September 16, 2024
Sevoke Road, Siliguri
उत्तर बंगाल मौसम सिलीगुड़ी

पहाड़ से लेकर समतल तक त्राहिमाम! सेवक का रास्ता बंद, गाजलडोबा के रास्ते सिक्किम जाना होगा!

सिक्किम जाने के लिए अब सोचना पड़ेगा. कुछ दिनों के लिए अपनी यात्रा रोक दीजिए. सेवक का रास्ता बंद कर दिया गया है. कोरोनेशन ब्रिज से लेकर म॔गपंग तक रास्ता बेहद खराब है. निर्माण कार्य चल रहा है. भूस्खलन भी साथ-साथ चल रहा है. अधिकारी भी परेशान हैं. सडक मरम्मत के बीच भूस्खलन, सोचिए कितना कठिन काम है. सिलीगुड़ी से सिक्किम जाने के लिए NH10 का उपयोग होता है. वह कब का बंद हो चुका है. अब अगर आपको सिक्किम जाना है तो गाजोलडोबा, उदलाबाड़ी के रास्ते ही जाना होगा. उदला बाड़ी से गोरुबथान होते हुए ही सिक्किम जा सकते हैं. यह मनसंग का मार्ग कहलाता है. कम से कम 4 से 5 घंटे का अतिरिक्त समय सिक्किम जाने के लिए मान कर चलिए.

तीस्ता से दार्जिलिंग का रास्ता बंद है. कालिमपोंग से प॔बू का रास्ता बंद है. गोरुबथान से सेवक म॔गपंग स्ट्रेच भी बंद हो चुका है. आज 3 माइल और 6 माइल में जोर बांग्ला के पास तीस्ता रोड में भूस्खलन हुआ है.

तीस्ता नदी भौकाल मचा रही है तो उसकी सहायक नदियों ने चीत्कार करना शुरू कर दिया है. नदियों के आसपास रहने वाले लोग पलायन करने लगे हैं.लिस, घिस जैसी नदियों ने अपनी गर्जना के आगे समंदर तक को फेल कर दिया है. कई गांवों और बस्तियों में बाढ़ का पानी घुस गया है. भूटान से आने वाली दूसरी नदियां भी जान माल को निगलने के लिए तैयार हैं. इस बीच पहाड़ पर जाने के लिए सेवक का रास्ता बंद कर दिया गया है. सेवक के आसपास एक बार फिर से भूस्खलन हुआ है. कोरोनेशन ब्रिज से लेकर मंगप॔ग तक रोड की हालत अत्यंत खराब है. फिलहाल यहां पीडब्ल्यूडी के द्वारा निर्माण का कार्य चल रहा है.

पहाड़ी इलाकों में जान माल की स्थिति को बयां करते इन वीडियोज ने रोंगटे खड़े कर दिए हैं. लोग किस हाल में जी रहे हैं. इससे पता चल जाता है.उनका घर डूब गया है. पशुओं की देखभाल भगवान के भरोसे है. बकरियां, मुर्गियां नदी के पानी में समा रही हैं. लोग खुद को बचाए या पशुओं को, किसी की समझ में नहीं आ रहा है. इस बीच लिस नदी का बांध टूट जाने से कई घरों में पानी घुस गया है. माल ब्लाक में बागराकोट की चंदा कॉलोनी जलमग्न है. सोमवार की रात कालिमपोंग जिले के पहाड़ी क्षेत्रों में भारी बारिश हुई. जिसके कारण तीस्ता नदी की सहायक नदियों जैसे लिस, घिस इत्यादि में बाढ़ आ गई. कई इलाकों में लोगों को बचाने के लिए सेना के जवानों को उतारा गया है.

आज सुबह लिस नदी के सैलाब ने राष्ट्रीय सड़क व रेलवे लाइन के बीच गाईड बांध के लगभग 20-25 मीटर हिस्से को तोड़ दिया है. इससे पानी चंदा कॉलोनी में घुस गया. कुछ इलाकों में नदी की जलधारा भटक सी गई है. लिस नदी की जलधारा चंदा बस्ती को डुबोकर धूलियाझोड़ा तक पहुंच गई है. स्थानीय लोगों में त्राहिमाम की स्थिति उत्पन्न हो गई है. नदी की जलधारा को वापस प्राकृतिक स्थिति में लाने का प्रयास शुरू हो गया है. मशीनों और जेसीबी की मदद से चैनल को काटकर नदी को वापस मुख धारा की ओर मोड़ने का प्रयास शुरू हो गया है. इसके साथ ही बांध के टूटे हिस्से में लोहे की जाली और पत्थरों को बिछाने का काम शुरू हो गया है. माल ब्लाक में सबसे ज्यादा लोग परेशान हैं. यहां पलायन शुरू हो गया है.

तीस्ता बाजार और जलपाईगुड़ी इलाके में तीस्ता नदी के किनारे रहने वाले लोगों ने रात में घरों में जागना शुरू कर दिया है. कुत्ते बिल्लियों की आवाज और पशुओं के शोर से भाग कर नीचे जाते हैं और तेजी से पशुओं के बार को नदी की जलधारा में समाते बेबस होकर देखते हैं. और कर भी क्या सकते हैं. क्योंकि खुद उनकी जान पर बन आई है. सिक्किम के निचले इलाकों में भी यही हाल है. प्रशासन की सजगता से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जा रहा है. जलपाईगुड़ी के कई इलाकों में बाढ़ का पानी आसपास के गांवों में घुस गया है.

आज पोखरेब॔ग ग्राम पंचायत के नजदीक उच्च माध्यमिक में पढ़ने वाले कुछ विद्यार्थी उस समय विपदा में फंस गए, जब उन्होंने स्कूल जाने के क्रम में पिकअप वैन के जरिए फाल्गु नदी को पार करना चाहा. अचानक ही नदी में बहाव तेज हो गया और इसके चलते बीच नदी में ही पिकअप वैन फ॔स गई. इससे विद्यार्थियों में आतंक पैदा हो गया. भगदड़ सी स्थिति देखते हुए स्थानीय लोगों ने किसी तरह से विद्यार्थियों को बचाया. यह घटना आज सुबह 8:00 बजे की है. इस बीच मौसम विभाग के अनुसार अभी दो दिनों तक पहाड़ में बारिश और भूस्खलन का खतरा बना रह सकता है.

(अस्वीकरण : सभी फ़ोटो सिर्फ खबर में दिए जा रहे तथ्यों को सांकेतिक रूप से दर्शाने के लिए दिए गए है । इन फोटोज का इस खबर से कोई संबंध नहीं है। सभी फोटोज इंटरनेट से लिये गए है।)

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