पहाड़ पर जाने के बारे में सोचें.

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